jabalpur-hc:-पीजी-कोर्स-में-40-से-50-अंक-प्राप्त-करने-वालों-को-दी-नियुक्ति,-हाईकोर्ट-ने-तलब-किया-शिक्षक-भर्ती-का-रिकॉर्ड
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Thu, 25 Jul 2024 01: 46 PM IST जबलपुर हाईकार्ट की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए भर्ती संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है। युगलपीठ ने पूछा है कि ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें स्नातकोत्तर में 45 से 50 फीसदी अंक प्राप्त हैं और उन्हें नियुक्ति दी गई है। जबलपुर हाईकोर्ट - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us स्कूल शिक्षा और ट्रायबल वेलफेयर विभाग में पीजी कोर्स में 40 से 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति दिए जाने के मामले को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने भर्ती संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है। युगलपीठ ने पूछा है कि ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें स्नातकोत्तर में 45 से 50 फीसदी अंक प्राप्त हैं और उन्हें नियुक्ति दी गई है। याचिका पर अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। Trending Videos जबलपुर निवासी अवनीश त्रिपाठी, रायसेन के प्रदीप अहिरवार, राजस्थान के हुसैन मोहम्मद सहित अन्य की तरफ से दायर याचिका में बताया गया कि प्रदेश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में द्वितीय व तृतीय श्रेणी में विभेद है। कुछ विवि में 35 से 45 प्रतिशत को तृतीय श्रेणी और 45-50 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना गया है। वहीं, कुछ विवि में 35 से 50 प्रतिशत को द्वितीय और 50 से 59 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना गया है। राज्य सरकार का नियम एनसीटीई के नियम से अलग है।  एनसीटीई के नियम के अनुसार संबंधित विषय में स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत वाला ही हाईस्कूल की पात्रता रखता है। वहीं, राज्य का नियम है कि बीएड के साथ स्नातकोत्तर में द्वितीय श्रेणी, जबकि ट्रायबल विभाग का नियम केवल पोस्ट ग्रेजुएट अनिवार्य है। याचिका में राज्य सरकार के शिक्षक भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। सुनवाई के बाद न्यायालय ने भर्ती संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है।  याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह ने पक्ष रखा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Thu, 25 Jul 2024 01: 46 PM IST

जबलपुर हाईकार्ट की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए भर्ती संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है। युगलपीठ ने पूछा है कि ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें स्नातकोत्तर में 45 से 50 फीसदी अंक प्राप्त हैं और उन्हें नियुक्ति दी गई है। जबलपुर हाईकोर्ट – फोटो : सोशल मीडिया

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स्कूल शिक्षा और ट्रायबल वेलफेयर विभाग में पीजी कोर्स में 40 से 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति दिए जाने के मामले को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने भर्ती संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है। युगलपीठ ने पूछा है कि ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें स्नातकोत्तर में 45 से 50 फीसदी अंक प्राप्त हैं और उन्हें नियुक्ति दी गई है। याचिका पर अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।

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जबलपुर निवासी अवनीश त्रिपाठी, रायसेन के प्रदीप अहिरवार, राजस्थान के हुसैन मोहम्मद सहित अन्य की तरफ से दायर याचिका में बताया गया कि प्रदेश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में द्वितीय व तृतीय श्रेणी में विभेद है। कुछ विवि में 35 से 45 प्रतिशत को तृतीय श्रेणी और 45-50 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना गया है। वहीं, कुछ विवि में 35 से 50 प्रतिशत को द्वितीय और 50 से 59 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना गया है। राज्य सरकार का नियम एनसीटीई के नियम से अलग है। 

एनसीटीई के नियम के अनुसार संबंधित विषय में स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत वाला ही हाईस्कूल की पात्रता रखता है। वहीं, राज्य का नियम है कि बीएड के साथ स्नातकोत्तर में द्वितीय श्रेणी, जबकि ट्रायबल विभाग का नियम केवल पोस्ट ग्रेजुएट अनिवार्य है। याचिका में राज्य सरकार के शिक्षक भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। सुनवाई के बाद न्यायालय ने भर्ती संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है।  याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह ने पक्ष रखा।

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