jabalpur:-हनी-ट्रैप-रैकेट-संचालित-करने-वाली-ने-दर्ज-करवाई-दुष्कर्म-की-एफआईआर,-हाईकोर्ट-ने-कर-दी-निरस्त
कोर्ट फैसला - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us हनी ट्रैप का रैकेट चलाने वाली युवती द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता युवती तथा उसके साथियों के खिलाफ ब्लैकमेल करने की एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने कानपुर, जालौन तथा भोपाल में भी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। महोबा में एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर की शिकायत वापस लेने के लिए साढ़े तीन लाख रुपये लिए थे। याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने एफआईआर निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं।  बता दें कि छतरपुर निवासी कुलदीप दुबे तथा रमजान की तरफ से सिविल लाइन थाने में धारा 376 तथा 120 बी के तहत दर्ज एफआईआर निरस्त किए जाने की मांग करते हुए उक्त याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि शिकायतकर्ता सीमा उर्फ साधना राजपूत ने जेएमएफसी छतरपुर के समक्ष आवेदन दायर किया था। सीमा महोबा निवासी युवती झांसी के कॉलेज में पढ़ाई करती थी। इस दौरान उसकी कुलदीप से व्हाट्सएप के माध्यम से दोस्ती हो गई। दोनों के बीच फोन पर बात होने लगी। पन्ना नाका में कुलदीप ने सीमा को पन्ना नाके में मिलने के लिए जुलाई 2020 को बुलाया था। इस दौरान उसका दोस्त रमजान भी साथ आया था। इसके बाद दोनों उसे लेकर कुलदीप के सीएनआईटी कॉलोनी स्थित घर ले गए। घर में कुलदीप ने शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ यौन संबंध स्थापित किए। उसका दोस्त दूसरे कमरे में बैठा हुआ था। पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने उनके खिलाफ फरवरी 2022 में प्रकरण दर्ज किया था। याचिका में कुलदीप ने कहा था कि शिकायतकर्ता सीमा तथा उसके दो अन्य साथी दस लाख रुपये के लिए ब्लैकमेल कर रहे थे। जिनके खिलाफ उसने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सीमा के परिजनों ने मिन्नत की थी, जिसके कारण उसने जमानत में आपत्ति नहीं होने के संबंध में शपथ-पत्र दिया गया था। जिसके आधार पर सीमा सहित अन्य को अक्टूबर 2021 में हाईकोर्ट से जमानत का लाभ गया था। याचिकाकर्ता कुलदीप की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि शिकायतकर्ता का आरोप झूठा है और उनके बीच कभी यौन संबंध स्थापित नहीं हुए हैं। शिकायतकर्ता हनी ट्रैप रैकेट चलाती है और कानपुर, जालौन तथा भोपाल में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाई है। इसके अलावा महोबा में एक व्यक्ति के खिलाफ रेप की शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने शिकायत वापस लेने के एवज में साढ़े तीन लाख रुपये लिए थे। दोनों पक्षों के बीच लिखित में समझौता हुआ था। समझौते में उक्त बात का उल्लेख किया गया है। एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए एफआईआर निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोर्ट फैसला – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

हनी ट्रैप का रैकेट चलाने वाली युवती द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता युवती तथा उसके साथियों के खिलाफ ब्लैकमेल करने की एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने कानपुर, जालौन तथा भोपाल में भी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। महोबा में एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर की शिकायत वापस लेने के लिए साढ़े तीन लाख रुपये लिए थे। याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने एफआईआर निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। 

बता दें कि छतरपुर निवासी कुलदीप दुबे तथा रमजान की तरफ से सिविल लाइन थाने में धारा 376 तथा 120 बी के तहत दर्ज एफआईआर निरस्त किए जाने की मांग करते हुए उक्त याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि शिकायतकर्ता सीमा उर्फ साधना राजपूत ने जेएमएफसी छतरपुर के समक्ष आवेदन दायर किया था। सीमा महोबा निवासी युवती झांसी के कॉलेज में पढ़ाई करती थी। इस दौरान उसकी कुलदीप से व्हाट्सएप के माध्यम से दोस्ती हो गई। दोनों के बीच फोन पर बात होने लगी। पन्ना नाका में कुलदीप ने सीमा को पन्ना नाके में मिलने के लिए जुलाई 2020 को बुलाया था। इस दौरान उसका दोस्त रमजान भी साथ आया था। इसके बाद दोनों उसे लेकर कुलदीप के सीएनआईटी कॉलोनी स्थित घर ले गए। घर में कुलदीप ने शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ यौन संबंध स्थापित किए। उसका दोस्त दूसरे कमरे में बैठा हुआ था। पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने उनके खिलाफ फरवरी 2022 में प्रकरण दर्ज किया था।

याचिका में कुलदीप ने कहा था कि शिकायतकर्ता सीमा तथा उसके दो अन्य साथी दस लाख रुपये के लिए ब्लैकमेल कर रहे थे। जिनके खिलाफ उसने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सीमा के परिजनों ने मिन्नत की थी, जिसके कारण उसने जमानत में आपत्ति नहीं होने के संबंध में शपथ-पत्र दिया गया था। जिसके आधार पर सीमा सहित अन्य को अक्टूबर 2021 में हाईकोर्ट से जमानत का लाभ गया था। याचिकाकर्ता कुलदीप की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि शिकायतकर्ता का आरोप झूठा है और उनके बीच कभी यौन संबंध स्थापित नहीं हुए हैं। शिकायतकर्ता हनी ट्रैप रैकेट चलाती है और कानपुर, जालौन तथा भोपाल में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाई है। इसके अलावा महोबा में एक व्यक्ति के खिलाफ रेप की शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने शिकायत वापस लेने के एवज में साढ़े तीन लाख रुपये लिए थे। दोनों पक्षों के बीच लिखित में समझौता हुआ था। समझौते में उक्त बात का उल्लेख किया गया है। एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए एफआईआर निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं।

Posted in MP