jabalpur:-मंदिर-जीर्णोद्धार-का-मामला;-अवमानना-मामले-में-हाईकोर्ट-सख्त,-रीवा-कलेक्टर-और-एसडीओ-तलब
कोर्ट परिसर। - फोटो : Amar Ujala Digital विस्तार Follow Us मप्र हाईकोर्ट ने एक आदेश का अक्षश: पालन न होने के मामले को गंभीरता से लिया। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने मामले में कलेक्टर और एसडीओ को तलब करते हुए कहा है कि अब आगे कोई भी निर्माण या जीर्णोद्धार का काम न किया जाए। एकलपीठ ने अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की है।  यह अवमानना का मामला रीवा निवासी विंधेश्वरी प्रसाद और इंद्रकली सहित अन्य की ओर से दायर किया गया है, जिसमें कहा गया कि रीवा के बसामन मामा मंदिर से लगी करीब साढ़े पांच एकड़ जमीन पर पहले कलेक्टर का नाम वित्तीय प्रबंधक के रूप में दर्ज था। इस मामले में पहले प्रथम अपील दायर की गई थी, जिसमें यथास्थिति के निर्देश हुए थे, जिसके बाद शासन की ओर से अपील पेश कर कहा गया कि मंदिर का जीर्णोद्धार करना है।  कोर्ट ने केवल मंदिर के जीर्णोद्धार की अनुमति दी थी। इसके बावजूद अधिकारियों ने पूरे परिसर के विकास की योजना बनाकर वहां बड़े स्तर पर निर्माण शुरू कर दिया। इतना ही नहीं याचिकाकर्ताओं की दुकानें और घर भी तोड़ दिए गए। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जिला न्यायाधीश को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। जिला न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार के नाम पर वहां वृहद स्तर पर निर्माण कार्य जारी है। रिपोर्ट में कहा गया अधिकारियों ने पूर्व आदेशों का उल्लंघन किया है, जिसके बाद न्यायालय ने अधिकारियों को तलब करते हुए उक्त निर्देश दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने पक्ष रखा।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोर्ट परिसर। – फोटो : Amar Ujala Digital

विस्तार Follow Us

मप्र हाईकोर्ट ने एक आदेश का अक्षश: पालन न होने के मामले को गंभीरता से लिया। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने मामले में कलेक्टर और एसडीओ को तलब करते हुए कहा है कि अब आगे कोई भी निर्माण या जीर्णोद्धार का काम न किया जाए। एकलपीठ ने अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की है। 

यह अवमानना का मामला रीवा निवासी विंधेश्वरी प्रसाद और इंद्रकली सहित अन्य की ओर से दायर किया गया है, जिसमें कहा गया कि रीवा के बसामन मामा मंदिर से लगी करीब साढ़े पांच एकड़ जमीन पर पहले कलेक्टर का नाम वित्तीय प्रबंधक के रूप में दर्ज था। इस मामले में पहले प्रथम अपील दायर की गई थी, जिसमें यथास्थिति के निर्देश हुए थे, जिसके बाद शासन की ओर से अपील पेश कर कहा गया कि मंदिर का जीर्णोद्धार करना है। 

कोर्ट ने केवल मंदिर के जीर्णोद्धार की अनुमति दी थी। इसके बावजूद अधिकारियों ने पूरे परिसर के विकास की योजना बनाकर वहां बड़े स्तर पर निर्माण शुरू कर दिया। इतना ही नहीं याचिकाकर्ताओं की दुकानें और घर भी तोड़ दिए गए। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जिला न्यायाधीश को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। जिला न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार के नाम पर वहां वृहद स्तर पर निर्माण कार्य जारी है। रिपोर्ट में कहा गया अधिकारियों ने पूर्व आदेशों का उल्लंघन किया है, जिसके बाद न्यायालय ने अधिकारियों को तलब करते हुए उक्त निर्देश दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने पक्ष रखा।

Posted in MP