मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला विस्तार नाबालिग द्वारा 58 साल की वृद्ध महिला के साथ दरिंदगी से दुष्कर्म कर उसकी हत्या की जांच सीबीआई से करवाए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि नाबालिग अकेले ऐसी वारदात को अंजाम नहीं दे सकता है। हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सीबीआई, डीजीपी सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किया है। रीवा जिले के हनुमना थानांतर्गत ग्राम कैलाशपुरी में रहने वाले युवक की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि 30 जनवरी 2023 की रात को उसकी 58 वर्षीय मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना के समय निर्माणाधीन में उसकी मां अकेली थी और वह तथा उसका पिता बाहर गए हुए थे। याचिका में कहा गया था कि घटना स्थल में तीन-चार डिस्पोजल तथा दो शराब की बोतल मिली थी। उसके मां के पूरे शरीर में चोट के निशान थे। उसकी मां की नाक में पन्नी, रूई तथा कपड़ा डाला गया था। उसके मुंह में कपड़ा डाला गया था, इसके बाद गमछा, रूमाल से उसके चेहरे पर लपेटा गया था और पन्नी से ढंक दिया गया। इसके बाद पन्नी को जीआई तार से कई बार बांधा गया। उठाए कई सवाल इतना ही नहीं उसकी मां के प्राइवेट पॉर्ट में डंडे से प्रहार किया गया। उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाला गया था। उसकी मां के पूरे शरीर में चोटों के निशान थे। पुलिस ने जांच के बाद सिर्फ एक नाबालिग युवक को गिरफ्तार किया है। जबकि घटना स्थल में चार डिस्पोजल गिलास व दो शराब की बोतलें मिली थीं। उसकी मां का वजन लगभग 60 किलो था। लाश जिस स्थान में मिली वह 5 से 6 फीट ऊपर थी। पुलिस पर लगाए आरोप याचिका में कहा गया था कि उसकी मां को जिस तरफ सं बांधा गया और क्रूरता से साथ घटना को अंजाम दिया गया, वह एक नाबालिग अकेला नहीं कर सकता है। बताया गया कि पुलिस ने घटना के बाद 6 आरोपियों को अभिरक्षा में लिया था। मां के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया और नाबालिग के खिलाफ कार्रवाई की। इतना ही नहीं वह पुलिस टीम उन लोगों के घर आकर नाश्ता-पानी करती थी। पुलिस कर्मी उसे उन्हीं के घर बुलाकर कोरे कागज में उससे हस्ताक्षर लिए थे। याचिका में कहा गया था कि पुलिस पूरे मामले में लीपा-पोती कर रही है। याचिका में मामले की जांच सीबीआई से करवाने की राहत चाही गई थी। याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने पैरवी की।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो) – फोटो : अमर उजाला

विस्तार नाबालिग द्वारा 58 साल की वृद्ध महिला के साथ दरिंदगी से दुष्कर्म कर उसकी हत्या की जांच सीबीआई से करवाए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि नाबालिग अकेले ऐसी वारदात को अंजाम नहीं दे सकता है। हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सीबीआई, डीजीपी सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किया है।

रीवा जिले के हनुमना थानांतर्गत ग्राम कैलाशपुरी में रहने वाले युवक की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि 30 जनवरी 2023 की रात को उसकी 58 वर्षीय मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना के समय निर्माणाधीन में उसकी मां अकेली थी और वह तथा उसका पिता बाहर गए हुए थे। याचिका में कहा गया था कि घटना स्थल में तीन-चार डिस्पोजल तथा दो शराब की बोतल मिली थी। उसके मां के पूरे शरीर में चोट के निशान थे। उसकी मां की नाक में पन्नी, रूई तथा कपड़ा डाला गया था। उसके मुंह में कपड़ा डाला गया था, इसके बाद गमछा, रूमाल से उसके चेहरे पर लपेटा गया था और पन्नी से ढंक दिया गया। इसके बाद पन्नी को जीआई तार से कई बार बांधा गया।

उठाए कई सवाल
इतना ही नहीं उसकी मां के प्राइवेट पॉर्ट में डंडे से प्रहार किया गया। उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाला गया था। उसकी मां के पूरे शरीर में चोटों के निशान थे। पुलिस ने जांच के बाद सिर्फ एक नाबालिग युवक को गिरफ्तार किया है। जबकि घटना स्थल में चार डिस्पोजल गिलास व दो शराब की बोतलें मिली थीं। उसकी मां का वजन लगभग 60 किलो था। लाश जिस स्थान में मिली वह 5 से 6 फीट ऊपर थी।

पुलिस पर लगाए आरोप
याचिका में कहा गया था कि उसकी मां को जिस तरफ सं बांधा गया और क्रूरता से साथ घटना को अंजाम दिया गया, वह एक नाबालिग अकेला नहीं कर सकता है। बताया गया कि पुलिस ने घटना के बाद 6 आरोपियों को अभिरक्षा में लिया था। मां के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया और नाबालिग के खिलाफ कार्रवाई की। इतना ही नहीं वह पुलिस टीम उन लोगों के घर आकर नाश्ता-पानी करती थी। पुलिस कर्मी उसे उन्हीं के घर बुलाकर कोरे कागज में उससे हस्ताक्षर लिए थे। याचिका में कहा गया था कि पुलिस पूरे मामले में लीपा-पोती कर रही है। याचिका में मामले की जांच सीबीआई से करवाने की राहत चाही गई थी। याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने पैरवी की।

Posted in MP