सांकेतिक तस्वीर। – फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश में कृषि उपज मंडी का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद भी नए चुनाव नहीं करवाए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि वोटर लिस्ट बनाने की प्रकिया प्रारंभ कर दी गई है। दो सप्ताह में मंडी चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की है।
बता दें कि याचिकाकर्ता मनीष शर्मा, नरसिंहपुर निवासी पवन कौरव, जबलपुर निवासी राजेश कुमार वर्मा सहित अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मंडी चुनाव वर्ष 2013 में हुए थे। इसका कार्यकाल वर्ष 2018 में समाप्त हो गया है, परंतु अभी तक नए चुनाव नहीं करवाए गए हैं। मंडी बोर्ड अधिनियम में प्रावधान है कि कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व यानी पांच साल से पहले नए चुनाव होने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आवेदकों का कहना है कि सिर्फ विशेष परिस्थितियों में कार्यकाल को तीन साल या फिर साढ़े तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन चार साल से अधिक का समय गुजर जाने के बावजूद भी चुनावी प्रकिया प्रारंभ नहीं की गई, जो अवैधानिक है। चुनाव न कराना मतदाताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
अंतिम अवसर दिए जाने के बावजूद भी जवाब पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर दस हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी। याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उक्त जानकारी पेश की गई। सरकार की तरफ से मंडी चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान करने का आग्रह किया गया था। युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करने हुए सरकार के जवाब को रिकॉड पर लेने के निर्देश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेष उपाध्याय ने पैरवी की।
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