jabalpur:-दमोह-एसपी-के-खिलाफ-आपराधिक-अवमानना-याचिका-दायर,-मिशन-अस्पताल-के-संचालक-डॉ.-लाल-से-जुड़ा-है-मामला
विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट में दमोह के मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल के प्रकरण में गलत सूचना देने के मामले में दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका दायर की गई है। जस्टिस एके सिंह की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि महाधिवक्ता कार्यालय याचिका पर आपत्ति प्रस्तुत करना चाहता है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में लिखित में आवेदन पेश करने के निर्देश जारी किए हैं। डॉ. अजय लाल की ओर से दायर की गई आपराधिक अवमानना याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ दमोह पुलिस ने मानव तस्करी और अवैध अडॉप्शन का मामला दर्ज किया था। हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान करते हुए बिना अनुमति देश छोड़ने के निर्देश दिए थे। दमोह के पुलिस अधीक्षक ने महाधिवक्ता कार्यालय को गलत जानकारी दी कि डॉ. अजय लाल देश छोड़कर चले गए हैं। महाधिवक्ता कार्यालय ने उक्त जानकारी हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें पासपोर्ट सहित तलब किया था। निर्देश का पालन करते हुए डॉ. अजय लाल 2 सितंबर को हाईकोर्ट में उपस्थित हुए थे। उन्होंने बताया कि वे देश छोड़कर नहीं गए हैं और हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं की है। पुलिस अधीक्षक द्वारा हाईकोर्ट को गलत जानकारी देने को आपराधिक अवमानना की श्रेणी में माना गया। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, शशांक शेखर, और सिद्धांत जैन ने पक्ष रखा।

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मध्यप्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट में दमोह के मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल के प्रकरण में गलत सूचना देने के मामले में दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका दायर की गई है। जस्टिस एके सिंह की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि महाधिवक्ता कार्यालय याचिका पर आपत्ति प्रस्तुत करना चाहता है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में लिखित में आवेदन पेश करने के निर्देश जारी किए हैं।

डॉ. अजय लाल की ओर से दायर की गई आपराधिक अवमानना याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ दमोह पुलिस ने मानव तस्करी और अवैध अडॉप्शन का मामला दर्ज किया था। हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान करते हुए बिना अनुमति देश छोड़ने के निर्देश दिए थे। दमोह के पुलिस अधीक्षक ने महाधिवक्ता कार्यालय को गलत जानकारी दी कि डॉ. अजय लाल देश छोड़कर चले गए हैं। महाधिवक्ता कार्यालय ने उक्त जानकारी हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें पासपोर्ट सहित तलब किया था।

निर्देश का पालन करते हुए डॉ. अजय लाल 2 सितंबर को हाईकोर्ट में उपस्थित हुए थे। उन्होंने बताया कि वे देश छोड़कर नहीं गए हैं और हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं की है। पुलिस अधीक्षक द्वारा हाईकोर्ट को गलत जानकारी देने को आपराधिक अवमानना की श्रेणी में माना गया। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, शशांक शेखर, और सिद्धांत जैन ने पक्ष रखा।

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