jabalpur:-खेतों-के-बीच-से-ट्रकों-का-अवागमन, हाईकोर्ट-ने-90-दिन-में-किसानों-की-शिकायत-का-निराकरण-करने-कहा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us खेतों के बीच से ट्रकों के अवागमन को चुनौती देते हुए किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने किसनों के अभ्यावेदन का निराकरण 90 दिनों में करने के आदेश जारी किये हैं। एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं किसानों को 15 दिनों में पुनः अभ्यावेदन पेश करने के आदेश भी दिये हैं। याचिकाकर्ता कटनी अंतर्गत ग्राम कछेरी निवासी अमृतलाल कोल सहित अन्य किसानों की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि ग्राम झरेला जिला कटनी में बिरला व्हाइट पुट्टी का प्लांट है। प्लांट में ट्रकों के जरिये कच्चा माल परिवहन किया जाता है। ट्रकों का अवागमन उनके खेतों के बीच से होने के कारण उनकी फसल को नुकसान होता है। यही नहीं जमीन की उपजाऊ क्षमता भी खत्म हो रही है। याचिका में मांग की गयी थी कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को क्षतिपूर्ति राशि मिलनी चाहिए। इस संबंध में कलेक्टर कटनी को अभ्यावेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 90 दिन में शिकायत का निराकरण करने के आदेश जारी किए हैं।

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खेतों के बीच से ट्रकों के अवागमन को चुनौती देते हुए किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने किसनों के अभ्यावेदन का निराकरण 90 दिनों में करने के आदेश जारी किये हैं। एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं किसानों को 15 दिनों में पुनः अभ्यावेदन पेश करने के आदेश भी दिये हैं।

याचिकाकर्ता कटनी अंतर्गत ग्राम कछेरी निवासी अमृतलाल कोल सहित अन्य किसानों की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि ग्राम झरेला जिला कटनी में बिरला व्हाइट पुट्टी का प्लांट है। प्लांट में ट्रकों के जरिये कच्चा माल परिवहन किया जाता है। ट्रकों का अवागमन उनके खेतों के बीच से होने के कारण उनकी फसल को नुकसान होता है। यही नहीं जमीन की उपजाऊ क्षमता भी खत्म हो रही है। याचिका में मांग की गयी थी कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को क्षतिपूर्ति राशि मिलनी चाहिए। इस संबंध में कलेक्टर कटनी को अभ्यावेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 90 दिन में शिकायत का निराकरण करने के आदेश जारी किए हैं।

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