Investors Summit: योगी सरकार ने समिट के लिए 30 से ज्यादा आईएएस अफसरों की टीम लगा रखी है। वहीं वे खुद बुधवार को देसी निवेशकों को साधने मुंबई जा रहे हैं, जहां वे बड़े उद्योगपतियों को यूपी आने का न्योता देंगे। अब तक यूपी में दो दर्जन से ज्यादा देशों ने 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है… Investors Summit: सीएम शिवराज ने मंगलवार को इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा की। – फोटो : Amar Ujala
विस्तार कोरोना काल के बीत जाने के बाद अब देश के कई राज्यों में निवेशकों को लुभाने के लिए इन्वेस्टर्स समिट (Investors Summit) का दौर शुरू हो गया है। कोविड के बाद ओडिशा और राजस्थान में बैठकें हो गई हैं, जहां दोनों राज्यों को 10-10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। मध्यप्रदेश में भी फरवरी में होने वाली समिट अब 11-12 जनवरी 2023 को होने जा रही है। प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार भी निवेश लाने के लिए पूरी तैयारी के साथ जुट गई है। लेकिन एमपी को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार से चुनौती मिलती हुई दिखाई दे रही है। क्योंकि यूपी में भी 10 से 12 फरवरी के बीच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन होने जा रहा है।
यूपी की तैयारी एमपी से कहीं ज्यादा अच्छी
दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस समिट के लिए पिछले दस माह से तैयारियों में जुटी हुई है। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार के अफसरों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं। एमपी के अफसरों की सबसे बड़ी चुनौती यूपी से है। क्योंकि मध्यप्रदेश की समिट के ठीक एक माह बाद 10 से 12 फरवरी के बीच इसी तरह का सम्मेलन यूपी में होना है। यूपी की तैयारी एमपी से कहीं ज्यादा अच्छी दिखाई दे रही है। यूपी सरकार समिट 2023 के लिए कई देशों में रोड शो कर रही है। इसकी शुरुआत 12 दिसंबर से शुरू हो चुकी है। सरकार ने इस समिट के जरिए 60 हजार करोड़ का लक्ष्य तय किया है।
योगी सरकार ने समिट के लिए 30 से ज्यादा आईएएस अफसरों की टीम लगा रखी है। वहीं वे खुद बुधवार को देसी निवेशकों को साधने मुंबई जा रहे हैं, जहां वे बड़े उद्योगपतियों को यूपी आने का न्योता देंगे। अब तक यूपी में दो दर्जन से ज्यादा देशों ने 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। यूपी सरकार इस समिट में 10 लाख करोड़ निवेश लाने पर काम कर रही है। इसके लिए सरकार 93 दूतावासों, विदेशी औद्योगिक संगठनों, विदेश मंत्रालय और इन्वेस्ट इंडिया को पत्र भी लिख चुकी है। यूपी में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले प्रस्तावित इस आयोजन में सरकार की ओर से दुनियाभर के प्रमुख उद्योगपतियों को यूपी में निवेश का न्योता भेजा जाएगा। सरकार के मंत्री विदेश जाकर उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं, यहां की औद्योगिक नीतियों के आकर्षण आदि के बारे में बता रहे हैं। यूपी सरकार अंतरराष्ट्रीय रोड शो के साथ-साथ दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में भी रोड शो आयोजित करेगी।
एमपी: समिट में बड़े उद्योगपतियों को लाना बना चुनौती
मध्यप्रदेश की समिट का काम देख रहे विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि राजस्थान और ओडिशा में जो निवेशक शामिल हुए थे, उन्हें मध्यप्रदेश की समिट में भी लाने की तैयारियां चल रही हैं। दो प्रमुख उद्योगपति अंबानी और अडानी या उनकी कंपनी के प्रतिनिधि को समिट में लाने की कवायद में अफसर जुटे हुए हैं। समिट की तैयारियों से जुड़े अफसरों का कहना है कि राज्य सरकार के प्रतिनिधि दोनों उद्योगपतियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। कोशिश है कि इंदौर समिट में वे सभी चेहरे नजर आएं, जो देश के उद्योगों के प्रतिनिधि हैं। सरकार की तरफ से सभी को निमंत्रण पत्र भी भेजे जा चुके हैं।
इस समिट में शामिल होने के लिए 40 देशों के इन्वेस्टर्स आने वाले हैं। देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों ने भी समिट में आने की सहमति प्रदान कर दी है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद मैराथन बैठकें ले रहे हैं। सीएम उद्योगपतियों से बात करने के साथ ही समिट की तैयारियों की समीक्षा भी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान का कहना कि इंदौर में 11 जनवरी से शुरू होने वाली दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। राज्य में ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फार्मा और अन्य उद्योगों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उद्योगपतियों से इन क्षेत्रों में भी निवेश के लिए अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार अपनी ओर से हरसंभव सुविधाएं मुहैया कराएगी।
ये प्रमुख चेहरे आएंगे नजर इंदौर समिट में
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी टीम इंदौर में 11 और 12 जनवरी को होने वाली तैयारियों में जुटी हुई है। सीएम रोज समिट की तैयारियों को लेकर अपडेट ले रहे हैं। इसके अलावा प्रशासन के अफसर भी बड़े चेहरों को समिट में लाने की कवायद कर रहे हैं। अब तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहमति देने वाले सबसे नाम के रूप में आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, अडानी समूह के प्रणव अडानी, टाटा इंटरनेशनल के नोएल टाटा, बजाज फिंसर्व के सीएमडी संजीव बजाज, गोदरेज इंडस्ट्रीज के सीएमडी नादिर गोदरेज, आइटीसी के संजीव पुरी, किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के संजय सी किर्लोस्कर भी शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार समिट में आने के लिए सिएट टायर्स के अनंत गोयनका, डालमिया भारत समूह के पुनीत डालमिया, एचईजी के रवि झुनझुनवाला, जेके टायर्स के रघुपति सिंघानिया, वॉल्वो ग्रुप इंडिया के कमल बाली, एस्सार लिमिटेड के प्रशांत रुईया, मेदांता समूह के डा. नरेश त्रेहान, डाबर इंडिया के मोहित मल्होत्रा, फोर्स मोटर्स के चेयरमैन अभय फिरोदिया, पिरामल इंटरप्राइजेस के चेयरमैन अजय पिरामल, जेके सीमेंट लिमिटेड के राघवपत सिंघानिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर के संजीव मेहता, भारती इंटरप्राइजेस के राकेश भारती मित्तल, लार्सन एंड टूब्रो समूह के सीईओ एसएन सुब्रमण्यम की भी सहमति शासन को मिल चुकी है।
साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला सहित टफे मोटर्स, केडिला, सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडिगो एयरलाइंस, एसेंचर, पतंजलि आदि के प्रतिनिधियों के भी समिट में आने की संभावना जताई जा रही है।
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