Interceptor Missile: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के बालासोर जिले के अब्दुल कलाम आइलैंड से दूसरे चरण के बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. मिसाइल को एलसी-IV धामरा से इंटरसेप्टर बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च किया गया. इसके बाद चांदीपुर परीक्षण रेंज से पृथ्वी-2 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई और इसे सफलतापूर्वक रोक लिया गया. देश के लिए यह बड़ी कामयाबी है. डीआरडीओ की इस सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई दी है.
AD Endo-Atmospheric Missile एक इंटरसेप्टर मिसाइल है, जो किसी भी बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर कर सकती है. भारत ने इसका सफल परीक्षण किया है. यह देश के लिए काफी उपयोगी मिसाइल है. चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत के लिए यह बहुत उपयोगी मिसाइल सिस्टम है. परीक्षण के दौरान पहले पृथ्वी-2 न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई इसके बाद डीआरडीओ ने इंटरसेप्टर मिसाइल AD-1 को लॉन्च किया.
रक्षा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि उड़ान परीक्षण के दौरान सभी परीक्षण लक्ष्यों को सौ फीसदी हासिल किया गया जिससे सम्पूर्ण नेटवर्क-केंद्रित युद्ध अस्त्र प्रणाली की पुष्टि हुई. मंत्रालय ने कहा कि दूसरे चरण में एडी एंडो-एटमॉस्फेरिक मिसाइल को शाम चार बजकर 24 मिनट पर चांदीपुर स्थित आईटीआर के एलसी-3 से दागा गया. दूसरे चरण की एडी अंतः-वायुमंडलीय मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित दो चरणीय ठोस ईंधन प्रणोदित एवं जमीन से दागी जाने वाली मिसाइल प्रणाली है. इसका उद्देश्य निम्न बाह्य-वायुमंडलीय क्षेत्रों की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के कई प्रकार के बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को निष्प्रभावी करना है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उड़ान परीक्षण ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया, जिससे लंबी दूरी के सेंसर, कम विलंबता संचार प्रणाली और उन्नत इंटरसेप्टर मिसाइलों से युक्त एक पूर्ण नेटवर्क केंद्रित युद्ध अस्त्र प्रणाली की पुष्टि हुई. बता दें, भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमाओं के अंदर और बाहर दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है.
किसी भी मिसाइल को रास्ते में ही गिरा सकने में सक्षम
भारत की यह मिसाइल किसी भी दुश्मन मिसाइल को रास्ते में ही गिरा सकती है. 5000 km रेंज वाली मिसाइलों को बड़ी आसानी से मारकर गिरा सकती है. दुश्मन की किसी भी मिसाइल के खिलाफ इसे इस्तेमाल किया जा सकता है. किसी भी दिशा से आ रही मिसाइल को भांपकर यह फायर हो जाएंगी, और रास्ते में ही उससे टकराकर उसे नष्ट कर देगी. भाषा इनपुट के साथ
Defence Research & Development Organisation (DRDO) successfully flight-tested Phase-II Ballistic Missile Defence System on 24th July 2024. The Target Missile was launched from LC-IV Dhamra at 1620 hrs mimicking adversary Ballistic Missile, which was detected by weapon system… pic.twitter.com/CA8SdecjU9
— ANI (@ANI) July 24, 2024 Also Read: Four Day Work: हफ्ते में चार दिन काम… तीन दिन आराम, फिर कर्नाटक में क्यों हो रहा है नये नियम पर बवाल?
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