न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sat, 13 Jul 2024 02: 09 PM IST
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से कम दबाव का क्षेेत्र बन रहा है। इसके सक्रिय होने से 17 जुलाई तक तेज बारिश मध्य प्रदेश के पश्चिम हिस्से में हो सकती है। फिलहाल रिमझिम बारिश होगी। इंदौर में बादल छाए, लेकिन बारिश दूर। – फोटो : अमर उजाला
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जुलाई माह में मानसूस मेहरबान रहता है। इंदौर में जुलाई माह में औसतन 12 इंच बारिश हो जाती है, लेकिन इस बार 13 दिनों मेें सिर्फ एक इंच पानी ही बरसा है। सीजन की कुुल बारिश पांच इंच हो पाई है।
मानसून की इस धीमी चाल से किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें हैै। उन्होंने खेतों में बुआई कर दी, लेकिन पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। शनिवार को इंदौर सहित आसपास के जिलों में झमाझम बारिश की भविष्यवाणी की है। शहरवासियों को भी अब तेज बारिश का इंतजार है, ताकि गर्मी व उमस से निजात मिल सके।
इंदौर में मानसून आए 20 से दिन से ज्यादा हो चुके है, लेकिन मजबूत सिस्टम प्रदेश में सक्रिय नहीं होने के कारण बूंदा-बांदी या रिमझिम बारिश ही शहर में हो रही है। तेज हवाएं भी इसकी एक वजह है।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से कम दबाव का क्षेेत्र बन रहा है। इसके सक्रिय होने से 17 जुलाई तक तेज बारिश मध्य प्रदेश के पश्चिम हिस्से में हो सकती है। फिलहाल रिमझिम बारिश होगी।
दूसरा सप्ताह सूखा बीता
जुलाई का दूसरा सप्ताह समाप्त होने जा रहा है, लेकिन अब तक इंदौर की धरती बारिश से तरबतर नहीं हो पाई है। 13 दिनों में सिर्फ एक इंच पानी इंदर को मिला हैै। पिछले साल जुलाई माह मेें 15 इंच से ज्यादा बारिश इंदौर मेें हो चुकी थी।
शनिवार सुबह से शहर में बादल छाए हुए हैै, लेकिन बरस नहीं रहे है। धूप नहीं होने से राहत जरुर है, लेकिन उमस के कारण पंखे-कूलर भी चलाना पड़ रहे हैै।
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