indore-picnic-tourist-spots:-इंदौर-के-पिकनिक-स्पॉट-पर-20-दिन-के-अंदर-पांच-हादसे,-दस-बच्चों-की-गई-जान
तिंछा फाल में इन दिनों पानी का बहाव बहुत अधिक है। - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार Follow Us मानसून आते ही इंदौर के आसपास के पिकनिक स्पॉट Indore Picnic Spots पर हरियाली छा जाती है। बहते हुए झरने, जंगलों की खुशनुमा हवाएं और एकांत शहरवासियों को पिकनिक स्पॉट की ओर ले जाते हैं। मानसून की खुशियों का आनंद उठाने के लिए गए इनमें से कई लोग लापरवाही की वजह से जीवन भर का दुःख अपने साथ ले आते हैं। कई अपने दोस्तों को खो देते हैं तो कई अपने परिजन को। इंदौर के आसपास के पिकनिक स्पॉट पर पिछले 20 दिन के भीतर ही पांच हादसे हो चुके हैं। सरकार और प्रशासन इनमें से कई स्पॉट को तो पिकनिक स्पॉट भी नहीं मानती क्योंकि ये दूर दराज के जंगलों में प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं। लोग भी लापरवाही पूर्वक यहां पर जाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं। हादसों का शिकार होने वालों में सबसे अधिक बच्चे होते हैं।  गूगल से सर्च करके जा रहे खतरनाक जगह पर रविवार 30 जुलाई को इंदौर के पास भैरवकुंड में हुए हादसे में दो बच्चों की जान चली गई। दोस्तों का यह सूमह गूगल से पिकनिक स्पॉट तलाशकर यहां पर पहुंचा था। यहां पर ग्रामीणों ने उन्हें समझाया भी लेकिन वे गहरे पानी में उतर गए और भंवर में फंस गए।  घर से झूठ बोलकर जाते हैं अधिकतर छात्र इस महीने हुए अधिकांश हादसों में पुलिस को यह पता चला है कि छात्र घर पर झूठ बोलकर इन सभी खतरनाक पिकनिक स्पॉट पर जाते हैं। माता-पिता इन हादसों की वजह से उन्हें कहीं जाने नहीं देंगे इस डर से वे गलत जानकारी देकर यहां जाते हैं।  कहीं फेंसिंग तो कहीं गांववालों के भरोसे सुरक्षा इंदौर के आसपास के इन पिकनिक स्पॉट में से अधिकांश में सुरक्षा के किसी तरह के इंतजाम नहीं हैं। दूर दराज के जंगलों में होने की वजह से प्रशासन को भी इनमें सुरक्षा इंतजाम करना मुश्किल होता है। वहीं चोरल, तिंछा फाल, पातालपानी जैसी कुछ जगहों पर कहीं कहीं फेंसिंग की गई है और सुरक्षा गार्ड भी रखे गए हैं। हालांकि अधिकांश जगह सुरक्षा गांववालों के भरोसे पर ही है।  इन जगहों पर जाती है बहुत भीड़ तिंछा फाल, पातालपानी, चोरल, गंगा महादेव मंदिर, गुलावट, रालामंडल, शीतला माता फाल, मुहाड़ी फाल, हत्यारी खोह, भैरवकुंड।  फिसलन और अचानक तेज बहाव से होते हैं हादसे अधिकांश हादसे पानी के पास पड़े पत्थरों पर फिसलन की वजह से होते हैं। आसपास सुरक्षा इंतजाम न होने की वजह से फिसलने वाले को बचाना मुश्किल होता है। इसके साथ कभी कभी बारिश का पानी पहाड़ों से अचानक तेज गति से इकट्ठा होकर इन जगहों पर आता है। जिससे लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिलता है।  20 दिन में हुए पांच बड़े हादसे 10 जुलाई खुड़ैल का तालाब तीन बच्चों की मौत 12 जुलाई मुहाड़ी वाटर फाल एक छात्र की मौत 15 जुलाई तलावली चांदा दो बच्चों की जान गई 24 जुलाई हत्यारी खोह दो छात्रों की जान गई 30 जुलाई  भैरवकुंड  दो छात्रों की जान गई

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तिंछा फाल में इन दिनों पानी का बहाव बहुत अधिक है। – फोटो : अमर उजाला, इंदौर

विस्तार Follow Us

मानसून आते ही इंदौर के आसपास के पिकनिक स्पॉट Indore Picnic Spots पर हरियाली छा जाती है। बहते हुए झरने, जंगलों की खुशनुमा हवाएं और एकांत शहरवासियों को पिकनिक स्पॉट की ओर ले जाते हैं। मानसून की खुशियों का आनंद उठाने के लिए गए इनमें से कई लोग लापरवाही की वजह से जीवन भर का दुःख अपने साथ ले आते हैं। कई अपने दोस्तों को खो देते हैं तो कई अपने परिजन को। इंदौर के आसपास के पिकनिक स्पॉट पर पिछले 20 दिन के भीतर ही पांच हादसे हो चुके हैं। सरकार और प्रशासन इनमें से कई स्पॉट को तो पिकनिक स्पॉट भी नहीं मानती क्योंकि ये दूर दराज के जंगलों में प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं। लोग भी लापरवाही पूर्वक यहां पर जाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं। हादसों का शिकार होने वालों में सबसे अधिक बच्चे होते हैं। 

गूगल से सर्च करके जा रहे खतरनाक जगह पर
रविवार 30 जुलाई को इंदौर के पास भैरवकुंड में हुए हादसे में दो बच्चों की जान चली गई। दोस्तों का यह सूमह गूगल से पिकनिक स्पॉट तलाशकर यहां पर पहुंचा था। यहां पर ग्रामीणों ने उन्हें समझाया भी लेकिन वे गहरे पानी में उतर गए और भंवर में फंस गए। 

घर से झूठ बोलकर जाते हैं अधिकतर छात्र
इस महीने हुए अधिकांश हादसों में पुलिस को यह पता चला है कि छात्र घर पर झूठ बोलकर इन सभी खतरनाक पिकनिक स्पॉट पर जाते हैं। माता-पिता इन हादसों की वजह से उन्हें कहीं जाने नहीं देंगे इस डर से वे गलत जानकारी देकर यहां जाते हैं। 

कहीं फेंसिंग तो कहीं गांववालों के भरोसे सुरक्षा
इंदौर के आसपास के इन पिकनिक स्पॉट में से अधिकांश में सुरक्षा के किसी तरह के इंतजाम नहीं हैं। दूर दराज के जंगलों में होने की वजह से प्रशासन को भी इनमें सुरक्षा इंतजाम करना मुश्किल होता है। वहीं चोरल, तिंछा फाल, पातालपानी जैसी कुछ जगहों पर कहीं कहीं फेंसिंग की गई है और सुरक्षा गार्ड भी रखे गए हैं। हालांकि अधिकांश जगह सुरक्षा गांववालों के भरोसे पर ही है। 

इन जगहों पर जाती है बहुत भीड़
तिंछा फाल, पातालपानी, चोरल, गंगा महादेव मंदिर, गुलावट, रालामंडल, शीतला माता फाल, मुहाड़ी फाल, हत्यारी खोह, भैरवकुंड। 

फिसलन और अचानक तेज बहाव से होते हैं हादसे
अधिकांश हादसे पानी के पास पड़े पत्थरों पर फिसलन की वजह से होते हैं। आसपास सुरक्षा इंतजाम न होने की वजह से फिसलने वाले को बचाना मुश्किल होता है। इसके साथ कभी कभी बारिश का पानी पहाड़ों से अचानक तेज गति से इकट्ठा होकर इन जगहों पर आता है। जिससे लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिलता है। 

20 दिन में हुए पांच बड़े हादसे

10 जुलाई
खुड़ैल का तालाब
तीन बच्चों की मौत

12 जुलाई
मुहाड़ी वाटर फाल
एक छात्र की मौत

15 जुलाई
तलावली चांदा
दो बच्चों की जान गई

24 जुलाई
हत्यारी खोह
दो छात्रों की जान गई

30 जुलाई 
भैरवकुंड 
दो छात्रों की जान गई

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