कार्य़क्रम के अंत में सभी अतिथियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार Follow Us भारतीय संस्कृति में जब-जब भी कोई क्रांति आई उसका मूलाधार पुस्तक बनी है। पुस्तक ही हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसी बात को ध्येय वाक्य मानते हुए इंदौर में एक बड़ी पहल होने जा रही है। इंदौर के 167 सरकारी स्कूलों में मिनी अहिल्या लाइब्रेरी बनाई जा रही है। केंद्रीय अहिल्या लाइब्रेरी इस पूरे प्रोजेक्ट का मार्गदर्शन कर रही है। इस सप्ताह सभी स्कूलों के एक-एक शिक्षक को इस प्रोजेक्ट में ट्रेनिंग दी गई है। अब यह शिक्षक हर स्कूल में लाइब्रेरी स्थापित करने पर काम शुरू करेंगे। हर स्कूल में बनेगी मिनी अहिल्या लाइब्रेरीः जिला शिक्षा अधिकारी केंद्रीय अहिल्या लाइब्रेरी में हुए चार दिवसीय ट्रेनिंग सेशन के बाद समापन अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि प्रोफेसर डॉ राजीव शर्मा ने कहा कि निश्चित तौर पर यह चार दिवसीय प्रशिक्षण सभी शिक्षकों के उज्जवल भविष्य का पथ प्रदर्शक साबित होगा। जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके शिक्षकों को कहा कि अब आपको अपने विद्यालय में जाकर प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को क्रियान्वित करना है। आपने इस अहिल्या पुस्तकालय का भ्रमण भी किया, अब आपको अपने विद्यालय में अहिल्या पुस्तकालय का मिनिएचर तैयार करना है। एडीपीसी नरेंद्र जैन ने कहा कि लिली डावर ने इस पुस्तकालय का कायाकल्प कर दिया। अब इन्होंने आपको जिस प्रकार पुस्तकालय की व्यवस्था और संचालन करना सिखाया है आपको अब अपने विद्यालय जाकर वैसा ही करना है। प्रभारी संयुक्त संचालक अनीता चौहान, सहायक संचालक पूजा सक्सेना ने भी प्रोजेक्ट की प्रशंसा की।  ई लाइब्रेरी भी तैयार करेंगे केंद्रीय अहिल्या लाइब्रेरी की ग्रंथपाल लिली डावर ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान हमने शिक्षकों को ई लाइब्रेरी क्रिएट करना भी सिखाई है। इससे शिक्षक बच्चों को इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियां भी दे सकेंगे। एक बार डेटा कलेक्ट करने के बाद में यह हमेशा के लिए काम आएगा। बच्चे किसी भी लिंक पर क्लिक करके अपनी पसंद की पुस्तक पढ़ सकेंगे।  शिक्षक बोले जीवन बदलने वाला अनुभव रहा चार दिवसीय ट्रेनिंग के लिए सभी शिक्षकों ने अपने अनुभव में कहा कि वास्तव में यह प्रशिक्षण अद्वितीय, अनोखा अतुलनीय रहा, इसमें निडरता से हमें अपनी बात कहने का मौका मिला। यह अन्य प्रशिक्षणों से बिल्कुल भिन्न था। इसमें हमें बातचीत में सहजता, सरलता से पुस्तकालय विज्ञान की बारीक बातें कब सिखा दी गईं पता ही नही चला। साथ ही एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। इसमें आते समय हमें यह लगा था कि ये प्रशिक्षण एक भार है पर अब हम कहेंगे की हम आभारी हैं कि हमें ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला। हमारे मन मस्तिष्क में इसकी उज्जवल छवि हमेशा के लिए अंकित हो गई। कार्य़क्रम के अंत में सभी अतिथियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर बाहुबली जैन ने किया, आभार डॉक्टर संगीता विनायका ने माना।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कार्य़क्रम के अंत में सभी अतिथियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। – फोटो : अमर उजाला, इंदौर

विस्तार Follow Us

भारतीय संस्कृति में जब-जब भी कोई क्रांति आई उसका मूलाधार पुस्तक बनी है। पुस्तक ही हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसी बात को ध्येय वाक्य मानते हुए इंदौर में एक बड़ी पहल होने जा रही है। इंदौर के 167 सरकारी स्कूलों में मिनी अहिल्या लाइब्रेरी बनाई जा रही है। केंद्रीय अहिल्या लाइब्रेरी इस पूरे प्रोजेक्ट का मार्गदर्शन कर रही है। इस सप्ताह सभी स्कूलों के एक-एक शिक्षक को इस प्रोजेक्ट में ट्रेनिंग दी गई है। अब यह शिक्षक हर स्कूल में लाइब्रेरी स्थापित करने पर काम शुरू करेंगे।

हर स्कूल में बनेगी मिनी अहिल्या लाइब्रेरीः जिला शिक्षा अधिकारी
केंद्रीय अहिल्या लाइब्रेरी में हुए चार दिवसीय ट्रेनिंग सेशन के बाद समापन अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि प्रोफेसर डॉ राजीव शर्मा ने कहा कि निश्चित तौर पर यह चार दिवसीय प्रशिक्षण सभी शिक्षकों के उज्जवल भविष्य का पथ प्रदर्शक साबित होगा। जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके शिक्षकों को कहा कि अब आपको अपने विद्यालय में जाकर प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को क्रियान्वित करना है। आपने इस अहिल्या पुस्तकालय का भ्रमण भी किया, अब आपको अपने विद्यालय में अहिल्या पुस्तकालय का मिनिएचर तैयार करना है। एडीपीसी नरेंद्र जैन ने कहा कि लिली डावर ने इस पुस्तकालय का कायाकल्प कर दिया। अब इन्होंने आपको जिस प्रकार पुस्तकालय की व्यवस्था और संचालन करना सिखाया है आपको अब अपने विद्यालय जाकर वैसा ही करना है। प्रभारी संयुक्त संचालक अनीता चौहान, सहायक संचालक पूजा सक्सेना ने भी प्रोजेक्ट की प्रशंसा की। 

ई लाइब्रेरी भी तैयार करेंगे
केंद्रीय अहिल्या लाइब्रेरी की ग्रंथपाल लिली डावर ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान हमने शिक्षकों को ई लाइब्रेरी क्रिएट करना भी सिखाई है। इससे शिक्षक बच्चों को इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियां भी दे सकेंगे। एक बार डेटा कलेक्ट करने के बाद में यह हमेशा के लिए काम आएगा। बच्चे किसी भी लिंक पर क्लिक करके अपनी पसंद की पुस्तक पढ़ सकेंगे। 

शिक्षक बोले जीवन बदलने वाला अनुभव रहा
चार दिवसीय ट्रेनिंग के लिए सभी शिक्षकों ने अपने अनुभव में कहा कि वास्तव में यह प्रशिक्षण अद्वितीय, अनोखा अतुलनीय रहा, इसमें निडरता से हमें अपनी बात कहने का मौका मिला। यह अन्य प्रशिक्षणों से बिल्कुल भिन्न था। इसमें हमें बातचीत में सहजता, सरलता से पुस्तकालय विज्ञान की बारीक बातें कब सिखा दी गईं पता ही नही चला। साथ ही एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। इसमें आते समय हमें यह लगा था कि ये प्रशिक्षण एक भार है पर अब हम कहेंगे की हम आभारी हैं कि हमें ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला। हमारे मन मस्तिष्क में इसकी उज्जवल छवि हमेशा के लिए अंकित हो गई। कार्य़क्रम के अंत में सभी अतिथियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर बाहुबली जैन ने किया, आभार डॉक्टर संगीता विनायका ने माना।

Posted in MP