indore-news:-सरकार-ने-पौधे-लगाने-के-लिए-खेती-की-जमीन-ली,-किसान-ने-फंदा-लगाया,-अधिकारियों-ने-समझाकर-उतारा
पेड़ पर चढ़कर किसानों ने लगाया फंदा। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने के लिए प्रशासन जगह जगह जमीन तलाश रहा है। इसी क्रम में महू-मण्डलेश्वर मार्ग पर स्थित आशापुरा गांव में राजस्व की 108 बीघा जमीन को भी पौधरोपण के लिए चिन्हित किया गया। यहां पर पिछले 50 साल से खेती किसानी कर रहे लोग अब पौधरोपण के विरोध में आ गए हैं।  शनिवार को तहसीलदार विवेक सोनी और नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ अपने अमले के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचे तो एक किसान ने फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया। परिवार का कहना है कि हम पिछले 50 साल से इस जमीन की रक्षा कर रहे हैं और खेती कर रहे हैं और अब यहां पर हमारी खेती उजाड़कर पौधे लगाए जा रहे हैं।  तहसीलदार ने आवेदन देने की बात कही घटना ग्राम मलेंडी की है। यहां की निवासी मीराबाई चंदेल अपने तीन बेटे परसराम, हंसराज और सोनू उर्फ तोताराम चंदेल के साथ खेती करती है। अफसरों ने जब यहां की जमीन पर अतिक्रमण बताकर यहां से हटने का बोला तो परिवार ने सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी। हंसराज और परसराम ने गले में फांसी का फंदा लगा लिया और पेड़ पर चढ़ गए। यह देख राजस्व अमले ने कार्रवाई रोक दी और परिवार को समझाइश देने लगे। वहीं परिवार के अन्य सदस्य भी सामूहिक आत्महत्या की बात कह रहे हैं। दोपहर करीब 2 बजे तहसीलदार विवेक सोनी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पेड़ पर चढ़े किसानों को समझाने पहुंचे। यहां मीराबाई सहित दोनों बेटों को समझाइश दी। उन्होंने जमीन के लिए तहसील में आवेदन देने की बात कही। इसके बाद दोनों किसानों को पेड़ से नीचे उतारा। 50 साल कर रहे खेती मीराबाई का कहना है कि हमारा परिवार यहां तीन पीढ़ी से खेती कर रहा है। वर्तमान में खेत में सोयाबीन की बुआई कर रखी है। 55 साल से हम जमीन की देखरेख कर रहे हैं, वरना यहां बहुत समय पहले ही पक्का निर्माण हो चुका होता। मीराबाई के अनुसार हमने अधिकांश जगह वनविभाग को पौधरोपण के लिए दे चुके हैं। जहां हमारी फसल लगी है उसे तो छोड़ दीजिए। नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ का कहना है कि ये लोग जमीन पर अवैध रूप से खेती कर रहे हैं इसलिए इन्हें हटाया जा रहा है। 

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पेड़ पर चढ़कर किसानों ने लगाया फंदा। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने के लिए प्रशासन जगह जगह जमीन तलाश रहा है। इसी क्रम में महू-मण्डलेश्वर मार्ग पर स्थित आशापुरा गांव में राजस्व की 108 बीघा जमीन को भी पौधरोपण के लिए चिन्हित किया गया। यहां पर पिछले 50 साल से खेती किसानी कर रहे लोग अब पौधरोपण के विरोध में आ गए हैं। 

शनिवार को तहसीलदार विवेक सोनी और नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ अपने अमले के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचे तो एक किसान ने फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया। परिवार का कहना है कि हम पिछले 50 साल से इस जमीन की रक्षा कर रहे हैं और खेती कर रहे हैं और अब यहां पर हमारी खेती उजाड़कर पौधे लगाए जा रहे हैं। 

तहसीलदार ने आवेदन देने की बात कही
घटना ग्राम मलेंडी की है। यहां की निवासी मीराबाई चंदेल अपने तीन बेटे परसराम, हंसराज और सोनू उर्फ तोताराम चंदेल के साथ खेती करती है। अफसरों ने जब यहां की जमीन पर अतिक्रमण बताकर यहां से हटने का बोला तो परिवार ने सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी। हंसराज और परसराम ने गले में फांसी का फंदा लगा लिया और पेड़ पर चढ़ गए। यह देख राजस्व अमले ने कार्रवाई रोक दी और परिवार को समझाइश देने लगे। वहीं परिवार के अन्य सदस्य भी सामूहिक आत्महत्या की बात कह रहे हैं। दोपहर करीब 2 बजे तहसीलदार विवेक सोनी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पेड़ पर चढ़े किसानों को समझाने पहुंचे। यहां मीराबाई सहित दोनों बेटों को समझाइश दी। उन्होंने जमीन के लिए तहसील में आवेदन देने की बात कही। इसके बाद दोनों किसानों को पेड़ से नीचे उतारा।

50 साल कर रहे खेती

मीराबाई का कहना है कि हमारा परिवार यहां तीन पीढ़ी से खेती कर रहा है। वर्तमान में खेत में सोयाबीन की बुआई कर रखी है। 55 साल से हम जमीन की देखरेख कर रहे हैं, वरना यहां बहुत समय पहले ही पक्का निर्माण हो चुका होता। मीराबाई के अनुसार हमने अधिकांश जगह वनविभाग को पौधरोपण के लिए दे चुके हैं। जहां हमारी फसल लगी है उसे तो छोड़ दीजिए। नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ का कहना है कि ये लोग जमीन पर अवैध रूप से खेती कर रहे हैं इसलिए इन्हें हटाया जा रहा है। 

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