indore-news:-शूर्पणखा-से-लड़कियों-की-तुलना-करने-पर-राजनीति-गरमाई,-विजयवर्गीय-का-विरोध,-पुतला-फूंका
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय - फोटो : SOCIAL MEDIA विस्तार युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति और लड़कियों के कपड़ों पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा की गई टिप्पणी पर राजनीति गरमा गई है। महिला कांग्रेस ने उनकेे बयान को महिला विरोधी बताया और विजयवर्गीय का पुतला फूंका। भोपाल में भी कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है। महिला विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय के निवास पर बेर्शम के फूल लेकर पहुंची। शाम को राजवाड़ा चौक पर महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता कैलाश विजयवर्गीय का पुतला लेकर पहुंची। वहां मौजूद पुलिस जवानों ने पुतला छिनने की कोशिश की और पुतला दो हिस्सों में टूट गया। एक हिस्से में कार्यकर्ता आग लगाने में सफल रहे। पुलिस जवानों ने पानी डालकर आग बुझा दी। कांग्रेेस प्रवक्ता रीना बौरासी सेतिया ने कहा कि महिलाओं का अपमान करना भाजपा नेताओं की आदत में शुमार है। विजयवर्गीय ने लड़कियों की तुलना शूपर्णखा से की। उनका इस तरह तुलना करना यह दर्शाता है कि वे लड़कियों के प्रति कैसी सोच रखते है। ये कहा था विजयवर्गीय ने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एरोड्रम क्षेत्र में एक आयोजन में शामिल होने गए थे। इस दौरान बच्चों में संस्कार की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि महिलाओं को हम देवी मानते हैं, लेकिन लड़कियां इतने गंदे कपड़े पहनती हैं कि देवी का स्वरूप नहीं लगतीं। उन कपड़ों में बिल्कुल शूर्पणखा लगती हैं। भगवान ने सुंदर शरीर दिया है, तो अच्छे कपड़े पहनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को लेकर वे चिंतित रहते हैं, बच्चों को संस्कार डालना जरूरी है। इंदौर हर बात में नंबर वन है। नशे ने युवा पीढ़ी को जकड़ा है। यह चिंता का विषय है। विजयवर्गीय ने यह भी कहा था कि शिक्षा जरूरी नहीं संस्कार जरुरी है। मैं जब रात को निकलता हूं और सड़कों पर बच्चों को झूमते हुए देखता हूं तो इच्छा होती है कि उनका नशा उतार दूं। बयानों का ये कैसा संयोग? भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय वैसे तो अक्सर विवादित बयान देते है, लेकिन यह भी एक संयोग है कि जब भी इंदौर में अारएसएस की कोई बड़ी बैठक होती है या राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी इंदौर में होते है तो विजयवर्गीय के बयान पर विवाद खड़ा हो जाता है। इससे पहले 3 जनवरी 2020 को इंदौर में संघ की बड़ी बैठक थी और कैलाश विजयवर्गीय विकास के नाम पर पक्षपात करने के विरोध में कलेक्टर से मिलने रेसीडेंसी कोठी गए थे, लेकिन वे नहीं मिले थे। इससे भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि संघ के पदाधिकारी इंदौर में नहीं होते तो इंदौर में आग लगा देता। इसके अलावा 4 जनवरी 2013 को संघ प्रमुख मोहन भागवत इंदौर में बैठक के लिए आए थे। तब रेप की घटनाएं बढ़ने के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा था कि महिलाएं मर्यादा न लांघे,मर्यादा लांघने पर ही सीता का हरण हुआ था। महिला यदि मर्यादा लांघेगी तो रावण तो बैठा है हरण के लिए।

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भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय – फोटो : SOCIAL MEDIA

विस्तार युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति और लड़कियों के कपड़ों पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा की गई टिप्पणी पर राजनीति गरमा गई है। महिला कांग्रेस ने उनकेे बयान को महिला विरोधी बताया और विजयवर्गीय का पुतला फूंका। भोपाल में भी कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है। महिला विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय के निवास पर बेर्शम के फूल लेकर पहुंची। शाम को राजवाड़ा चौक पर महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता कैलाश विजयवर्गीय का पुतला लेकर पहुंची। वहां मौजूद पुलिस जवानों ने पुतला छिनने की कोशिश की और पुतला दो हिस्सों में टूट गया। एक हिस्से में कार्यकर्ता आग लगाने में सफल रहे। पुलिस जवानों ने पानी डालकर आग बुझा दी।

कांग्रेेस प्रवक्ता रीना बौरासी सेतिया ने कहा कि महिलाओं का अपमान करना भाजपा नेताओं की आदत में शुमार है। विजयवर्गीय ने लड़कियों की तुलना शूपर्णखा से की। उनका इस तरह तुलना करना यह दर्शाता है कि वे लड़कियों के प्रति कैसी सोच रखते है।

ये कहा था विजयवर्गीय ने

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एरोड्रम क्षेत्र में एक आयोजन में शामिल होने गए थे। इस दौरान बच्चों में संस्कार की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि महिलाओं को हम देवी मानते हैं, लेकिन लड़कियां इतने गंदे कपड़े पहनती हैं कि देवी का स्वरूप नहीं लगतीं। उन कपड़ों में बिल्कुल शूर्पणखा लगती हैं। भगवान ने सुंदर शरीर दिया है, तो अच्छे कपड़े पहनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को लेकर वे चिंतित रहते हैं, बच्चों को संस्कार डालना जरूरी है। इंदौर हर बात में नंबर वन है। नशे ने युवा पीढ़ी को जकड़ा है। यह चिंता का विषय है।

विजयवर्गीय ने यह भी कहा था कि शिक्षा जरूरी नहीं संस्कार जरुरी है। मैं जब रात को निकलता हूं और सड़कों पर बच्चों को झूमते हुए देखता हूं तो इच्छा होती है कि उनका नशा उतार दूं।

बयानों का ये कैसा संयोग?

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय वैसे तो अक्सर विवादित बयान देते है, लेकिन यह भी एक संयोग है कि जब भी इंदौर में अारएसएस की कोई बड़ी बैठक होती है या राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी इंदौर में होते है तो विजयवर्गीय के बयान पर विवाद खड़ा हो जाता है। इससे पहले 3 जनवरी 2020 को इंदौर में संघ की बड़ी बैठक थी और कैलाश विजयवर्गीय विकास के नाम पर पक्षपात करने के विरोध में कलेक्टर से मिलने रेसीडेंसी कोठी गए थे, लेकिन वे नहीं मिले थे। इससे भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि संघ के पदाधिकारी इंदौर में नहीं होते तो इंदौर में आग लगा देता।

इसके अलावा 4 जनवरी 2013 को संघ प्रमुख मोहन भागवत इंदौर में बैठक के लिए आए थे। तब रेप की घटनाएं बढ़ने के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा था कि महिलाएं मर्यादा न लांघे,मर्यादा लांघने पर ही सीता का हरण हुआ था। महिला यदि मर्यादा लांघेगी तो रावण तो बैठा है हरण के लिए।

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