indore-news:-रात्रि-बाजार-बंद-होने-से-कई-निवेशक-डूबे,-आधा-हुआ-व्यापार,-सरकार-से-बीच-का-रास्ता-निकालने-की-मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Thu, 22 Aug 2024 06: 09 PM IST इंदौर में सरकार ने जोरशोर से रात्रिकालीन बाजार खोले। 24 घंटे काम कर रही कंपनियों, रोजगार और अर्थव्यवस्था का हवाला दिया गया। सरकार के प्रयासों को देखते हुए देशभर के निवेशकों ने इंदौर में होटल, रेस्टोरेंट खोले और दो से तीन साल की बुकिंग तक कर ली। अचानक सरकार ने निर्णय वापस लिया और रात्रि बाजारों को 11 बजे बंद करने का आदेश दे दिया। इससे देशभर के निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ और बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार भी गए। अब रेस्टोरेंट इंडस्ट्री सरकार से बीच का रास्ता निकालने की मांग कर रही है। 27 अगस्त को इंदौर में मीटिंग है जिसमें यह बातें रखी जाएंगी। Trending Videos कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा अभिषेक बाहेती नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआएआई) के इंदौर भोपाल चैप्टर हेड हैं। उन्होंने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि रात्रिकालीन बाजार के लिए सरकार की सकारात्मकता को देखते हुए देशभर के निवेशकों ने इंदौर में होटल, रेस्टोरेंट स्पेस बुक की। कई ब्रांड्स ने तो दो से तीन साल के लिए अनुबंध किया। सरकार ने अचानक निर्णय वापस लिया जिससे बहुत अधिक नुकसान हुआ। इन ब्रांड्स ने तीन शिफ्ट में कर्मचारी रखे थे जिनकी बड़ी संख्या में नौकरी भी गई।  रात 9 बजे के बाद खाने पीने निकलते हैं इंदौरी, 11 बजे तक बाजार बंद करना हैं अभिषेक ने कहा कि इंदौर में अधिकांश लोग रात 9 बजे के बाद घर से खाने पीने के लिए निकलते हैं। अधिकतर लोग अपनी दुकान बंद करके, नौकरियों से घर जाकर फिर खाने पीने फूड मार्केट में जाते हैं। 9 से साढ़े नौ के बीच यह लोग रेस्टोरेंट आते हैं। डेढ़ घंटे में कैसे हम व्यापार करेंगे।  सराफा भी दो बजे तक खुला रहता है अभिषेक ने कहा कि हम रातभर बाजार खुले रखन के पक्ष में नहीं हैं लेकिन एक समय तक तय करें। सराफा बाजार भी दो बजे रात तक खुला रहता है। दो से तीन बजे तक शहर के अन्य क्षेत्रों के फूड और रेस्टोरेंट बाजार भी खुले रखे जा सकते हैं। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था दे और प्रशासन अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे। यदि बाजार रात में खुलेंगे तो आय बढ़ेगी, रोजगार बढ़ेंगे और शहर को ही फायदा होगा।  जीएसटी, वेट टैक्स और म्यूजिक लाइसेंस की परेशानियों पर भी ध्यान दे सरकार 1. जीएसटी में सिर्फ फूड इंडस्ट्री एेसी है जिसे इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता है। बड़े होटलों को इनपुट क्रेडिट मिलता है पर रेस्टोरेंट्स को नहीं मिलता। जबकि वह सरकार को अधिक आय दे रहे हैं और रोजगार भी अधिक दे रहे हैं। 2. लिकर पर राज्य सरकार का वेट टैक्स डबल लग रहा है। दुकान से जब लिकर लेते हैं तो वहीं पर वेट लग जाता है फिर कस्टमर को जब देते हैं तो दूसरी बार वेट लगता है। एसोसिएशन की मांग है कि पहले वाला वेट दूसरे वेट में से माइनस हो यानी एडजस्ट किया जाए। सिर्फ एक बार वेट लगे। इससे ग्राहक को बहुत अधिक महंगी लिकर मिलती है।  3. म्युजिक लाइसेंस की कई रजिस्टर्ड सोसायटी हैं। दक्षिण भारत की सोसायटी भी इंदौर आकर रेस्टोरेंट वालों से दक्षिण भारतीय गाने चलाने के कापीराइट मांगती है, जबकि वह गाने चलाए ही नहीं जा रहे। एक सेंट्रल सिस्टम हो देशभर की सोसायटी का जहां पर हम अपनी बात रख सकें।  आंकड़े 1200 करोड़ की आय मप्र सरकार को सालाना देती है रेस्टोरेंट इंडस्ट्री 5000 रेस्टोरेंट हैं सिर्फ इंदौर और भोपाल जोन में 3 नंबर पर आती है भारत में आय के मामले में रेस्टोरेंट इंडस्ट्री

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Thu, 22 Aug 2024 06: 09 PM IST

इंदौर में सरकार ने जोरशोर से रात्रिकालीन बाजार खोले। 24 घंटे काम कर रही कंपनियों, रोजगार और अर्थव्यवस्था का हवाला दिया गया। सरकार के प्रयासों को देखते हुए देशभर के निवेशकों ने इंदौर में होटल, रेस्टोरेंट खोले और दो से तीन साल की बुकिंग तक कर ली। अचानक सरकार ने निर्णय वापस लिया और रात्रि बाजारों को 11 बजे बंद करने का आदेश दे दिया। इससे देशभर के निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ और बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार भी गए। अब रेस्टोरेंट इंडस्ट्री सरकार से बीच का रास्ता निकालने की मांग कर रही है। 27 अगस्त को इंदौर में मीटिंग है जिसमें यह बातें रखी जाएंगी।

Trending Videos

कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा
अभिषेक बाहेती नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआएआई) के इंदौर भोपाल चैप्टर हेड हैं। उन्होंने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि रात्रिकालीन बाजार के लिए सरकार की सकारात्मकता को देखते हुए देशभर के निवेशकों ने इंदौर में होटल, रेस्टोरेंट स्पेस बुक की। कई ब्रांड्स ने तो दो से तीन साल के लिए अनुबंध किया। सरकार ने अचानक निर्णय वापस लिया जिससे बहुत अधिक नुकसान हुआ। इन ब्रांड्स ने तीन शिफ्ट में कर्मचारी रखे थे जिनकी बड़ी संख्या में नौकरी भी गई। 

रात 9 बजे के बाद खाने पीने निकलते हैं इंदौरी, 11 बजे तक बाजार बंद करना हैं
अभिषेक ने कहा कि इंदौर में अधिकांश लोग रात 9 बजे के बाद घर से खाने पीने के लिए निकलते हैं। अधिकतर लोग अपनी दुकान बंद करके, नौकरियों से घर जाकर फिर खाने पीने फूड मार्केट में जाते हैं। 9 से साढ़े नौ के बीच यह लोग रेस्टोरेंट आते हैं। डेढ़ घंटे में कैसे हम व्यापार करेंगे। 

सराफा भी दो बजे तक खुला रहता है
अभिषेक ने कहा कि हम रातभर बाजार खुले रखन के पक्ष में नहीं हैं लेकिन एक समय तक तय करें। सराफा बाजार भी दो बजे रात तक खुला रहता है। दो से तीन बजे तक शहर के अन्य क्षेत्रों के फूड और रेस्टोरेंट बाजार भी खुले रखे जा सकते हैं। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था दे और प्रशासन अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे। यदि बाजार रात में खुलेंगे तो आय बढ़ेगी, रोजगार बढ़ेंगे और शहर को ही फायदा होगा। 

जीएसटी, वेट टैक्स और म्यूजिक लाइसेंस की परेशानियों पर भी ध्यान दे सरकार
1. जीएसटी में सिर्फ फूड इंडस्ट्री एेसी है जिसे इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता है। बड़े होटलों को इनपुट क्रेडिट मिलता है पर रेस्टोरेंट्स को नहीं मिलता। जबकि वह सरकार को अधिक आय दे रहे हैं और रोजगार भी अधिक दे रहे हैं।
2. लिकर पर राज्य सरकार का वेट टैक्स डबल लग रहा है। दुकान से जब लिकर लेते हैं तो वहीं पर वेट लग जाता है फिर कस्टमर को जब देते हैं तो दूसरी बार वेट लगता है। एसोसिएशन की मांग है कि पहले वाला वेट दूसरे वेट में से माइनस हो यानी एडजस्ट किया जाए। सिर्फ एक बार वेट लगे। इससे ग्राहक को बहुत अधिक महंगी लिकर मिलती है। 
3. म्युजिक लाइसेंस की कई रजिस्टर्ड सोसायटी हैं। दक्षिण भारत की सोसायटी भी इंदौर आकर रेस्टोरेंट वालों से दक्षिण भारतीय गाने चलाने के कापीराइट मांगती है, जबकि वह गाने चलाए ही नहीं जा रहे। एक सेंट्रल सिस्टम हो देशभर की सोसायटी का जहां पर हम अपनी बात रख सकें। 

आंकड़े
1200 करोड़ की आय मप्र सरकार को सालाना देती है रेस्टोरेंट इंडस्ट्री
5000 रेस्टोरेंट हैं सिर्फ इंदौर और भोपाल जोन में
3 नंबर पर आती है भारत में आय के मामले में रेस्टोरेंट इंडस्ट्री

Posted in MP