इंदौर – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर
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इंदौर के पचकुइया क्षेत्र में स्थित युग पुरुष धाम बाल आश्रम में गुरुवार को 12 और बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। इन्हें सरकारी चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती किया गया है। आश्रम के कुछ बच्चों में हैजे के लक्षण पाए गए हैं। माना जा रहा है कि हैजे के कारण ही पिछले कुछ दिनों में छह बच्चों की मौत हुई है। गुरुवार को पहले से चाचा नेहरू बाल अस्पताल में भर्ती 12 बच्चों को छुट्टी दे दी गई। उन्हें अब परदेशीपुरा स्थित बाल आश्रम में भेजा गया है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद दर्ज होगा केस
युग पुरुष धाम आश्रम में छह बच्चों की मौत और 40 से ज्यादा के बीमार होने के बाद गुरुवार को फिर 12 बच्चे बीमार हो गए। इन्हें भी ताबड़तोड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे मामले के दोषियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के बाद केस दर्ज कराया जाएगा। रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लगेंगे उधर, 12 बच्चे जो पहले से बाल अस्पताल में भर्ती थे, उन्हें डिस्चार्ज कर परदेसीपुरा स्थित बाल अनाथ आश्रम में भेजा गया है। बुधवार तक 48 बच्चों का चाचा नेहरू में इलाज चल रहा था। यहां से 12 की छुट्टी हुई और इतने ही नए बच्चे भर्ती कराए गए हैं।
आश्रम के बच्चों को हुआ था हैजा
आरंभिक जांच में पता चला है कि आश्रम के सभी बच्चों को हैजा की शिकायत थी और वे 27 जून से ही बीमार थे। डॉक्टर ने भी इसकी जानकारी दे दी थी, लेकिन आश्रम प्रबंधन इसे छिपाता रहा। इसके बाद एक बच्चे की मौत को भी छिपा लिया गया था। अस्पताल में भर्ती कराए गए दो बच्चों को हैजा होने की पुष्टि हुई है। बच्चों की मौत और गंभीर रूप से बीमार होने के बाद आश्रम संचालक और यहां की व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
तीन दिन में हुई छह बच्चों की मौत
आश्रम की उच्च स्तरीय जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसर बच्चों का नियमित परीक्षण करने वाले डॉक्टर ने 27 जून को ही बच्चों को उल्टी, दस्त की समस्या बता दी थी। मिर्गी से एक की मौत के अलावा, 30 जून की रात को एक और मौत हुई थी, जिसे प्रबंधन ने छिपा लिया था। इस हिसाब से यहां पांच नहीं, कुल छह मौतें हुई हैं। इस मामले में अब जिला प्रशासन ने आश्रम प्रबंधन पर एफआईआर कराने की अनुशंसा कर दी है। प्रारंभिक तौर पर आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा की मुसीबत बढ़ सकती है।
आश्रम की प्रबंध समिति पर कई आरोप
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आश्रम की प्रबंध समिति पर प्रथम दृष्ट्या बीमारी की जानकारी समय पर नहीं देने के साथ बच्चे की मौत को छिपाने का आरोप है। संस्था को शो-कॉज नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। आश्रम में क्षमता से अधिक बच्चे होने की बात भी कही गई है। कुछ बच्चों को दूसरी संस्थाओं में शिफ्ट किया जाएगा।
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