indore-news:-भारत-के-युवा-प्रश्न-पूछना-शुरू-करें,-फॉलोवर्स-बनना-छोड़ें,-खुद-आदर्श-बनें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Tue, 03 Sep 2024 09: 26 PM IST अभ्यास मंडल की व्याख्यानमाला में हरिदास यशवंत ने बताया कैसा हो भविष्य का भारत, बोले जो खुद के लिए जीता है वह डिप्रेशन का शिकार होता है, समाज के लिए जीना शुरू करें।    हरिदास यशवंत का व्याख्यान। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us युवा विचारक एवं चिंतक हरिदास यशवंत ने कहा है कि भारतीय ज्ञान परंपरा में दिए गए पांच संदेश को अपनाने से हमारे देश का युवा आने वाले समय का राष्ट्र पुरुष बन सकता है। हमारे देश के युवाओं को प्रश्न पूछने की अपनी आदत को न केवल कायम रखना होगा बल्कि उसे और विकसित करना होगा। वे आज अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित 63 वीं व्याख्यात माला में संबोधित कर रहे थे। उनका विषय था भारतीय ज्ञान परंपरा का युवाओं को संदेश। उन्होंने कहा कि भारत शब्द का मतलब होता है तेज के साथ में रहना। वह तेज हमारी भूमि पर ग्रंथ, विद्या, कला, वेशभूषा, भाषा, परंपरा और संस्कृति का है। इस तेज में से किसी भी विद्या का संरक्षक और संवर्धन का कार्य करना है। जिस व्यक्ति के पास इस तेज में से किसी भी विधा का भी साथ है वहीं भारतीय है। भारत एक विचार है जमीन का टुकड़ा नहीं। उन्होंने कहा कि ज्ञान से आशय उस जानकारी से है जो हमें एकात्मता की ओर ले जाती है। हमारा ज्ञान कहता है कि किसी भी बात को सुनो समझो और फिर जियो। जिस व्यक्ति में सीखने की प्रवृत्ति है वही युवा है। उसकी उम्र चाहे कुछ भी हो लेकिन सीखने की आदत उसे हमेशा युवा बना कर रखती है। इस सीखने की आदत में संकल्प होता है और यह संकल्प ही आज के दौर के हिसाब से गोल सेटिंग कहलाता है। ऐसे में हमें जब भी जो भी सुनना है उसे बहुत ध्यान से सुनना है। परंपरा से आशय होता है अपने ज्ञान को, अपनी जानकारी को सिखाना। जब हम सीखने में नाकाम होते हैं तो परंपरा खंडित होती है। श्रवण हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है क्योंकि ज्ञान की प्राप्ति इसी के माध्यम से हो पाती है। हमें हमेशा ध्यान से सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमेशा किसी भी मुद्दे पर हमारे दिल दिमाग में दो तरह के विचार आते हैं। इसमें से एक विचार को हम स्वीकार लेते हैं दूसरे को त्याग देते हैं। इसमें युवाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस विचार को वह त्याग रहे हैं उस पर भी पहले विचार करें फिर त्यागें। जब युवा खुद को समझेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी। सफलता से मतलब साफ है की जो समाज के लिए जीता है वह सफल होता है। जो खुद के लिए जीता है वह डिप्रेशन का शिकार होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में युवाओं को प्रमुख रूप से पांच संदेश दिए गए हैं। पहला संदेश है सुनो और समझो, दूसरा संदेश है खुद को समझो, तीसरा संदेश है समाज कल्याण का संकल्प, चौथा संदेश है आपका संकल्प ही आपका भगवान है और पांचवा संदेश है अपने भगवान के लिए तपस्वी बनो।   इंदौर मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए अभ्यास मंडल की पहल याद की जाएगी भारत सरकार के द्वारा इंदौर मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर आज अभ्यास मंडल के द्वारा जश्न मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में अभी तो रेल का एक ही ट्रैक बनाया जाएगा लेकिन जमीन का अधिग्रहण दो ट्रैक के लिए किया जाएगा। अभ्यास मंडल के द्वारा आयोजित व्याख्यान माला में आज का व्याख्यान समाप्त होने के पश्चात इस रेल प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए जश्न के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2017 में अभ्यास मंडल ने इस प्रोजेक्ट के लिए धरना दिया था। इस धरने में सभी राजनीतिक दलों के लोग और इंदौर शहर के बुद्धिजीवी शामिल हुए थे। उसके बाद से अभ्यास मंडल के द्वारा लगातार इस प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए इंदौर से लेकर दिल्ली तक आवाज उठाई जा रही थी। कई बार रेल मंत्री से जाकर अभ्यास मंडल का प्रतिनिधिमंडल मिला था और इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देने का आग्रह किया गया था। इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जा चुका है लेकिन प्रोजेक्ट की मंजूरी अभी तक अपेक्षित थी। जो कि आज पूरी हो गई। इस मौके पर अभ्यास मंडल को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए पहुंचे सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि अभ्यास मंडल को ही इस प्रोजेक्ट की मंजूरी का श्रेय जाता है। इस प्रोजेक्ट के बारे में कई बार अभ्यास मंडल के साथियों के साथ मेरी चर्चा हुई। इस चर्चा में एक बार यह सुझाव आया था कि यह प्रोजेक्ट एक रेलवे लाइन का बनेगा लेकिन इसके लिए दो रेलवे लाइन की जमीन का अधिग्रहण किया जाना चाहिए। ताकि जब प्रोजेक्ट का विस्तार करना हो तो जमीन की व्यवस्था करने की चुनौती सामने नहीं आए। लालवानी ने कहा कि यह सुझाव मुझे बहुत अच्छा लगा था। यही कारण है कि एक बार जब मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सांसद मिलकर इस प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गए थे तब मैंने इस सुझाव को प्रमुखता के साथ रखा था। आज मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 18,000 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में अभी रेलवे का एक ही ट्रैक बनेगा लेकिन जमीन का अधिग्रहण दो ट्रैक के लिए किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 160 किलोमीटर की गति से रेल का संचालन हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट में 17 किलोमीटर लंबी सुरंग बनेगी और साथ में चार नदी के ऊपर बड़े-बड़े पुल भी बनाए जाएंगे। यह सुरंग और पुल दो रेलवे ट्रैक के हिसाब से बनाए जाएंगे। इस योजना के आकार लेने से औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर, वनवासी क्षेत्र धार, खरगोन और बड़वानी में रेल पहुंच सकेगी। नॉर्थ से लेकर साउथ तक की दूरी में 200 किलोमीटर की कमी आ जाएगी। लालवानी के संबोधन के बाद आयोजन स्थल पर मौजूद सभी व्यक्तियों ने खड़े होकर करतल ध्वनि के साथ इस प्रोजेक्ट को मंजूर किए जाने पर अपनी खुशी का इजहार किया।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Tue, 03 Sep 2024 09: 26 PM IST

अभ्यास मंडल की व्याख्यानमाला में हरिदास यशवंत ने बताया कैसा हो भविष्य का भारत, बोले जो खुद के लिए जीता है वह डिप्रेशन का शिकार होता है, समाज के लिए जीना शुरू करें। 
  हरिदास यशवंत का व्याख्यान। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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युवा विचारक एवं चिंतक हरिदास यशवंत ने कहा है कि भारतीय ज्ञान परंपरा में दिए गए पांच संदेश को अपनाने से हमारे देश का युवा आने वाले समय का राष्ट्र पुरुष बन सकता है। हमारे देश के युवाओं को प्रश्न पूछने की अपनी आदत को न केवल कायम रखना होगा बल्कि उसे और विकसित करना होगा।

वे आज अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित 63 वीं व्याख्यात माला में संबोधित कर रहे थे। उनका विषय था भारतीय ज्ञान परंपरा का युवाओं को संदेश। उन्होंने कहा कि भारत शब्द का मतलब होता है तेज के साथ में रहना। वह तेज हमारी भूमि पर ग्रंथ, विद्या, कला, वेशभूषा, भाषा, परंपरा और संस्कृति का है। इस तेज में से किसी भी विद्या का संरक्षक और संवर्धन का कार्य करना है। जिस व्यक्ति के पास इस तेज में से किसी भी विधा का भी साथ है वहीं भारतीय है। भारत एक विचार है जमीन का टुकड़ा नहीं।

उन्होंने कहा कि ज्ञान से आशय उस जानकारी से है जो हमें एकात्मता की ओर ले जाती है। हमारा ज्ञान कहता है कि किसी भी बात को सुनो समझो और फिर जियो। जिस व्यक्ति में सीखने की प्रवृत्ति है वही युवा है। उसकी उम्र चाहे कुछ भी हो लेकिन सीखने की आदत उसे हमेशा युवा बना कर रखती है। इस सीखने की आदत में संकल्प होता है और यह संकल्प ही आज के दौर के हिसाब से गोल सेटिंग कहलाता है। ऐसे में हमें जब भी जो भी सुनना है उसे बहुत ध्यान से सुनना है। परंपरा से आशय होता है अपने ज्ञान को, अपनी जानकारी को सिखाना। जब हम सीखने में नाकाम होते हैं तो परंपरा खंडित होती है। श्रवण हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है क्योंकि ज्ञान की प्राप्ति इसी के माध्यम से हो पाती है। हमें हमेशा ध्यान से सुनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमेशा किसी भी मुद्दे पर हमारे दिल दिमाग में दो तरह के विचार आते हैं। इसमें से एक विचार को हम स्वीकार लेते हैं दूसरे को त्याग देते हैं। इसमें युवाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस विचार को वह त्याग रहे हैं उस पर भी पहले विचार करें फिर त्यागें। जब युवा खुद को समझेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी। सफलता से मतलब साफ है की जो समाज के लिए जीता है वह सफल होता है। जो खुद के लिए जीता है वह डिप्रेशन का शिकार होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में युवाओं को प्रमुख रूप से पांच संदेश दिए गए हैं। पहला संदेश है सुनो और समझो, दूसरा संदेश है खुद को समझो, तीसरा संदेश है समाज कल्याण का संकल्प, चौथा संदेश है आपका संकल्प ही आपका भगवान है और पांचवा संदेश है अपने भगवान के लिए तपस्वी बनो।

 
इंदौर मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए अभ्यास मंडल की पहल याद की जाएगी
भारत सरकार के द्वारा इंदौर मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर आज अभ्यास मंडल के द्वारा जश्न मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में अभी तो रेल का एक ही ट्रैक बनाया जाएगा लेकिन जमीन का अधिग्रहण दो ट्रैक के लिए किया जाएगा। अभ्यास मंडल के द्वारा आयोजित व्याख्यान माला में आज का व्याख्यान समाप्त होने के पश्चात इस रेल प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए जश्न के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2017 में अभ्यास मंडल ने इस प्रोजेक्ट के लिए धरना दिया था। इस धरने में सभी राजनीतिक दलों के लोग और इंदौर शहर के बुद्धिजीवी शामिल हुए थे। उसके बाद से अभ्यास मंडल के द्वारा लगातार इस प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए इंदौर से लेकर दिल्ली तक आवाज उठाई जा रही थी। कई बार रेल मंत्री से जाकर अभ्यास मंडल का प्रतिनिधिमंडल मिला था और इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देने का आग्रह किया गया था। इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जा चुका है लेकिन प्रोजेक्ट की मंजूरी अभी तक अपेक्षित थी। जो कि आज पूरी हो गई। इस मौके पर अभ्यास मंडल को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए पहुंचे सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि अभ्यास मंडल को ही इस प्रोजेक्ट की मंजूरी का श्रेय जाता है। इस प्रोजेक्ट के बारे में कई बार अभ्यास मंडल के साथियों के साथ मेरी चर्चा हुई। इस चर्चा में एक बार यह सुझाव आया था कि यह प्रोजेक्ट एक रेलवे लाइन का बनेगा लेकिन इसके लिए दो रेलवे लाइन की जमीन का अधिग्रहण किया जाना चाहिए। ताकि जब प्रोजेक्ट का विस्तार करना हो तो जमीन की व्यवस्था करने की चुनौती सामने नहीं आए। लालवानी ने कहा कि यह सुझाव मुझे बहुत अच्छा लगा था। यही कारण है कि एक बार जब मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सांसद मिलकर इस प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गए थे तब मैंने इस सुझाव को प्रमुखता के साथ रखा था। आज मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 18,000 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में अभी रेलवे का एक ही ट्रैक बनेगा लेकिन जमीन का अधिग्रहण दो ट्रैक के लिए किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 160 किलोमीटर की गति से रेल का संचालन हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट में 17 किलोमीटर लंबी सुरंग बनेगी और साथ में चार नदी के ऊपर बड़े-बड़े पुल भी बनाए जाएंगे। यह सुरंग और पुल दो रेलवे ट्रैक के हिसाब से बनाए जाएंगे। इस योजना के आकार लेने से औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर, वनवासी क्षेत्र धार, खरगोन और बड़वानी में रेल पहुंच सकेगी। नॉर्थ से लेकर साउथ तक की दूरी में 200 किलोमीटर की कमी आ जाएगी। लालवानी के संबोधन के बाद आयोजन स्थल पर मौजूद सभी व्यक्तियों ने खड़े होकर करतल ध्वनि के साथ इस प्रोजेक्ट को मंजूर किए जाने पर अपनी खुशी का इजहार किया। 

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