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INDORE NEWS - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर के वार्ड-82 के भाजपा पार्षद शानू शर्मा उर्फ नितिन शर्मा पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाने वाली महिला में केस वापस लेने का कोर्ट ने दे आवेदन दिया है। शनिवार को कोर्ट ने आरोपी शानू शर्मा को भी अग्रिम जमानत दे दी। महिला ने शानू के परिवार को संदेश भेजा कि मैं अपनी मर्जी से केस वापस ले रही हूं, इसके लिए मेरी कोई मांग नहीं है। कोई मेरा नाम लेकर आपसे पैसे मांगे तो प्लीज आप नहीं देना…। महिला ने ये भी कहा कि उसने केस वापस लेने के लिए कोर्ट में शपथ पत्र दिया है।   Trending Videos महिला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रुपये ऑफर कर केस वापस लेने का दबाव डाला था। पार्षद की भाभी ने भी घर आकर बात की थी। मैंने केस वापस लेने की अर्जी दी है। मैं खुद कोर्ट गई हूं और शिकायत वापस लेने के लिए शपथ पत्र दिया है। किसी के बहकावे में नहीं गई हूं। मैंने तो पुलिस को ये भी नहीं कहा था कि मेरे साथ जबरदस्ती हुई है। न मैंने ये कहा था कि मेरे साथ दुष्कर्म हुआ है। हम दोनों के बीच मनमुटाव हुआ था। मैं गुस्से में आ गई थी। इसलिए शिकायत की। पुलिस को मैंने दुष्कर्म होने की बात नहीं बताई थी।  मुझे अकेले ही मेरा घर चलाना है  महिला ने कहा कि मैंने रिपोर्ट डाली और अब मैं रिपोर्ट वापस ले रही हूं, लेकिन मेरे भविष्य का क्या होगा। मुझे तो कोई नौकरी पर भी नहीं रखेगा। सारी चीजें मेरे ऊपर आने वाली हैं। मेरे घर में मैं अकेली घर चलाने वाली हूं। घर में एक बुजुर्ग मां और बेटा है। मेरे बच्चे को मैं पालती हूं। मेरा 10 साल का बेटा है। उसके भविष्य का क्या होगा। बेटा 5वीं कक्षा में पढ़ता है। 4 दिन से स्कूल नहीं गया है। मैं जिस एरिया में रहती हूं, उसी क्षेत्र में वो स्कूल जाता है। मेरी नौकरी भी चली गई है। घर में खाने के लाले पड़ गए हैं। हमने तो जैसे-तैसे मांग कर खाना खाया है। भाजपा वालों ने पहले ही पैसा देने का कहा था  पैसा लेना चाहती तो रिपोर्ट के पहले मुझे बहुत पैसा मिल रहा था। भाजपा वालों की तरफ से मेरे पास बहुत ऑफर आए थे। भाजपा के लोग मेरे पास ऑफर लेकर आए थे। उसकी (आरोपी पार्षद शानू) तरफ से पैसे का कोई ऑफर नहीं आया। उसकी भाभी मुझ से बात करने आई थी। उन्होंने कहा था कि आप दोनों की जो भी गलतियां है, उसे सुलझाएंगे। उसके घर वालों का कहना था कि आपस में बैठकर सुलझा लो। लेकिन मुझे गुस्सा आ गया था तो मैंने गलती (रिपोर्ट दर्ज) कर दी। उसने कहा था कि हम बैठकर बात कर लेते है लेकिन बात नहीं हो पाई। हम दोनों का आपस का मैटर था, जो इतना फैल गया। सब मेरी मर्जी से हुआ, मेरा जीवन खराब हो गया दुष्कर्म के आरोप वाली बात गलत है। उसने ऐसा नहीं किया। सब मेरी मर्जी से हुआ। हम दोनों में कुछ झगड़ा और बातें ऐसी हो गई थी। जिस वजह से मैं थाने तक पहुंची। मेरा तो जीवन खराब हो गया है। मेरा सब कुछ चला गया।  अब आगे क्या होगा शपथ पत्र पर गंभीर धारा के अपराध खत्म नहीं होते हैं। पुलिस कोर्ट में चालान पेश करेगी। महिला के बयान होंगे। महिला आरोप से मुकर जाती है तो आरोपी को लाभ मिल सकता है। बयान से पलटने पर महिला को भी सजा हो सकती है।

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इंदौर के वार्ड-82 के भाजपा पार्षद शानू शर्मा उर्फ नितिन शर्मा पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाने वाली महिला में केस वापस लेने का कोर्ट ने दे आवेदन दिया है। शनिवार को कोर्ट ने आरोपी शानू शर्मा को भी अग्रिम जमानत दे दी। महिला ने शानू के परिवार को संदेश भेजा कि मैं अपनी मर्जी से केस वापस ले रही हूं, इसके लिए मेरी कोई मांग नहीं है। कोई मेरा नाम लेकर आपसे पैसे मांगे तो प्लीज आप नहीं देना…। महिला ने ये भी कहा कि उसने केस वापस लेने के लिए कोर्ट में शपथ पत्र दिया है।  

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महिला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रुपये ऑफर कर केस वापस लेने का दबाव डाला था। पार्षद की भाभी ने भी घर आकर बात की थी। मैंने केस वापस लेने की अर्जी दी है। मैं खुद कोर्ट गई हूं और शिकायत वापस लेने के लिए शपथ पत्र दिया है। किसी के बहकावे में नहीं गई हूं। मैंने तो पुलिस को ये भी नहीं कहा था कि मेरे साथ जबरदस्ती हुई है। न मैंने ये कहा था कि मेरे साथ दुष्कर्म हुआ है। हम दोनों के बीच मनमुटाव हुआ था। मैं गुस्से में आ गई थी। इसलिए शिकायत की। पुलिस को मैंने दुष्कर्म होने की बात नहीं बताई थी। 

मुझे अकेले ही मेरा घर चलाना है 
महिला ने कहा कि मैंने रिपोर्ट डाली और अब मैं रिपोर्ट वापस ले रही हूं, लेकिन मेरे भविष्य का क्या होगा। मुझे तो कोई नौकरी पर भी नहीं रखेगा। सारी चीजें मेरे ऊपर आने वाली हैं। मेरे घर में मैं अकेली घर चलाने वाली हूं। घर में एक बुजुर्ग मां और बेटा है। मेरे बच्चे को मैं पालती हूं। मेरा 10 साल का बेटा है। उसके भविष्य का क्या होगा। बेटा 5वीं कक्षा में पढ़ता है। 4 दिन से स्कूल नहीं गया है। मैं जिस एरिया में रहती हूं, उसी क्षेत्र में वो स्कूल जाता है। मेरी नौकरी भी चली गई है। घर में खाने के लाले पड़ गए हैं। हमने तो जैसे-तैसे मांग कर खाना खाया है।

भाजपा वालों ने पहले ही पैसा देने का कहा था 
पैसा लेना चाहती तो रिपोर्ट के पहले मुझे बहुत पैसा मिल रहा था। भाजपा वालों की तरफ से मेरे पास बहुत ऑफर आए थे। भाजपा के लोग मेरे पास ऑफर लेकर आए थे। उसकी (आरोपी पार्षद शानू) तरफ से पैसे का कोई ऑफर नहीं आया। उसकी भाभी मुझ से बात करने आई थी। उन्होंने कहा था कि आप दोनों की जो भी गलतियां है, उसे सुलझाएंगे। उसके घर वालों का कहना था कि आपस में बैठकर सुलझा लो। लेकिन मुझे गुस्सा आ गया था तो मैंने गलती (रिपोर्ट दर्ज) कर दी। उसने कहा था कि हम बैठकर बात कर लेते है लेकिन बात नहीं हो पाई। हम दोनों का आपस का मैटर था, जो इतना फैल गया।

सब मेरी मर्जी से हुआ, मेरा जीवन खराब हो गया
दुष्कर्म के आरोप वाली बात गलत है। उसने ऐसा नहीं किया। सब मेरी मर्जी से हुआ। हम दोनों में कुछ झगड़ा और बातें ऐसी हो गई थी। जिस वजह से मैं थाने तक पहुंची। मेरा तो जीवन खराब हो गया है। मेरा सब कुछ चला गया। 

अब आगे क्या होगा
शपथ पत्र पर गंभीर धारा के अपराध खत्म नहीं होते हैं। पुलिस कोर्ट में चालान पेश करेगी। महिला के बयान होंगे। महिला आरोप से मुकर जाती है तो आरोपी को लाभ मिल सकता है। बयान से पलटने पर महिला को भी सजा हो सकती है।

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