indore-news:-भगवान-की-मूर्ति-में-ये-गलती-मत-करना,-धर्मग्रन्थों-की-बातों-को-ध्यान-में-रखना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 11 Aug 2024 06: 44 PM IST भगवान गणेश और माताजी की मूर्तियों के लिए कलेक्टर के सख्त निर्देश, पीओपी का उपयोग नहीं करें, मिट्टी से ही बनाएं मूर्तियां।   गणेश चतुर्थी आने वाली है। फिर नवरात्रि की तैयारियां भी शुरू होंगी। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें गणेश चतुर्थी आने वाली है और मूर्तिकार मूर्तियां तैयार करने में लगे हैं। इसके बाद नवरात्री के लिए भी तैयारी शुरू होने वाली है। इन सबके बीच इंदौर कलेक्टर ने मूर्तिकारों को मूर्ति बनाने के लिए धर्मग्रन्थों की बात याद दिलाई है।  कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर मूर्तिकारों और संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में मूर्तिकारों से कहा गया कि वे पीओपी की मूर्तियां न बनाएं, मिट्टी का ही उपयोग करें। प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। बैठक में एडीएम रोशन राय ने दिशा-निर्देशों की जानकारी दी और निर्देशित किया कि मूर्ति निर्माण से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का इंदौर में कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग करें बैठक में बताया गया कि भगवान गणेश व माताजी मूर्तियों के निर्माण में केवल उन्हीं प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाए, जैसा कि पुराने धर्मग्रन्थों में उल्लेखित है। मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग किया जाए, पकी हुई मिट्टी, पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। उपस्थित मूर्तिकारों को मूर्ति निर्माण में पीओपी के विकल्प के रूप में अन्य प्राकृतिक सामग्री जैसे पेपर आदि के इस्तेमाल की सलाह दी गई ताकि पर्यावरण को होने वाले नुकसान की रोकथाम की जा सके। मूर्ति पर कलर हेतु केवल प्राकृतिक रंगों व गैर विषाक्त रंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी प्रकार के रासायनिक व विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। पीओपी की मूर्तियों की जानकारी मांगी जिले में केवल परंपरागत् मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से बनाई जानी वाली प्रतिमाओं के उत्पादन तथा विक्रय, बाहर ले जाने या बाहर से लाने को प्रतिबंधित किया गया है। यदि कहीं मूर्तिकारों द्वारा पूर्व में मूर्तियां निर्मित कर ली गई हों तो, परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से पूर्व से निर्मित कर ली गई प्रतिमाओं के वर्तमान स्टॉक की जानकारी लिखित में प्रस्तुत कर दें तथा उनके अतिरिक्त, इस प्रकार की नई प्रतिमाओं के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है। स्थानीय निकाय द्वारा इस संबंध में सत्यापन किया जाएगा। नगर निगम स्थानीय निकायों द्वारा स्थानीय स्तर पर मूर्ति विसर्जन हेतु पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित स्थलों को डेजिगनेट कर नोटिफाई करेगा। इस प्रकार बनाए गए कुण्ड व अन्य जल स्त्रोत में ही विसर्जन करवाया जाना सुनिश्चित् कराया जाएगा। बैठक में नदी एवं तालाबों में गैर पारंपरिक वस्तुओं से निर्मित मूर्तियों के विसर्जन को प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में सभी को अवगत कराया गया। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 11 Aug 2024 06: 44 PM IST

भगवान गणेश और माताजी की मूर्तियों के लिए कलेक्टर के सख्त निर्देश, पीओपी का उपयोग नहीं करें, मिट्टी से ही बनाएं मूर्तियां।
  गणेश चतुर्थी आने वाली है। फिर नवरात्रि की तैयारियां भी शुरू होंगी। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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गणेश चतुर्थी आने वाली है और मूर्तिकार मूर्तियां तैयार करने में लगे हैं। इसके बाद नवरात्री के लिए भी तैयारी शुरू होने वाली है। इन सबके बीच इंदौर कलेक्टर ने मूर्तिकारों को मूर्ति बनाने के लिए धर्मग्रन्थों की बात याद दिलाई है। 

कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर मूर्तिकारों और संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में मूर्तिकारों से कहा गया कि वे पीओपी की मूर्तियां न बनाएं, मिट्टी का ही उपयोग करें। प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। बैठक में एडीएम रोशन राय ने दिशा-निर्देशों की जानकारी दी और निर्देशित किया कि मूर्ति निर्माण से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का इंदौर में कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग करें
बैठक में बताया गया कि भगवान गणेश व माताजी मूर्तियों के निर्माण में केवल उन्हीं प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाए, जैसा कि पुराने धर्मग्रन्थों में उल्लेखित है। मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग किया जाए, पकी हुई मिट्टी, पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। उपस्थित मूर्तिकारों को मूर्ति निर्माण में पीओपी के विकल्प के रूप में अन्य प्राकृतिक सामग्री जैसे पेपर आदि के इस्तेमाल की सलाह दी गई ताकि पर्यावरण को होने वाले नुकसान की रोकथाम की जा सके। मूर्ति पर कलर हेतु केवल प्राकृतिक रंगों व गैर विषाक्त रंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी प्रकार के रासायनिक व विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।

पीओपी की मूर्तियों की जानकारी मांगी
जिले में केवल परंपरागत् मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से बनाई जानी वाली प्रतिमाओं के उत्पादन तथा विक्रय, बाहर ले जाने या बाहर से लाने को प्रतिबंधित किया गया है। यदि कहीं मूर्तिकारों द्वारा पूर्व में मूर्तियां निर्मित कर ली गई हों तो, परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से पूर्व से निर्मित कर ली गई प्रतिमाओं के वर्तमान स्टॉक की जानकारी लिखित में प्रस्तुत कर दें तथा उनके अतिरिक्त, इस प्रकार की नई प्रतिमाओं के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है। स्थानीय निकाय द्वारा इस संबंध में सत्यापन किया जाएगा। नगर निगम स्थानीय निकायों द्वारा स्थानीय स्तर पर मूर्ति विसर्जन हेतु पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित स्थलों को डेजिगनेट कर नोटिफाई करेगा। इस प्रकार बनाए गए कुण्ड व अन्य जल स्त्रोत में ही विसर्जन करवाया जाना सुनिश्चित् कराया जाएगा। बैठक में नदी एवं तालाबों में गैर पारंपरिक वस्तुओं से निर्मित मूर्तियों के विसर्जन को प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में सभी को अवगत कराया गया।

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