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इंदौर के बीआरटीएस पर जलजमाव। - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें इंदौर मेें मंगलवार को हुई झमाझम बारिश ने सत्यसांई चौराहे पर अफसरों की लापरवाही सामने लाकर रख दी। चौराहे पर ब्रिज का काम चल रहा है। इसके लिए सड़क के मध्य हिस्से में शेड लगाकर रख दिए गए। मंगलवार को जब बारिश हुई तो पानी को जाने की गह नहीं मिली और सड़क पर डेढ़-दो फीट पानी भर गया। कारों के पहिए डूूब रहे थे। जलजमाव देख कई दोपहिया वाहन चालकों ने वैकल्पिक रास्ते चुने तो जिन्होंने पानी के बीच से वाहन ले जाने का जोखिम उठाया। उनमें से कईयों को बंद गाड़ी को धक्के लगाकर बाहर निकालना पड़ा। कई रिक्शा भी बंद हो गए थे। रहवासियों का कहना है कि इस चौराहे पर पहले से जलजमाव की समस्या है, लेकिन पहले पानी इतना नहीं भरता था। बारिश थमने के कुछ देर बाद पानी बह कर निकल जात था, लेकिन जब से ब्रिज का काम शुरु हुआ। उसके बाद पानी ज्यादा भरने लगा। शहर के व्यस्त चौराहों में से एक सत्यसांई चौराहे पर पानी भरने के कारण यातायात भी बाधित हुआ। इस चौराहे के समीप दो बड़े स्कूल और दो काॅलेज है। विद्यार्थियों को भी इस मार्ग से निकलने में परेशानी हुई। बारिश थमने के दो घंटे बाद भी जलजमाव कम नहीं होने पर ब्रिज का काम कर रही कंपनी ने जल निकासी के प्रयास शुरू दिए। बाइपास का वैकल्पिक मार्ग भी खराब इंदौर के एमआर-10 जंक्शन पर एनएचएआई तीन ब्रिजों का निर्माण कर रहा है। इसके लिए स्कीम-134 की गलियों से वैकल्पिक मार्ग तैयार किए गए, लेकिन चार माह में ही मार्ग दम तोड़ चुके है। जगह-जगह गड्ढे हो चुके है और कारों को निकलने में परेशानी आ रही है। गलियों में कई बार जाम भी लग रहा हैै।

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इंदौर के बीआरटीएस पर जलजमाव। – फोटो : अमर उजाला

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इंदौर मेें मंगलवार को हुई झमाझम बारिश ने सत्यसांई चौराहे पर अफसरों की लापरवाही सामने लाकर रख दी। चौराहे पर ब्रिज का काम चल रहा है। इसके लिए सड़क के मध्य हिस्से में शेड लगाकर रख दिए गए। मंगलवार को जब बारिश हुई तो पानी को जाने की गह नहीं मिली और सड़क पर डेढ़-दो फीट पानी भर गया।

कारों के पहिए डूूब रहे थे। जलजमाव देख कई दोपहिया वाहन चालकों ने वैकल्पिक रास्ते चुने तो जिन्होंने पानी के बीच से वाहन ले जाने का जोखिम उठाया। उनमें से कईयों को बंद गाड़ी को धक्के लगाकर बाहर निकालना पड़ा। कई रिक्शा भी बंद हो गए थे।

रहवासियों का कहना है कि इस चौराहे पर पहले से जलजमाव की समस्या है, लेकिन पहले पानी इतना नहीं भरता था। बारिश थमने के कुछ देर बाद पानी बह कर निकल जात था, लेकिन जब से ब्रिज का काम शुरु हुआ। उसके बाद पानी ज्यादा भरने लगा।

शहर के व्यस्त चौराहों में से एक सत्यसांई चौराहे पर पानी भरने के कारण यातायात भी बाधित हुआ। इस चौराहे के समीप दो बड़े स्कूल और दो काॅलेज है। विद्यार्थियों को भी इस मार्ग से निकलने में परेशानी हुई। बारिश थमने के दो घंटे बाद भी जलजमाव कम नहीं होने पर ब्रिज का काम कर रही कंपनी ने जल निकासी के प्रयास शुरू दिए।

बाइपास का वैकल्पिक मार्ग भी खराब

इंदौर के एमआर-10 जंक्शन पर एनएचएआई तीन ब्रिजों का निर्माण कर रहा है। इसके लिए स्कीम-134 की गलियों से वैकल्पिक मार्ग तैयार किए गए, लेकिन चार माह में ही मार्ग दम तोड़ चुके है। जगह-जगह गड्ढे हो चुके है और कारों को निकलने में परेशानी आ रही है। गलियों में कई बार जाम भी लग रहा हैै।

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