indore-news:-बिना-नोटिस-दिए-तोड़-दिए-घर,-लोगों-ने-किया-चक्काजाम,-आक्रोश-देख-रोकना-पड़ी-कार्रवाई
सड़क पर धरने पर बैठे रहवासी। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर में सुखलिया स्थित लहैया कालोनी में आईडीए की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। सुबह 11 बजे अतिक्रमण हटाने वाला दल पहुंचा और घरों को तोड़ना शुरू किया। लोगों का बढ़ता विरोध देखकर आईडीए टीम और पुलिस ने कार्रवाई रोक दी। भड़के हुए लोगों ने रास्ते पर चक्काजाम कर दिया और लगभग एक घंटे के बाद में चक्काजाम खोला गया। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके पास घरों के पूरे दस्तावेज हैं और वे कई सालों से यहां पर रह रहे हैं। रहवासियों का कहना है कि बिना किसी नोटिस के उनके घर तोड़ दिए गए।  Trending Videos रजिस्ट्री हुई बैंक से लोन लिया तब क्यों नहीं आए अधिकारी पीड़ित सोनू सेन ने कहा कि मैंने कर्जा लेकर अभी कुछ समय पहले ही घर बनाया। बैंक से 17 लाख रुपए का लोन लिया। बैंक ने पूरे कागज जांचे और मुझे लोन दिया। यदि कागज गलत थे तो उसी वक्त बैंक को बताना था। इसके बाद हमने घर की रजिस्ट्री भी करवाई। रजिस्टार कार्यालय को बताना चाहिए कि कागज सही नहीं हैं। जब हमने किश्त चुकाने लगे इतना कर्जा ले लिया तब घर तोड़ दिया। अभ हम कहां पर जाएं और कैसे अपना घर चलाएं।  काम पर जा रहे थे लोग घर तोड़ने आ गए अधिकारी यहीं पर रहने वाले आशीष राय ने कहा कि घर तोड़ने से पहले नोटिस भी नहीं दिया। लोगों के घरों में सामान रखा था वे सुबह उठकर घर के नियमित काम कर रहे थे। अचानक से टीम आई और घरों को तोड़ने लगी। यह सरकार और प्रशासन की निर्दयता है।  कांग्रेस पार्षद आए, भाजपा विधायक ने लिया आवेदन सुबह जब दल मकानों को तोड़ने आया तो कांग्रेस पार्षद राजू भदौरिया मौके पर आए और आईडीए की टीम से कार्रवाई रोकने के लिए कहा। इसके बाद सभी रहवासी विधायक रमेश मेंदोला से शिकायत करने भी पहुंचे। सभी ने तुरंत कार्ऱवाई रोकेने का आवेदन दिया। रहवासी हीरा नगर थाने भी पहुंचे और वहां पर भी आवेदन दिया। 

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सड़क पर धरने पर बैठे रहवासी। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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इंदौर में सुखलिया स्थित लहैया कालोनी में आईडीए की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। सुबह 11 बजे अतिक्रमण हटाने वाला दल पहुंचा और घरों को तोड़ना शुरू किया। लोगों का बढ़ता विरोध देखकर आईडीए टीम और पुलिस ने कार्रवाई रोक दी। भड़के हुए लोगों ने रास्ते पर चक्काजाम कर दिया और लगभग एक घंटे के बाद में चक्काजाम खोला गया। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके पास घरों के पूरे दस्तावेज हैं और वे कई सालों से यहां पर रह रहे हैं। रहवासियों का कहना है कि बिना किसी नोटिस के उनके घर तोड़ दिए गए। 

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रजिस्ट्री हुई बैंक से लोन लिया तब क्यों नहीं आए अधिकारी
पीड़ित सोनू सेन ने कहा कि मैंने कर्जा लेकर अभी कुछ समय पहले ही घर बनाया। बैंक से 17 लाख रुपए का लोन लिया। बैंक ने पूरे कागज जांचे और मुझे लोन दिया। यदि कागज गलत थे तो उसी वक्त बैंक को बताना था। इसके बाद हमने घर की रजिस्ट्री भी करवाई। रजिस्टार कार्यालय को बताना चाहिए कि कागज सही नहीं हैं। जब हमने किश्त चुकाने लगे इतना कर्जा ले लिया तब घर तोड़ दिया। अभ हम कहां पर जाएं और कैसे अपना घर चलाएं। 

काम पर जा रहे थे लोग घर तोड़ने आ गए अधिकारी
यहीं पर रहने वाले आशीष राय ने कहा कि घर तोड़ने से पहले नोटिस भी नहीं दिया। लोगों के घरों में सामान रखा था वे सुबह उठकर घर के नियमित काम कर रहे थे। अचानक से टीम आई और घरों को तोड़ने लगी। यह सरकार और प्रशासन की निर्दयता है। 

कांग्रेस पार्षद आए, भाजपा विधायक ने लिया आवेदन
सुबह जब दल मकानों को तोड़ने आया तो कांग्रेस पार्षद राजू भदौरिया मौके पर आए और आईडीए की टीम से कार्रवाई रोकने के लिए कहा। इसके बाद सभी रहवासी विधायक रमेश मेंदोला से शिकायत करने भी पहुंचे। सभी ने तुरंत कार्ऱवाई रोकेने का आवेदन दिया। रहवासी हीरा नगर थाने भी पहुंचे और वहां पर भी आवेदन दिया। 

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