प्रदेश के ट्रांसपोर्टर्स उतरे विरोध में – फोटो : संवाद
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परिवहन विभाग द्वारा निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया निर्णय विभाग को 24 घंटों में ही वापस लेना पड़ा। परिवहन मुख्यालय ने 12 जुलाई को तुगलकी फरमान जारी करते हुए कहा था कि इंदौर, भोपाल और ग्वालियर ने निजी ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर (एटीएस) को मान्यता दी गई है। इसके चलते इन तीनों ही जिलों में वाहनों का फिटनेस टेस्ट परिवहन विभाग द्वारा नहीं किया जाएगा। यह फिटनेस टेस्ट निजी सेंटर पर ही किया जाएगा। इस निर्णय के बाद आई तकनीकी समस्याओं के चलते 24 जुलाई तक इंदौर के सेंटर के लिए सिस्टम से अपाइंटमेंट ही जारी नहीं हो रहे थे।
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प्रदेश के ट्रांसपोर्टर्स उतरे विरोध में
इसके बाद 24 जुलाई शाम को विभाग ने सिस्टम में बदलाव किया। विभाग ने इंदौर आरटीओ द्वारा किए जाने वाले फिटनेस अपाइंटमेंट के विकल्प को बंद कर दिया। इसके बाद वेदांती व्हीकल फिटनेस सेंटर का विकल्प खोल दिया। विभाग ने कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए इंदौर में रजिस्टर्ड वाहनों के प्रदेश में कहीं भी फिटनेस जांच ना किए जाने को लेकर भी सिस्टम में लॉक लगा दिया। जब यह बात सामने आई तो प्रदेश के ट्रांसपोर्टर्स भी विभाग के इस फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज करवाने लगे।
पूरे प्रदेश में हो सकेगा फिटनेस
बढ़ते हुए विरोध को देखते हुए। विभाग ने 25 जुलाई शाम से इंदौर के वाहनों की फिटनेस जांच पर लगाया प्रतिबंध वापस ले लिया है। अब इंदौर के वापस प्रदेश में कहीं भी फिटनेस जांच करवा सकेंगे। इंदौर के वाहनों को सिर्फ इंदौर में ही फिटनेस करवाने के इस निर्णय का चौतरफा विरोध हुआ।
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