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पुलिसकर्मी ने बेटी की गुहार पर पिता की जान तुरंत बचाई। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर के किशनगंज थाने में पदस्थ एक पुलिसकर्मी ने सोमवार शाम को एक व्यक्ति की जान बचाई। यह घटना इंदौर और महू के बीच हुई। शाम करीब साढ़े पांच बजे पीथमपुर निवासी जगदीश अपनी 14 साल की बेटी के साथ एक्टिवा पर जा रहे थे। अचानक जगदीश को घबराहट हुई और उन्होंने एक्टिवा रोक दी। बेटी ने पिता की हालत देखकर मदद के लिए लोगों से गुहार लगाई। भीड़ में कोई मदद करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था भीड़ तो जमा हो गई लेकिन कोई आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। तभी किशनगंज थाने से बाइक पर निकले हेड कॉन्स्टेबल राघवेंद्र रघुवंशी भीड़ के पास पहुंचे। बच्ची ने उन्हें अपने पिता की ओर इशारा किया। जगदीश तब तक जमीन पर गिर चुके थे। राघवेंद्र ने तुरंत समझदारी दिखाते हुए जगदीश को सीपीआर (Cardiopulmonary resuscitation) देना शुरू कर दिया। कुछ ही सेकंड में जगदीश की सांसें चलने लगीं और वह होश में आ गए। उन्होंने पुलिसकर्मी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने देवता बनकर उनकी जान बचाई है। पुलिसकर्मी को सम्मान देने की मांग इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग पुलिसकर्मी की तारीफ कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि मानवीयता और तत्परता किसी भी मुश्किल स्थिति से निकलने का रास्ता दिखा सकती है। लोग सोशल मीडिया पर राघवेंद्र रघुवंशी जैसे पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने की भी मांग कर रहे हैं। यह भी बता रहे हैं कि लोगों को भी सीपीआर जैसी जीवन बचाने वाली तकनीकों के बारे में जागरूक होना चाहिए। इस तरह की घटनाएं हमें यह भी याद दिलाती हैं कि एक छोटी सी मदद किसी की जिंदगी बदल सकती है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्था नहीं है, बल्कि समाज की सेवा करने वाली भी है।

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पुलिसकर्मी ने बेटी की गुहार पर पिता की जान तुरंत बचाई। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

विस्तार Follow Us

इंदौर के किशनगंज थाने में पदस्थ एक पुलिसकर्मी ने सोमवार शाम को एक व्यक्ति की जान बचाई। यह घटना इंदौर और महू के बीच हुई। शाम करीब साढ़े पांच बजे पीथमपुर निवासी जगदीश अपनी 14 साल की बेटी के साथ एक्टिवा पर जा रहे थे। अचानक जगदीश को घबराहट हुई और उन्होंने एक्टिवा रोक दी। बेटी ने पिता की हालत देखकर मदद के लिए लोगों से गुहार लगाई।

भीड़ में कोई मदद करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था
भीड़ तो जमा हो गई लेकिन कोई आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। तभी किशनगंज थाने से बाइक पर निकले हेड कॉन्स्टेबल राघवेंद्र रघुवंशी भीड़ के पास पहुंचे। बच्ची ने उन्हें अपने पिता की ओर इशारा किया। जगदीश तब तक जमीन पर गिर चुके थे। राघवेंद्र ने तुरंत समझदारी दिखाते हुए जगदीश को सीपीआर (Cardiopulmonary resuscitation) देना शुरू कर दिया। कुछ ही सेकंड में जगदीश की सांसें चलने लगीं और वह होश में आ गए। उन्होंने पुलिसकर्मी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने देवता बनकर उनकी जान बचाई है।

पुलिसकर्मी को सम्मान देने की मांग
इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग पुलिसकर्मी की तारीफ कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि मानवीयता और तत्परता किसी भी मुश्किल स्थिति से निकलने का रास्ता दिखा सकती है। लोग सोशल मीडिया पर राघवेंद्र रघुवंशी जैसे पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने की भी मांग कर रहे हैं। यह भी बता रहे हैं कि लोगों को भी सीपीआर जैसी जीवन बचाने वाली तकनीकों के बारे में जागरूक होना चाहिए। इस तरह की घटनाएं हमें यह भी याद दिलाती हैं कि एक छोटी सी मदद किसी की जिंदगी बदल सकती है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्था नहीं है, बल्कि समाज की सेवा करने वाली भी है।

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