indore-news:-निवेशकों-की-पहली-पसंद-इंदौर,-मिलों-की-जमीन-पर-फिर-लगेंगे-उद्योग,-मिलेंगे-हजारों-रोजगार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Mon, 05 Aug 2024 09: 44 PM IST देशभर के निवेशकों के लिए अब इंदौर पहली पसंद बनता जा रहा है। इंदौर में उद्योगों के लिए जमीन तलाशना अब सरकार के लिए भी बड़ा काम होता जा रहा है। कहीं वन विभाग की जमीन का मामला फंसता है तो कहीं खेती की जमीन का मामला उलझता है। इसके चलते अब सरकार इंदौर में बंद पड़ी मिलों की जमीन पर उद्योग लगाएगी।  Trending Videos रोजगार लाना पहली प्राथमिकता एमपीआइडीसी की कार्यकारी निदेशक सपना जैन ने अमर उजाला को बातचीत में बताया कि बंद मिलों की जमीन पर हम उद्योग लाना चाहते हैं ताकि रोजगार का सृजन हो। सरकार को हमने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। मिलों की जमीन में भी कई तरह के केस और अन्य अनुमतियां हैं जिनके लिए हम इंतजार कर रहे हैं। अनुमतियों के बाद यहां पर उद्योगों के प्रोजेक्ट लाए जाएंगे। बरलई शुगर मिल में 12 हजार को रोजगार मिलेगा एमपीआइडीसी बंद पड़ी राजकुमार मिल, मालवा मिल, स्वदेशी मिल, कल्याण मिल की जमीन पर उद्योग और कन्वेंशन लाने की योजना बना रहा है। सपना जैन ने बताया कि बरलई शुगर मिल पर तो रेडिमेड काम्प्लेक्स प्रोजेक्ट आ रहा है। इसमें करीब 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।  रुकावटें आईं तो सरकार जरूरी उद्योगों के रूप में जमीन लेगी सपना जैन ने बताया कि मिलों की जमीनों में कई तरह की कानूनी पेंचीदगियां भी हैं लेकिन सरकार इस पर काम करेगी। यदि सरकार को लगता है कि यहां पर उद्योगों के आने से शहर और प्रदेश को बड़ा फायदा होगा तो फिर सरकार इन जमीनों को एसेंशियल मोड में जाकर लेगी। हम चाहते हैं कि रोजगार आएं और प्रदेश का विकास हो। 

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Mon, 05 Aug 2024 09: 44 PM IST

देशभर के निवेशकों के लिए अब इंदौर पहली पसंद बनता जा रहा है। इंदौर में उद्योगों के लिए जमीन तलाशना अब सरकार के लिए भी बड़ा काम होता जा रहा है। कहीं वन विभाग की जमीन का मामला फंसता है तो कहीं खेती की जमीन का मामला उलझता है। इसके चलते अब सरकार इंदौर में बंद पड़ी मिलों की जमीन पर उद्योग लगाएगी। 

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रोजगार लाना पहली प्राथमिकता
एमपीआइडीसी की कार्यकारी निदेशक सपना जैन ने अमर उजाला को बातचीत में बताया कि बंद मिलों की जमीन पर हम उद्योग लाना चाहते हैं ताकि रोजगार का सृजन हो। सरकार को हमने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। मिलों की जमीन में भी कई तरह के केस और अन्य अनुमतियां हैं जिनके लिए हम इंतजार कर रहे हैं। अनुमतियों के बाद यहां पर उद्योगों के प्रोजेक्ट लाए जाएंगे।

बरलई शुगर मिल में 12 हजार को रोजगार मिलेगा
एमपीआइडीसी बंद पड़ी राजकुमार मिल, मालवा मिल, स्वदेशी मिल, कल्याण मिल की जमीन पर उद्योग और कन्वेंशन लाने की योजना बना रहा है। सपना जैन ने बताया कि बरलई शुगर मिल पर तो रेडिमेड काम्प्लेक्स प्रोजेक्ट आ रहा है। इसमें करीब 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। 

रुकावटें आईं तो सरकार जरूरी उद्योगों के रूप में जमीन लेगी
सपना जैन ने बताया कि मिलों की जमीनों में कई तरह की कानूनी पेंचीदगियां भी हैं लेकिन सरकार इस पर काम करेगी। यदि सरकार को लगता है कि यहां पर उद्योगों के आने से शहर और प्रदेश को बड़ा फायदा होगा तो फिर सरकार इन जमीनों को एसेंशियल मोड में जाकर लेगी। हम चाहते हैं कि रोजगार आएं और प्रदेश का विकास हो। 

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