indore-news:-नाइट-कल्चर-के-विरोध-में-उतरे-महापौर,-कलेक्टर-और-पुलिस-कमिश्नर-को-लिखा-पत्र
महापौर पुष्यमित्र भार्गव - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर में तेजी से बढ़ते अपराधों पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कलेक्टर इलैया राजा टी और पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर को पत्र लिखा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ही शहर में कई बड़ी आपराधिक घटनाओं से चिंतित महापौर ने इसके लिए नाइट कल्चर को जिम्मेदार बताया है। पत्र में उन्होंने नाइट कल्चर को बंद करने पर विचार करने के लिए कहा है।  क्या लिखा है पत्र में देवी माता अहिल्या की पावन नगरी इंदौर शहर की अपनी संस्कृति और पहचान है। यह शहर स्वच्छता, व्यवसाय और जनभागीदारी के अतिरिक्त सांस्कृतिक रूप से प्रतिष्ठित है। नाइट कल्चर के नाम पर शहर में रात्रि के समय खुले रहने वाले बाजारों ने समृद्ध सांस्कृतिक शहर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है। नाइट कल्चर के बढ़ते प्रभाव ने सांस्कृतिक अतिक्रमण कर अपराध और अपसंस्कृति को बढ़ावा दिया है। इन रात्रिकालीन बाजारों के कारण आए दिन नए अपराध हो रहे हैं। दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं और महिलाओं के साथ भी आपराधिक घटनाओं की जानकारी संज्ञान में आ रही है। अतः शहरहित में नाइट कल्वर के नाम पर रात्रिकालीन बाजारों की व्यवस्था पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। लोकतांत्रिक तरीके से शहर के जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों, पुलिस प्रशासन की संयुक्त बैठक कराएं जिससे इस संबंध में उचित निर्णय लिया जा सके।

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महापौर पुष्यमित्र भार्गव – फोटो : अमर उजाला, इंदौर

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इंदौर में तेजी से बढ़ते अपराधों पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कलेक्टर इलैया राजा टी और पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर को पत्र लिखा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ही शहर में कई बड़ी आपराधिक घटनाओं से चिंतित महापौर ने इसके लिए नाइट कल्चर को जिम्मेदार बताया है। पत्र में उन्होंने नाइट कल्चर को बंद करने पर विचार करने के लिए कहा है। 

क्या लिखा है पत्र में
देवी माता अहिल्या की पावन नगरी इंदौर शहर की अपनी संस्कृति और पहचान है। यह शहर स्वच्छता, व्यवसाय और जनभागीदारी के अतिरिक्त सांस्कृतिक रूप से प्रतिष्ठित है। नाइट कल्चर के नाम पर शहर में रात्रि के समय खुले रहने वाले बाजारों ने समृद्ध सांस्कृतिक शहर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है। नाइट कल्चर के बढ़ते प्रभाव ने सांस्कृतिक अतिक्रमण कर अपराध और अपसंस्कृति को बढ़ावा दिया है। इन रात्रिकालीन बाजारों के कारण आए दिन नए अपराध हो रहे हैं। दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं और महिलाओं के साथ भी आपराधिक घटनाओं की जानकारी संज्ञान में आ रही है। अतः शहरहित में नाइट कल्वर के नाम पर रात्रिकालीन बाजारों की व्यवस्था पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। लोकतांत्रिक तरीके से शहर के जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों, पुलिस प्रशासन की संयुक्त बैठक कराएं जिससे इस संबंध में उचित निर्णय लिया जा सके।

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