indore-news:-नकली-नोट-छापने-पर-उम्रकैद-की-सजा,-लॉकडाउन-में-नौकरी-छूटने-पर-यूट्यूब-से-ली-थी-जानकारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 07 May 2023 08: 02 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें लॉकडाउन में नौकरी छूटने के कारण वो बेरोजगार हो गया था। यूट्यूब पर एक दिन उसने नकली नोट छापने का वीडियो देखा और इसके बाद वो स्कैनर, प्रिंटर खरीद कर ले आया। राजरतन तायडे - फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर विस्तार लॉकडाउन में नौकरी छूटने पर एक युवक ने यूट्यूब की मदद से नकली नोट छापने का तरीका सीखा। इसके बाद वह घर पर ही स्कैनर और प्रिंटर की मदद से 100, 500 और 2 हजार के जाली नोट छापने लगा। आरोपी के पास से 2 लाख 53 हजार 100 रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे। कोर्ट ने आरोपी को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। संभवतः यह इंदौर में पहला मामला है जब नकली नोट के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है।  9 जून 2021 को थाना क्राइम ब्रांच इंदौर के उपनिरीक्षक लोकेन्द्र सिंह को मुखबिर से इस विषय में सूचना मिली थी। उसने बताया कि राजरतन तायडे निवासी आजाद नगर नकली नोट छाप रहा है। वह 100, 500 व 2000 रुपए के नकली नोट लेकर सुबह 11 से 12 बजे के किसी को देने जाने वाला है। इसके आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम मुखबिर के बताए स्थान पर पहुंची। करीब 10 मिनट इंतजार करने के बाद मुखबिर द्वारा बताए हुलिए का व्यक्ति भंडारी ब्रिज की तरफ से जामुनी रंग की मोटरसाइकिल से आया। टीम ने उसे घेराबंदी कर पकड़ा। नाम-पता पूछने पर उसने अपना नाम राजरतन तायडे, उम्र 26 साल निवासी आजाद नगर इंदौर बताया। तलाशी लेने पर उसकी पेंट की जेब से 100 रुपए के नोट का एक बंडल मिला। इसमें सभी नोटों का एक ही नंबर था। उसकी पीठ पर टंगे हुए बैग की तलाशी लेने पर उसमें 100 रुपए के नोटों के दो बंडल, जिसमें एक बंडल में 52 और दूसरे बंडल में 62 नोट मिले थे। इसके अलावा 500 रुपए और 2 हजार रुपए के नकली नोट के अलग-अलग बंडल भी राजरतन के पास से मिले, उनकी सीरीज नंबर भी एक थे। इस तरह उसके कब्जे से कुल 2 लाख 53 हजार 100 रुपए, एक बाइक और लैपटॉप बैग पुलिस ने जब्त किया और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया।  पहले भी कई अपराध में रहा शामिल वहीं आरोपी राजरतन के खिलाफ खुड़ैल में मारपीट, कनाड़िया में अवैध वसूली और चंदन नगर थाना में ट्रक चोरी के केस भी दर्ज हैं। आरोपी ने जुलाई 2019 में पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को 'आई एम योर गॉड फादर' मैसेज कर धमकाया था। विधायक द्वारा नजर अंदाज करने पर उसने कॉल कर 50 लाख मांगे थे। उसने नर्मदा विकास प्राधिकरण के अफसर चैतन्य रघुवंशी से भी 25 लाख मांगे थे। स्कैनर प्रिंटर से किए नोट तैयार आरोपी असली नोट की मदद से स्कैनर और प्रिंटर के जरिए नकली नोट तैयार करता था। कुछ एक तरफ छपे हुए नकली नोट, नोटों की कतरन भी घर से बरामद की गई। नकली नोटों की जांच भी देवास बैंक नोट प्रेस से करवाई गई। पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आई की आरोपी 12वीं तक पढ़ा है।  नौकरी छूटने के बाद शुरू किया ये काम लॉकडाउन में नौकरी छूटने के कारण वो बेरोजगार हो गया था। यूट्यूब पर एक दिन उसने नकली नोट छापने का वीडियो देखा और इसके बाद वो स्कैनर, प्रिंटर खरीद कर ले आया। शुरुआत के 20 दिन वो नकली नोट छापने की प्रैक्टिस करता रहा। पकड़ में आने के दो महीने पहले ही उसने नकली नोट छापने का काम शुरू किया था। पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी, शराब दुकान, ठेले वालों को वो नकली नोट चला देता था। सौ रुपए के नोट आसानी से चल जाते थे। किसी को कोई शक भी नहीं होता था। इसलिए सौ के नोट उसने ज्यादा छापे थे।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 07 May 2023 08: 02 PM IST

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लॉकडाउन में नौकरी छूटने के कारण वो बेरोजगार हो गया था। यूट्यूब पर एक दिन उसने नकली नोट छापने का वीडियो देखा और इसके बाद वो स्कैनर, प्रिंटर खरीद कर ले आया। राजरतन तायडे – फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर

विस्तार लॉकडाउन में नौकरी छूटने पर एक युवक ने यूट्यूब की मदद से नकली नोट छापने का तरीका सीखा। इसके बाद वह घर पर ही स्कैनर और प्रिंटर की मदद से 100, 500 और 2 हजार के जाली नोट छापने लगा। आरोपी के पास से 2 लाख 53 हजार 100 रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे। कोर्ट ने आरोपी को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। संभवतः यह इंदौर में पहला मामला है जब नकली नोट के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है। 

9 जून 2021 को थाना क्राइम ब्रांच इंदौर के उपनिरीक्षक लोकेन्द्र सिंह को मुखबिर से इस विषय में सूचना मिली थी। उसने बताया कि राजरतन तायडे निवासी आजाद नगर नकली नोट छाप रहा है। वह 100, 500 व 2000 रुपए के नकली नोट लेकर सुबह 11 से 12 बजे के किसी को देने जाने वाला है। इसके आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम मुखबिर के बताए स्थान पर पहुंची। करीब 10 मिनट इंतजार करने के बाद मुखबिर द्वारा बताए हुलिए का व्यक्ति भंडारी ब्रिज की तरफ से जामुनी रंग की मोटरसाइकिल से आया। टीम ने उसे घेराबंदी कर पकड़ा। नाम-पता पूछने पर उसने अपना नाम राजरतन तायडे, उम्र 26 साल निवासी आजाद नगर इंदौर बताया। तलाशी लेने पर उसकी पेंट की जेब से 100 रुपए के नोट का एक बंडल मिला। इसमें सभी नोटों का एक ही नंबर था। उसकी पीठ पर टंगे हुए बैग की तलाशी लेने पर उसमें 100 रुपए के नोटों के दो बंडल, जिसमें एक बंडल में 52 और दूसरे बंडल में 62 नोट मिले थे। इसके अलावा 500 रुपए और 2 हजार रुपए के नकली नोट के अलग-अलग बंडल भी राजरतन के पास से मिले, उनकी सीरीज नंबर भी एक थे। इस तरह उसके कब्जे से कुल 2 लाख 53 हजार 100 रुपए, एक बाइक और लैपटॉप बैग पुलिस ने जब्त किया और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया। 

पहले भी कई अपराध में रहा शामिल
वहीं आरोपी राजरतन के खिलाफ खुड़ैल में मारपीट, कनाड़िया में अवैध वसूली और चंदन नगर थाना में ट्रक चोरी के केस भी दर्ज हैं। आरोपी ने जुलाई 2019 में पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को ‘आई एम योर गॉड फादर’ मैसेज कर धमकाया था। विधायक द्वारा नजर अंदाज करने पर उसने कॉल कर 50 लाख मांगे थे। उसने नर्मदा विकास प्राधिकरण के अफसर चैतन्य रघुवंशी से भी 25 लाख मांगे थे।

स्कैनर प्रिंटर से किए नोट तैयार
आरोपी असली नोट की मदद से स्कैनर और प्रिंटर के जरिए नकली नोट तैयार करता था। कुछ एक तरफ छपे हुए नकली नोट, नोटों की कतरन भी घर से बरामद की गई। नकली नोटों की जांच भी देवास बैंक नोट प्रेस से करवाई गई। पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आई की आरोपी 12वीं तक पढ़ा है। 

नौकरी छूटने के बाद शुरू किया ये काम
लॉकडाउन में नौकरी छूटने के कारण वो बेरोजगार हो गया था। यूट्यूब पर एक दिन उसने नकली नोट छापने का वीडियो देखा और इसके बाद वो स्कैनर, प्रिंटर खरीद कर ले आया। शुरुआत के 20 दिन वो नकली नोट छापने की प्रैक्टिस करता रहा। पकड़ में आने के दो महीने पहले ही उसने नकली नोट छापने का काम शुरू किया था। पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी, शराब दुकान, ठेले वालों को वो नकली नोट चला देता था। सौ रुपए के नोट आसानी से चल जाते थे। किसी को कोई शक भी नहीं होता था। इसलिए सौ के नोट उसने ज्यादा छापे थे। 

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