indore-news:-दिव्यांग-बोले-साहब!-लिफ्ट-खराब-है-ऊपर-नहीं-चढ़-सकते,-कलेक्टर-उनसे-मिलने-खुद-ग्राउंड-फ्लोर-आ-गए
INDORE NEWS - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी मंगलवार को जनसुनवाई के बीच में से दिव्यांगों से मिलने के लिए ग्राउंड फ्लोर पर पहुंच गए। दरअसल लिफ्ट खराब होने की वजह से दिव्यांग फर्स्ट फ्लोर तक नहीं आ पा रहे थे। जैसे ही कलेक्टर को यह पता चला वे खुद उनसे मिलने पहुंच गए।  एक साथ खराब हुई तीनों लिफ्ट सोमवार शाम को कलेक्टोरेट की तीनों लिफ्ट एक साथ खराब हो गईं थी। इनका मेंटेनेंस मंगलवार तक चलता रहा और जनसुनवाई के पहले तक भी ये ठीक नहीं हो पाईं। सुबह जब दिव्यांग आवेदक अपनी परेशानी लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि लिफ्ट खराब है। व्हील चेयर से सीढ़ियों से ऊपर जाना दिव्यांग आवेदकों के लिए आसान नहीं था। इसलिए वे फर्स्ट फ्लोर पर ही रुक गए और अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। कलेक्टर को जैसे ही यह पता चला वे खुद नीचे आ गए।  80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों को ही मिलेगी स्कूटी जनसुनवाई में पहुंचे दिव्यांगों को कलेक्टर की तरफ से आर्थिक सहायता दी गई। साथ ही ये भी तय किया गया कि अमृत योजना के तहत अब 80 प्रतिशत से ऊपर के दिव्यांगों को ही स्कूटी दी जाएगी। अभी तक इस तरह का क्राइटेरिया नहीं था। 40 प्रतिशत, 60 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को भी वाहन के रूप में स्कूटी दी जाती थी। इसी तरह दोना-पत्तल बनाने वाले दिव्यांग दंपती को एक लाख रुपए भी मंजूर किए गए। इस राशि से उक्त दिव्यांग दंपती के रोजगार में वृद्धि होगी और वह आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे। 

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इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी मंगलवार को जनसुनवाई के बीच में से दिव्यांगों से मिलने के लिए ग्राउंड फ्लोर पर पहुंच गए। दरअसल लिफ्ट खराब होने की वजह से दिव्यांग फर्स्ट फ्लोर तक नहीं आ पा रहे थे। जैसे ही कलेक्टर को यह पता चला वे खुद उनसे मिलने पहुंच गए। 

एक साथ खराब हुई तीनों लिफ्ट
सोमवार शाम को कलेक्टोरेट की तीनों लिफ्ट एक साथ खराब हो गईं थी। इनका मेंटेनेंस मंगलवार तक चलता रहा और जनसुनवाई के पहले तक भी ये ठीक नहीं हो पाईं। सुबह जब दिव्यांग आवेदक अपनी परेशानी लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि लिफ्ट खराब है। व्हील चेयर से सीढ़ियों से ऊपर जाना दिव्यांग आवेदकों के लिए आसान नहीं था। इसलिए वे फर्स्ट फ्लोर पर ही रुक गए और अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। कलेक्टर को जैसे ही यह पता चला वे खुद नीचे आ गए। 

80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों को ही मिलेगी स्कूटी
जनसुनवाई में पहुंचे दिव्यांगों को कलेक्टर की तरफ से आर्थिक सहायता दी गई। साथ ही ये भी तय किया गया कि अमृत योजना के तहत अब 80 प्रतिशत से ऊपर के दिव्यांगों को ही स्कूटी दी जाएगी। अभी तक इस तरह का क्राइटेरिया नहीं था। 40 प्रतिशत, 60 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को भी वाहन के रूप में स्कूटी दी जाती थी। इसी तरह दोना-पत्तल बनाने वाले दिव्यांग दंपती को एक लाख रुपए भी मंजूर किए गए। इस राशि से उक्त दिव्यांग दंपती के रोजगार में वृद्धि होगी और वह आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे। 

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