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एनईपी 2020 ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव लाने का प्रयास किया है। स्नातक डिग्री में किए गए बदलाव भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इसके तहत हुए प्रमुख बदलावों के अंतर्गत अब स्नातक डिग्री में थर्ड डिवीजन की जगह “पास डिवीजन” शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे छात्रों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा और समाज में उनके प्रति नकारात्मक धारणाओं को कम किया जा सकेगा।
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चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम में आए इन बदलावों से छात्रों को गहन अध्ययन और शोध करने का मौका देगा। साथ ही, उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में करियर विकल्पों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। छात्र अब अपनी सुविधानुसार किसी भी सेमेस्टर में प्रवेश ले सकते हैं और डिग्री पूरी करने के बाद किसी भी समय पाठ्यक्रम छोड़ सकते हैं। चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को बीच में छोड़ने पर भी छात्रों को डिप्लोमा या सर्टिफिकेट दिया जाएगा। बीएड और एमएड में सभी सीटों पर प्रवेश होगा। इससे शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए अधिक से अधिक छात्रों को अवसर मिलेगा।
एनईपी में चार वर्षीय स्नातक कोर्स बीच में छोड़ने पर भी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र मिलेगा। एक साल का कोर्स पूरा होने पर सर्टिफिकेट और दो साल पूरा होते ही डिप्लोमा दिया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन करना होगा। इसकी प्रक्रिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुरू कर दी है।
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