indore-news:-चांदीपुरा-वायरस-की-आहट,-बच्चों-के-लिए-बड़ा-खतरा,-मच्छर-से-फैलता-है
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 11 Aug 2024 06: 09 PM IST chandipura virus - यह वायरस मुख्य रूप से मच्छर, टिक और रेत मक्खी जैसे कीटों के काटने से फैलता है। बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक होता है।    INDORE NEWS - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां के 22 वर्षीय एक युवक में चांदीपुरा वायरस के संभावित लक्षण पाए गए हैं। यह वायरस, जो एक बार फिर से सुर्खियों में है, बेहद गंभीर और जानलेवा हो सकता है। युवक को शनिवार को इंदौर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया जहां पर उसकी हालत गंभीर बताई गई है। युवक का सैंपल पुणे की एक लैब में भेजा गया है। खरगोन सीएमएचओ डॉ. एमएस सिसोदिया और इंदौर सीएमएचओ डॉ. बीएस सेतिया ने बताया है कि मरीज चांदीपुरा वायरस सस्पेक्टेड है। रिपोर्ट अगले सप्ताह मिलेगी इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।  चांदीपुरा वायरस chandipura virus क्या है? चांदीपुरा वायरस एक दुर्लभ संक्रामक रोग है, जिसका नाम महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव से लिया गया है, जहां इसे पहली बार 1965 में देखा गया था। यह वायरस मुख्य रूप से मच्छर, टिक और रेत मक्खी जैसे कीटों के काटने से फैलता है। लक्षण और खतरा इस वायरस के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन की कड़कपन, दौरे, भ्रम और यहां तक कि लकवा भी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों की तीव्रता तेजी से बढ़ सकती है, जिससे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। चांदीपुरा वायरस के कारण होने वाली मृत्यु दर काफी उच्च है। विशेषज्ञों के अनुसार, संक्रमित लोगों में से 56 से 75 प्रतिशत तक मृत्यु हो सकती है। यह विशेष रूप से बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। इसके अलावा, इस वायरस के लिए अभी तक कोई विशिष्ट इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इलाज मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है। कैसे करें बचाव चांदीपुरा वायरस से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है: कीट नियंत्रण: मच्छरों, टिकों और अन्य कीड़ों से बचाव के लिए कीटनाशक का उपयोग करें और अपने घरों को साफ-सुथरा रखें। मच्छरदानी का उपयोग: विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। स्वच्छता: व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें और अपने आस-पास साफ-सफाई रखें। क्या करें यदि लक्षण दिखें यदि आपको चांदीपुरा वायरस के संभावित लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जल्दी पता लगाने और इलाज शुरू करने से मरीज की स्थिति में सुधार हो सकता है। चांदीपुरा वायरस एक गंभीर चुनौती है, लेकिन जागरूकता और सावधानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 11 Aug 2024 06: 09 PM IST

chandipura virus – यह वायरस मुख्य रूप से मच्छर, टिक और रेत मक्खी जैसे कीटों के काटने से फैलता है। बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक होता है। 
  INDORE NEWS – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां के 22 वर्षीय एक युवक में चांदीपुरा वायरस के संभावित लक्षण पाए गए हैं। यह वायरस, जो एक बार फिर से सुर्खियों में है, बेहद गंभीर और जानलेवा हो सकता है। युवक को शनिवार को इंदौर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया जहां पर उसकी हालत गंभीर बताई गई है। युवक का सैंपल पुणे की एक लैब में भेजा गया है। खरगोन सीएमएचओ डॉ. एमएस सिसोदिया और इंदौर सीएमएचओ डॉ. बीएस सेतिया ने बताया है कि मरीज चांदीपुरा वायरस सस्पेक्टेड है। रिपोर्ट अगले सप्ताह मिलेगी इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। 

चांदीपुरा वायरस chandipura virus क्या है?
चांदीपुरा वायरस एक दुर्लभ संक्रामक रोग है, जिसका नाम महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव से लिया गया है, जहां इसे पहली बार 1965 में देखा गया था। यह वायरस मुख्य रूप से मच्छर, टिक और रेत मक्खी जैसे कीटों के काटने से फैलता है।

लक्षण और खतरा
इस वायरस के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन की कड़कपन, दौरे, भ्रम और यहां तक कि लकवा भी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों की तीव्रता तेजी से बढ़ सकती है, जिससे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। चांदीपुरा वायरस के कारण होने वाली मृत्यु दर काफी उच्च है। विशेषज्ञों के अनुसार, संक्रमित लोगों में से 56 से 75 प्रतिशत तक मृत्यु हो सकती है। यह विशेष रूप से बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। इसके अलावा, इस वायरस के लिए अभी तक कोई विशिष्ट इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इलाज मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

कैसे करें बचाव

चांदीपुरा वायरस से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है:

कीट नियंत्रण: मच्छरों, टिकों और अन्य कीड़ों से बचाव के लिए कीटनाशक का उपयोग करें और अपने घरों को साफ-सुथरा रखें।
मच्छरदानी का उपयोग: विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
स्वच्छता: व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें और अपने आस-पास साफ-सफाई रखें।

क्या करें यदि लक्षण दिखें
यदि आपको चांदीपुरा वायरस के संभावित लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जल्दी पता लगाने और इलाज शुरू करने से मरीज की स्थिति में सुधार हो सकता है। चांदीपुरा वायरस एक गंभीर चुनौती है, लेकिन जागरूकता और सावधानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

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