न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Mon, 12 Aug 2024 09: 10 PM IST
एनआईआरएफ रैंकिंग में इंदौर के संस्थानों को झटका, रैंकिंग में लगातार गिरावट बन रही चिंता का विषय।
INDORE, Image – Meta AI – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर
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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग 2024 में इंदौर के प्रमुख संस्थानों को निराशा हाथ लगी है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) इंदौर की रैंकिंग दो पायदान गिरकर 16वें स्थान पर आ गई है। जबकि पिछले साल यह 14वें स्थान पर था। इसके अलावा, ओवरऑल कैटेगरी में भी आईआईटी इंदौर की रैंकिंग पांच पायदान गिरकर 33वें स्थान पर आ गई है। इस साल IIT को NIRF रैकिंग में दो पायदान का नुकसान होने के साथ ही 64.72 अंक प्राप्त हुए हैं। पिछले साल IIT इंदौर को ओवर ऑल कैटेगरी में जहां 58.00 अंक मिले थे तो वहीं इस साल अंक में गिरावट के साथ ही 57.31 अंक मिले हैं।
आईआईएम की स्थिति और भी खराब
इसी तरह, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) इंदौर की स्थिति में भी सुधार नहीं हुआ है। यह संस्थान पिछले साल की तरह ही आठवें स्थान पर रहा है। जबकि 2022 में इसे सातवीं रैंक मिली थी। IIM की बात करें तो उसे इस साल 73.53 अंक मिले हैं। जबकि IIM इंदौर को NIRF रैकिंग 2023 में 71.95 अंक मिले थे। अंक के हिसाब से भले ही IIM की रैंक नहीं सुधरी हो लेकिन अंक जरूर बढ़े हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग की यह गिरावट दोनों संस्थानों के लिए चिंता का विषय है। आईआईएम इंदौर की स्थिति तो और भी खराब है क्योंकि इसकी रैंकिंग पिछले कुछ सालों से लगातार गिर रही है। साल 2019 में इसे पांचवी रैंक मिली थी, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
डेंटल कॉलेज भी पीछे हो गया
इन दोनों संस्थानों के अलावा, डेंटल कैटेगरी में भी इंदौर का गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज पिछले साल के मुकाबले खिसक गया है। यह अब शीर्ष 40 के बाहर है। पिछले साल यह 32वें स्थान पर था। वहीं, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को स्टेट यूनिवर्सिटी की कैटेगरी में 50वां स्थान मिला है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को 48.35 अंक मिले हैं।
कैसे मिलती है रैंकिंग
एनआईआरएफ रैंकिंग संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान, छात्रों के प्रदर्शन, समाज सेवा और प्रतिष्ठा जैसे पैरामीटरों पर आधारित होती है। इन संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट से यह संकेत मिलता है कि इन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते देश के शीर्ष संस्थानों को अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे। छात्रों के हित में भी यह जरूरी है कि वे संस्थानों का चयन करते समय सिर्फ रैंकिंग पर ही निर्भर न रहें, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण कारकों पर भी ध्यान दें।
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