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डिवाइडरों के कारण सड़़क के एक तरफ जमा पानी। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us शहर में एक साथ हुई तीन इंच बारिश के बाद शहर की कई सड़कें तालाब बन गई। पश्चिम हिस्से से ज्यादा परेशान रहा पूर्वी हिस्सा। इसकी वजह बगैर प्लानिंग के किया गया निर्माण। शहर के कई प्रमुख मार्गों पर विज्ञापन एजेसिंयों को डिवाइडर ठेके पर देेने के लालच में सीमेंट का निर्माण कर दिया गया, लेकिन बारिश के हिसाब से उनकी डिजाइन नहीं की। इस कारण मार्गों पर सबसे ज्यादा जलजमाव हुआ। विजय नगर से बापट चौराहे तक मेट्रो ट्रेक के नीचे नगर निगम डिवाइडर बना रहा हैै, जबकि दिल्ली-मुबंई जैसे शहरों में पिलरो के नीचे इस तरह का निर्माण देखने को नहीं मिलाता, लेकिन इंदौर मेें यह कमाल अफसरों ने दिखाया। स्कीम-136 का रोबोट चौराहा, विजय नगर चौराहा में इस कारण जलजमाव हुआ,क्योकि यहां पानी के प्राकृतिक बहाव को डिवाइडरों रोक दिया। पहले विजय नगर चौराहे का पानी सर्विस रोड से बहकर रिलायंस ग्राउंड तक जाता था, लेकिन इस बार पानी का रास्ता डिवाइडरों ने रोक दिया। यह कारण है इंदौर मेें जलजमाव के - शहर के 40 प्रतिशत मार्गों पर स्टार्म वाटर लाइन नहीं है। -दस से ज्यादा चौराहों पर ब्रिजों का निर्माण हो रहा है। वहां सबसे ज्यादा जलजमाव शनिवार को देखने को मिला,क्योकि निर्माण सामग्री के कारण पानी जमा रहा। - पक्के डिवाइडरों से जल निकासी की व्यवस्था नहीं। चार माह पहले भमोरी पर डिवाइडर तोड़ना पड़ा था। - नाला टेपिंग के पाइपों में घुसा बारिश का पानी, वह चैैंबरों से निकल कर सड़कों पर आ गया। -फुटपाथों को भी पक्का कर दिया गया। बारिश का पानी सड़कों पर ही बहता रहता है। निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए है शहर के 25 से ज्यादा स्थानों पर नगर निगम ने काम किया। वहां पहले की तुलना में जल्दी पानी निकला। शहर में जो एजेसिंया निर्माण कर रही है। उन्हें भी जलजमाव दूर करने के निर्देश दिए है।- पुष्य मित्र भार्गव, मेयर

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डिवाइडरों के कारण सड़़क के एक तरफ जमा पानी। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

शहर में एक साथ हुई तीन इंच बारिश के बाद शहर की कई सड़कें तालाब बन गई। पश्चिम हिस्से से ज्यादा परेशान रहा पूर्वी हिस्सा। इसकी वजह बगैर प्लानिंग के किया गया निर्माण। शहर के कई प्रमुख मार्गों पर विज्ञापन एजेसिंयों को डिवाइडर ठेके पर देेने के लालच में सीमेंट का निर्माण कर दिया गया, लेकिन बारिश के हिसाब से उनकी डिजाइन नहीं की। इस कारण मार्गों पर सबसे ज्यादा जलजमाव हुआ।

विजय नगर से बापट चौराहे तक मेट्रो ट्रेक के नीचे नगर निगम डिवाइडर बना रहा हैै, जबकि दिल्ली-मुबंई जैसे शहरों में पिलरो के नीचे इस तरह का निर्माण देखने को नहीं मिलाता, लेकिन इंदौर मेें यह कमाल अफसरों ने दिखाया। स्कीम-136 का रोबोट चौराहा, विजय नगर चौराहा में इस कारण जलजमाव हुआ,क्योकि यहां पानी के प्राकृतिक बहाव को डिवाइडरों रोक दिया। पहले विजय नगर चौराहे का पानी सर्विस रोड से बहकर रिलायंस ग्राउंड तक जाता था, लेकिन इस बार पानी का रास्ता डिवाइडरों ने रोक दिया।

यह कारण है इंदौर मेें जलजमाव के

– शहर के 40 प्रतिशत मार्गों पर स्टार्म वाटर लाइन नहीं है।

-दस से ज्यादा चौराहों पर ब्रिजों का निर्माण हो रहा है। वहां सबसे ज्यादा जलजमाव शनिवार को देखने को मिला,क्योकि निर्माण सामग्री के कारण पानी जमा रहा।

– पक्के डिवाइडरों से जल निकासी की व्यवस्था नहीं। चार माह पहले भमोरी पर डिवाइडर तोड़ना पड़ा था।

– नाला टेपिंग के पाइपों में घुसा बारिश का पानी, वह चैैंबरों से निकल कर सड़कों पर आ गया।

-फुटपाथों को भी पक्का कर दिया गया। बारिश का पानी सड़कों पर ही बहता रहता है।

निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए है

शहर के 25 से ज्यादा स्थानों पर नगर निगम ने काम किया। वहां पहले की तुलना में जल्दी पानी निकला। शहर में जो एजेसिंया निर्माण कर रही है। उन्हें भी जलजमाव दूर करने के निर्देश दिए है।- पुष्य मित्र भार्गव, मेयर

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