इस भवन में बनेगा देवी अहिल्या स्मारक। – फोटो : अमर उजाला
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देशभर में लोकमाता अहिल्या बाई होलकर ने अनेक मंदिर और घाट बनवाए हैं, लेकिन उनकी स्मृति में कोई बड़ा स्मारक उनकी कर्मस्थली इंदौर में नहीं बना। अब इसके निर्माण की तैयारी चल रही है। मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से स्मारक के लिए गठित ट्रस्ट को एक रुपये लीज पर बाबू लाभचंद छजलानी मार्ग स्थित पुराने आरटीओ परिसर में तीन एकड़ जमीन मिल चुकी है।
ट्रस्ट के पक्ष जमीन की रजिस्ट्री भी हो गई। इस स्मारक के लिए नई बिल्डिंग बनाने के बजाए मौजूदा रामपुरा कोठी का उपयोग होगा। जहां पहले क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय संचालित होता था। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इसके लिए देश के चार आर्किटेक्ट से चर्चा की है। अब जल्दी ही इसकी डिजाइन तैयार होगी। इसके बाद निर्माण शुरू होगा। पिछले माह मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर में महाजन के निवास पर जाकर चर्चा की थी। तब भी स्मारक को लेकर मुख्यमंत्री ने हर संभव सहयोग सरकार की तरफ से करने के लिए कहा था।
तलघर खराब स्थिति में
रामपुरा कोठी दो मंजिला है। तलघर में पुरातत्व व परिवहन कार्यालय का वर्षों तक रिकॉर्ड रखा रहा। रखरखाव के अभाव में तलघर को काफी नुकसान हुआ है। कोठी में लकड़ी पर पुरानी कारीगरी भी की गई है। स्मारक की योजना से जुडे सुधीर देड़गे ने बताया कि कोठी की साफ-सफाई करा ली गई है। स्मारक की डिजाइन तैयार होते ही आगे का काम शुरू होगा। देवी अहिल्या के जीवन पर एक स्थाई डिजिटल संग्रहालय भी बनेगा।
नवाबों के आरामगाह के लिए बनी थी कोठी
रामपुरा कोठी होलकर राजपरिवार ने नवाबों के आरामगाह के लिए बनाई थी। कोठी का आर्किटेक्ट ब्रिटिश और मराठा शैली से मिलता जुलता है। करीब 150 साल पहले इसका निर्माण किया गया था। तलघर में लकड़ी का भी उपयोग किया गया है। इस कोठी के रखरखाव का जिम्मा 40 साल पहले लोक निर्माण विभाग को दिया था। विभाग ने परिवहन कार्यालय को भवन दे दिया था। पहले इस कोठी में कल्चरल सेंटर बनाने की योजना भी थी।
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