आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने बोर्ड बैैठक की जानकारी दी। – फोटो : amar ujala digital
विस्तार कनाड़िया क्षेत्र में आईडीए की नई स्कीम टीपीएस-9 को आईडीए बोर्ड ने मंजूर दी है। स्कीम में शामिल न्यू तिलक नगर और शांति नगर के लिए प्राधिकरण ने बीच का रास्ता निकाला है। स्कीम से न्यू तिलक नगर मुक्त तो नहीं होगा, लेकिन प्राधिकरण कॉलोनी की जमीन का कब्जा भी नहीं लेगा,बल्कि विकास शुल्क लेकर संपत्तिधारियों को स्कीम में शामिल रहने देगा।
विकास शुल्क का आंकलन स्कीम में होने वाले विकास कार्य के बाद होगा, लेकिन फिर भी 200 से 300 रुपये वर्गफीट के हिसाब से संपत्तिधारियों को विकास शुल्क चुकाना होगा। आईडीए बोर्ड बैठक में टीपीएस-9 और 10 की आपत्तियों पर फैसला लेने के बाद उसे मंजूरी दी गई। अब दोनों स्कीमों को मंजूरी के लिए राज्यशासन के पास भेजा जाएगा।
दरअसल आपत्तियों की सुनवाई के दौरान न्यू तिलकनगर के 100 से ज्यादा रहवासियों ने महत्वपूर्ण तर्क रखे थे। आईडीए ने 263 हेक्टेयर जमीन पर स्कीम घोषित की है और सबसे ज्यादा 490 आपत्तियां इसी स्कीम को लेकर आई थी। सुनवाई के दौरान रहवासियों ने आईडीए अफसरों को बताया कि न्यू तिलक नगर की कॉलोनी का नक्शा पास है। उसके बाद डेढ़ सौ से ज्यादा निर्माण किए गए। उनके भी नक्शे नगर निगम ने स्वीकृत किए।
आईडीए ने जब स्कीम की घोषणा की, उससे पहले कॉलोनी विकसित हो चुकी है। रहवासी सारे टैक्स नियमित तौर पर जमा करते है तो फिर आईडीए कैसे योजना घोषित कर उन्हें उजाड़ सकता है। पहले भी आईडीए ने दूसरी स्कीमों में न्यू तिलक नगर को शामिल किया था, लेकिन कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद स्कीम में से कॉलोनी की जमीन छोड़ना पड़ी। सूत्रों के अनुसार बोर्ड बैठक में विकास शुल्क के नाम पर सहमति बनी है।
स्टार्टअप पार्क की प्लानिंग मलेशिया की कंपनी करेगी
सुपर कॉरिडोर पर आईडीए स्टार्टअप पार्क के लिए बिल्डिंग बना रहा है। आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने बताया कि तीन माह बाद प्रोजेक्ट का भूमिपूजन हो सकता है। बुधवार को बोर्ड बैठक में पार्क के प्लानिंग के लिए आए टेंडर को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए मलेशिया की कंपनी वेरीटॉस और मेसर्स मेहता एंड एसोसिएट को आर्कटिेक्ट कंसलटेंट नियुक्त किया गया है। इसके अलावा कन्वेंशन सेंटर के लिए नैनोद में तय की गई जमीन का लैंडयूज बदलने के लिए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को आईडीए प्रस्ताव भेजेगा। अभी जमीन का लैंडयूज आवासीय है। जिसे कर्मशियल करने की मांग आईडीए ने की है।
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