indore-news:रोज-दूसरे-डुप्लेक्स-में-सोते-थे-पांचों-मजदूर,-लेकिन-मौत-उन्हें-निर्माणाधीन-छत-के-नीचे-खींच-लाई
गिरी छत के नीचे जिंदा मजदूरों को तलाशते पुलिस जवान - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us चोरल केे रिसाॅर्ट मेें निर्माणाधीन छत गिरने से  चार श्रमिक और एक ठेकदार की मौत हो गई। उन्हें मौत अपने पास खींच लाई। रोज मजदूर तैयार हो चुके डुप्लेक्स में आराम से सोते थे, लेकिन गुरुवार की रात वे पांच दिन पहले डाली गई छत के नीचे सोए, क्योकि दो दिन पहले ठेकेदार पवन पांचाल भी वहां रुकने आया था और उसने चारों मजदूरों के साथ वहां साथ में भोजन करने का प्लान बनाया। बारिश की वजह से मजदूरों ने निर्माणाधीन छत के नीचे के हिस्से को भोजन बनाने के लिए चुना। वहीं उन्होंने खाना खाया और रात को सो गए। हादसा होने से पहले निकल गए मजदूर ने अमर उजाला को बताई बीती रात की कहानी  गुरुवार को बारिश हो रही थी। जैसे-तैसे हमने आधे दिन काम किया। फिर ठेकेदार पवन ने कहा कि बारिश बहुत तेज हो रही है। आधे दिन की हाजरी लगेगी। बचे समय में साथ मिलकर भोजन बनाने की तैयारी शुरू कर दी। तब मैं भी वहां था, दुसरे डुप्लेक्स बन चुके थे और उनमें प्लाई भी लग चुकी थी, इसलिए खाना बनाने के लिए राखी के एक दिन पहले भरे गए डुप्लेक्स को चुना गया। वहां खाना तैयार हो रहा था। मजदूर शराब भी लेकर आ गए थे। उन्होंने वहां शराब पी। मैंने गांव में ही घर किराए पर लेे रखा था। देरी होने पर मैं वहां से चला गया। रात को ठेकदार और चारों मजदूरों ने खाना खाया और सो गए। रात को बारिश के कारण छत भारी हो गई थी। वह नीचे सो रहे मजदूरों पर गिर पड़ी। रात को वहां और कोई नहीं था, इसलिए उनकी मदद के लिए कोई नहीं आ सका। सुबह चौकीदार विनोद यादव का फोन मेरे पास आया तो मैं दौड़ा-दौड़ा फार्म हाउस पर पहुंचा। मैने आवाज लगाई, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।सभी की मौत हो चुकी थी। (जैसा मजदूर अंकित कौशल ने बताया)

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

गिरी छत के नीचे जिंदा मजदूरों को तलाशते पुलिस जवान – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

चोरल केे रिसाॅर्ट मेें निर्माणाधीन छत गिरने से  चार श्रमिक और एक ठेकदार की मौत हो गई। उन्हें मौत अपने पास खींच लाई। रोज मजदूर तैयार हो चुके डुप्लेक्स में आराम से सोते थे, लेकिन गुरुवार की रात वे पांच दिन पहले डाली गई छत के नीचे सोए, क्योकि दो दिन पहले ठेकेदार पवन पांचाल भी वहां रुकने आया था और उसने चारों मजदूरों के साथ वहां साथ में भोजन करने का प्लान बनाया।

बारिश की वजह से मजदूरों ने निर्माणाधीन छत के नीचे के हिस्से को भोजन बनाने के लिए चुना। वहीं उन्होंने खाना खाया और रात को सो गए। हादसा होने से पहले निकल गए मजदूर ने अमर उजाला को बताई बीती रात की कहानी 

गुरुवार को बारिश हो रही थी। जैसे-तैसे हमने आधे दिन काम किया। फिर ठेकेदार पवन ने कहा कि बारिश बहुत तेज हो रही है। आधे दिन की हाजरी लगेगी। बचे समय में साथ मिलकर भोजन बनाने की तैयारी शुरू कर दी। तब मैं भी वहां था, दुसरे डुप्लेक्स बन चुके थे और उनमें प्लाई भी लग चुकी थी, इसलिए खाना बनाने के लिए राखी के एक दिन पहले भरे गए डुप्लेक्स को चुना गया। वहां खाना तैयार हो रहा था।

मजदूर शराब भी लेकर आ गए थे। उन्होंने वहां शराब पी। मैंने गांव में ही घर किराए पर लेे रखा था। देरी होने पर मैं वहां से चला गया। रात को ठेकदार और चारों मजदूरों ने खाना खाया और सो गए।

रात को बारिश के कारण छत भारी हो गई थी। वह नीचे सो रहे मजदूरों पर गिर पड़ी। रात को वहां और कोई नहीं था, इसलिए उनकी मदद के लिए कोई नहीं आ सका। सुबह चौकीदार विनोद यादव का फोन मेरे पास आया तो मैं दौड़ा-दौड़ा फार्म हाउस पर पहुंचा। मैने आवाज लगाई, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।सभी की मौत हो चुकी थी। (जैसा मजदूर अंकित कौशल ने बताया)

Posted in MP