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मेट्रो के सेफ्टी रन की तैयारी। - फोटो : amar ujala digital विस्तार Follow Us इंदौर के मेट्रो ट्रेक पर चलने वाले कोच 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के हिसाब से डिजाइन किए गए है। ये एक एक से दूसरे स्टेशन की दूरी डेढ़ से दो मिनट में तय करेंगे, लेकिन इंदौर के रुट पर घुमाव ज्यादा है, इसलिए कोच की स्पीड भी प्रभावित होगी। कर्व पर स्पीड घटकर 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। फिलहाल तैयार हो रहे 17 किलोमीटर के ट्रेक पर सबसे शार्प कर्व रेडिसन चौराहे पर है। यहा मेट्रो की स्पीड सबसे कम होगी। गुरुवार को इंदौर पहुंचे एक इंचन और दो कोच को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। कोच एआई तकनीक से डिजाइन किए है और सारी आपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटराईज रहेंगे। न तो ट्रेन चलाने के लिए ड्रायवर की जरुरत होगी और न ही कोच में अटेंडर की जरुरत पड़ेगी, लेकिन शुरुआती दौर में ड्रायवर और अटेंडर दोनो कुछ समय के लिए रखे जाएंगे। मेट्रो प्रोजेक्ट के अफसरों का कहना है कि पहल डिपो में कोच का सेफ्टी रन किया जाएगा। तीन से चार दिन में यह रन होगा। उसके बाद छह किलोमीटर हिस्से में ट्रायल रन होगा। ट्रायल रन के लिए ट्रेक और गांधी नगर स्टेशन लगभग तैयार किए जा चुके है। दूसरे फ्लोर से मिलेगी ट्रेन प्राॅयरिटी काॅरिडोर पर पांच स्टेशन बनाने का काम अंतिम दौर में है। स्टेशन पर दो फ्लोर रहेंगे। पहले फ्लोर पर टिकट, सुरक्षा जांच और एंट्री गेट होंगे। वहां से दूसरे फ्लोर पर जाकर मेट्रो ट्रेन में सवार हो सकेंगे। इंदौर देश के सबसे साफ शहरों में है, इसलिए स्टेशनों पर सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। मेट्रो ट्रेन के भीतर किसी तरह का कचरा फेंकने की अनुमति यात्रियों को नहीं रहेगी। हर स्टेशन पर आठ एस्केलेटर लगाए जा रहे है।

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मेट्रो के सेफ्टी रन की तैयारी। – फोटो : amar ujala digital

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इंदौर के मेट्रो ट्रेक पर चलने वाले कोच 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के हिसाब से डिजाइन किए गए है। ये एक एक से दूसरे स्टेशन की दूरी डेढ़ से दो मिनट में तय करेंगे, लेकिन इंदौर के रुट पर घुमाव ज्यादा है, इसलिए कोच की स्पीड भी प्रभावित होगी। कर्व पर स्पीड घटकर 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। फिलहाल तैयार हो रहे 17 किलोमीटर के ट्रेक पर सबसे शार्प कर्व रेडिसन चौराहे पर है। यहा मेट्रो की स्पीड सबसे कम होगी।

गुरुवार को इंदौर पहुंचे एक इंचन और दो कोच को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। कोच एआई तकनीक से डिजाइन किए है और सारी आपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटराईज रहेंगे। न तो ट्रेन चलाने के लिए ड्रायवर की जरुरत होगी और न ही कोच में अटेंडर की जरुरत पड़ेगी, लेकिन शुरुआती दौर में ड्रायवर और अटेंडर दोनो कुछ समय के लिए रखे जाएंगे।

मेट्रो प्रोजेक्ट के अफसरों का कहना है कि पहल डिपो में कोच का सेफ्टी रन किया जाएगा। तीन से चार दिन में यह रन होगा। उसके बाद छह किलोमीटर हिस्से में ट्रायल रन होगा। ट्रायल रन के लिए ट्रेक और गांधी नगर स्टेशन लगभग तैयार किए जा चुके है।

दूसरे फ्लोर से मिलेगी ट्रेन

प्राॅयरिटी काॅरिडोर पर पांच स्टेशन बनाने का काम अंतिम दौर में है। स्टेशन पर दो फ्लोर रहेंगे। पहले फ्लोर पर टिकट, सुरक्षा जांच और एंट्री गेट होंगे। वहां से दूसरे फ्लोर पर जाकर मेट्रो ट्रेन में सवार हो सकेंगे। इंदौर देश के सबसे साफ शहरों में है, इसलिए स्टेशनों पर सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। मेट्रो ट्रेन के भीतर किसी तरह का कचरा फेंकने की अनुमति यात्रियों को नहीं रहेगी। हर स्टेशन पर आठ एस्केलेटर लगाए जा रहे है।

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