indore:-22-वर्षीय-युवक-ने-मौत-के-बाद-दी-दो-लोगों-का-जिंदगी,-इंदौर-में-57-वां-ग्रीन-कारिडोर-बना
इंदौर में 22 वर्षीय युवक का अंगदान, ग्रीन काॅरिडोर बना। - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें किडनी की बीमारी से पीड़ित इंदौर का 22 वर्षीय युवक आयुष पंजाबी सोमवार को ब्रेनडेड हो गया था। उसके अंग दो लोगों को जीवनदान देंगे। आयुष के फेफड़े इंदौर में बनाए गए 52 वें ग्रीन कॉरिडोर के जरिए चेन्नई भेजे गए, जबकि लीवर इंदौर के ही एक मरीज को लगेगा।  Trending Videos आयुष का एक हाथ भी ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन तकनीकी समस्या आने के कारण हाथ और दिल प्रत्यारोपित नहीं हो सका। हाथ लेने के लिए मुंबई के ग्लोबल अस्पताल की टीम भी इंदौर पहुंच गई थी, लेकिन प्रत्यारोपण की अनुकूलता नहीं होने के बाद टीम हाथ लिए बगैर चली गई। आयुष किडनी की बीमारी के कारण शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती था। सोमवार को डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि उसका ब्रेन काम नहीं कर रहा है। डॉक्टरों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इसकी जानकारी अंगदान के क्षेत्र में सक्रिय संस्था मुस्कान ग्रुप को लगी। इसके बाद ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी और संदीपन आर्य आयुष के परिवार से मिले।  फेफड़े चेन्नई भेजे गए आयुष के परिजन अंगदान के लिए राजी हो गए। इसके बाद अंगदान की तैयारी शुरू हो गई। सोमवार शाम का आयुष के फेफड़े अपोलो अस्पताल चेन्नई के लिए रवाना किए गए। इसके लिए विशेष जुपिटर अस्पताल से इंदौर एयरपोर्ट के लिए ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया। ट्रैफिक पुलिस ने चौराहों पर ट्रैफिक रोक कर एंबुलेंस को एयरपोर्ट पहुंचाया। लीवर इंदौर के रोगी को लगा आयुष का लीवर इंदौर के अस्पताल में भर्ती एक रोगी को लगा। आयुष एक स्कूल का छात्र था और लंबे समय से बीमारी से ग्रस्त था। आयुष के परिवार का नाॅवेल्टी मार्केट में मोबाइल का कारोबार है।

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इंदौर में 22 वर्षीय युवक का अंगदान, ग्रीन काॅरिडोर बना। – फोटो : अमर उजाला

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किडनी की बीमारी से पीड़ित इंदौर का 22 वर्षीय युवक आयुष पंजाबी सोमवार को ब्रेनडेड हो गया था। उसके अंग दो लोगों को जीवनदान देंगे। आयुष के फेफड़े इंदौर में बनाए गए 52 वें ग्रीन कॉरिडोर के जरिए चेन्नई भेजे गए, जबकि लीवर इंदौर के ही एक मरीज को लगेगा। 

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आयुष का एक हाथ भी ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन तकनीकी समस्या आने के कारण हाथ और दिल प्रत्यारोपित नहीं हो सका। हाथ लेने के लिए मुंबई के ग्लोबल अस्पताल की टीम भी इंदौर पहुंच गई थी, लेकिन प्रत्यारोपण की अनुकूलता नहीं होने के बाद टीम हाथ लिए बगैर चली गई।

आयुष किडनी की बीमारी के कारण शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती था। सोमवार को डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि उसका ब्रेन काम नहीं कर रहा है। डॉक्टरों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इसकी जानकारी अंगदान के क्षेत्र में सक्रिय संस्था मुस्कान ग्रुप को लगी। इसके बाद ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी और संदीपन आर्य आयुष के परिवार से मिले। 

फेफड़े चेन्नई भेजे गए
आयुष के परिजन अंगदान के लिए राजी हो गए। इसके बाद अंगदान की तैयारी शुरू हो गई। सोमवार शाम का आयुष के फेफड़े अपोलो अस्पताल चेन्नई के लिए रवाना किए गए। इसके लिए विशेष जुपिटर अस्पताल से इंदौर एयरपोर्ट के लिए ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया। ट्रैफिक पुलिस ने चौराहों पर ट्रैफिक रोक कर एंबुलेंस को एयरपोर्ट पहुंचाया।

लीवर इंदौर के रोगी को लगा
आयुष का लीवर इंदौर के अस्पताल में भर्ती एक रोगी को लगा। आयुष एक स्कूल का छात्र था और लंबे समय से बीमारी से ग्रस्त था। आयुष के परिवार का नाॅवेल्टी मार्केट में मोबाइल का कारोबार है।

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