रास्ते में छात्रों की बिगड़ी तबियत, कलेक्टर ने समझी परेशानियां – फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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कलेक्टर की जनसुनवाई में सौ से ज्यादा छात्र 20 किमी पैदल चलकर स्कूल प्रबंधन की शिकायत करने पहुंचे। रास्ते में तीन छात्रों की तबियत बिगड़ गई जिसमें से एक को अस्पताल ले जाना पड़ा। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर सभी ने कलेक्टर इलैया राजा टी से स्कूल प्रबंधन की शिकायत कर तुरंत सख्त एक्शन लेने का कहा। मामला इंदौर के मोरोद स्थित शासकीय ज्ञानोदय आवासीय स्कूल का है। यहां के छात्र खराब भोजन, रखरखाव और अन्य व्यवस्थाओं में कमियों से परेशान हैं।
मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में छात्रों की भीड़ देखकर सब चौंक गए। यह छात्र मोरोद शासकीय ज्ञानोदय आवासीय स्कूल से 20 किमी पैदल चलकर यहां पर पहुंचे थे। छात्र स्कूल से रैली निकालकर यहां तक आए और इस दौरान तीन छात्रों की तबीयत भी बिगड़ गई। इनमें से एक छात्र लक्की जाधव को अस्पताल ले जाया गया। जैसे ही छात्र जनसुनवाई में पहुंचे तो एडीएम राजेश राठौर ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे कलेक्टर से मिलने के लिए अड़े रहे। आखिरकार एक बजे कलेक्टर को जनसुनवाई छोड़कर छात्रों से मिलने के लिए आना पड़ा।
कलेक्टर ने छात्रों से बात की और उन्हें कहा कि इस मामले की जांच खुद एडीएम राजेश राठौर करेंगे। इसके साथ उन्होंने छात्रों को कहा कि वे खुद शाम को होस्टल में आकर पूरे हालात देखेंगे। मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी। इसके बाद कलेक्टर ने सभी बच्चों को नाश्ता करवाया और बस के माध्यम से वापस भिजवाया। इससे पहले रैली की सूचना पर भी कलेक्टर ने दो बस बच्चों को लेने भिजवाई थी, लेकिन छात्र उसमें नहीं बैठे और पैदल आए।
कैसे भड़के छात्र
दरअसल सोमवार को स्कूल की तीसरी मंजिल से विपिन नाम का छात्र गिरकर गंभीर घायल हो गया था। स्टूडेंट्स ने स्कूल प्रबंधन को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया और प्रबंधन पर कई आरोप भी लगाए। इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि प्रबंधन की कोई गलती नहीं है। कलेक्टर ने छात्रों को कहा कि घायल छात्र का इलाज प्रशासन करवाएगा और अभी तक परिजन के जो भी रुपए लगे हैं वह भी वापस करवाए जाएंगे।
क्या है छात्रों की शिकायतें
1. हॉस्टल में दाल सब्जी और रोटी कच्ची दी जाती है। कई बार कहने पर भी सुधार नहीं हुआ।
2. सोने के लिए बिस्तर पर्याप्त नहीं हैं।
3. प्रिंसिपल व वार्डन मनमानी करते हैं। कई बार शिकायतें की लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
3. यहां पढ़ाई नियमित नहीं होती।
4. सरकार की ओर से जो अनुदान दिया जाता है उसका भी उपयोग बच्चों के हित में नहीं हो रहा है।
5. प्रबंधन लापरवाही करता है जिस वजह से छात्र विपिन गिरकर घायल हुआ।
प्रिंसिपल बोले अधीक्षक को सुधार के निर्देश दिए हैं
वहीं स्कूल के प्रिंसिपल राजेश कुमार जैन का कहना है कि घायल छात्र विपिन सोलंकी अपने साथियों के साथ मस्ती करने के दौरान गिरा था। इसमें प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं है। अन्य मामलों में बच्चों की शिकायत के बाद अधीक्षक को व्यवस्था सुधार के लिए निर्देश दिए गए थे।
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