indore:-13-साल-पहले-दिल्ली-मेट्रो-कार्पोरेशन-के-सर्वे-के-बाद-सुझाए-थे-तीन-काॅरिडोर,-जो-सरकार-को-नहीं-आए-रास
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Tue, 25 Jun 2024 09: 04 PM IST वर्ष 2011 में हुए मेेट्रो के प्रारंभिक सर्वे में अन्नपूर्णा से सुखलिया 8.9 किलोमीटर), सुपर कारिडोर से रिंग रोड,11.79 किलोमीटर) और निरंजनपुर से भंवरकुआ (11.47 किलोमीटर) का रुट तय हुआ था। इन रुटों में 32 स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे। इंदौर मेट्रो - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us आधा काम पूरा होने के बाद इंदौर मेट्रो के रूट में बदलाव के लिए फिर से सर्वे हो रहा है, क्योंकि शहर के जनप्रतिनिधि 30 किलोमीटर के प्रस्तावित रूट से खुश नहीं हैं। अब बंगाली काॅलोनी चौराहा से रूट बदलने की मांग उठ रही है। इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद दिल्ली मेट्रो कार्पोरेशन को फिजिबिलिटी सर्वे का जिम्मा दिया गया था।  13 साल पहले दिल्ली मेट्रो के अफसर इंदौर में सप्ताह भर रुके और सर्वे कर उन्होंने 31 किलोमीटर के तीन काॅरिडोर सुझाए थे, लेकिन सरकार को वे रास नहीं आए। उनमें से दो सघन क्षेत्र से प्रस्तावित थे, लेकिन तब अफसर और जनप्रतिनिधियों को ये रूट पसंद नहीं आए और उस सर्वे को ही खारिज कर नए सिरे से रोहित एसोसिएट्स को सर्वे और प्लानिंग का जिम्मा दिया गया था। जानकारों का कहना है कि यदि 2011 के दिल्ली मेट्रो के सर्वे को मान लिया जाता तो सुखलिया ग्राम, बीआरटीएस, मालवा मिल, पाटनीपुरा, रेलवे स्टेशन, राजवाड़ा से अन्नपूर्णा तक मेट्रो रूट शहर वासियों को मिलना था। 32 किलोमीटर लंबे तीनों रूटों की रिपोर्ट अफसरों ने भोपाल में तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर को सौंपी थी, लेकिन विभाग ने उन रूटों पर काम ही नहीं किया। सबसे पहले ये रूट तय हुए थे वर्ष 2011 में हुए मेट्रो के प्रारंभिक सर्वे में अन्नपूर्णा से सुखलिया 8.9 किलोमीटर, सुपर कॉरिडोर से रिंग रोड, 11.79 किलोमीटर और निरंजनपुर से भंवरकुआ 11.47 किलोमीटर का रूट तय हुआ था। इन रूटों में 32 स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे। प्रदेश के अफसरों को तब सबसे ज्यादा आपत्ति निरंजनपुर से भंवरकुआं वाले रूट पर थी, क्योंकि तब इस हिस्से में बीआरटीएस भी संचालित हो रहा था। दिल्ली मेट्रो कार्पोरेशन के अफसरों ने तब इस बात पर जोर दिया था कि इस रूट पर ही मेट्रो ट्रेन को भविष्य में सबसे ज्यादा यात्री मिलेंगे। बदले हुए रूट पर वैसे ही ट्रैफिक का दबाव कम बाद में बने रूट में मेट्रो रूट की एक रिंग बनाई गई। जो एयरपोर्ट से शुरू होकर रिंग रोड, बंगाली काॅलोनी चौराहा, एमजी रोड, सदर बाजार, बड़ा गणपति होते हुए फिर एयरपोर्ट तक जानी है। सुपर कॉरिडोर से बंगाली काॅलोनी चौराहे तक सड़क चौड़ी है और रिंग रोड के छह चौराहों पर फ्लायओवर भी बन रहे हैं। इस कारण वहां वाहन चालकों की राह और आसान हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि यदि मेट्रो रूट घनी बसाहट के गुजरता तो मेट्रो ट्रेन के संचालन में ज्यादा प्रतिसाद मिलता। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Tue, 25 Jun 2024 09: 04 PM IST

वर्ष 2011 में हुए मेेट्रो के प्रारंभिक सर्वे में अन्नपूर्णा से सुखलिया 8.9 किलोमीटर), सुपर कारिडोर से रिंग रोड,11.79 किलोमीटर) और निरंजनपुर से भंवरकुआ (11.47 किलोमीटर) का रुट तय हुआ था। इन रुटों में 32 स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे। इंदौर मेट्रो – फोटो : अमर उजाला

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आधा काम पूरा होने के बाद इंदौर मेट्रो के रूट में बदलाव के लिए फिर से सर्वे हो रहा है, क्योंकि शहर के जनप्रतिनिधि 30 किलोमीटर के प्रस्तावित रूट से खुश नहीं हैं। अब बंगाली काॅलोनी चौराहा से रूट बदलने की मांग उठ रही है। इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद दिल्ली मेट्रो कार्पोरेशन को फिजिबिलिटी सर्वे का जिम्मा दिया गया था।  13 साल पहले दिल्ली मेट्रो के अफसर इंदौर में सप्ताह भर रुके और सर्वे कर उन्होंने 31 किलोमीटर के तीन काॅरिडोर सुझाए थे, लेकिन सरकार को वे रास नहीं आए। उनमें से दो सघन क्षेत्र से प्रस्तावित थे, लेकिन तब अफसर और जनप्रतिनिधियों को ये रूट पसंद नहीं आए और उस सर्वे को ही खारिज कर नए सिरे से रोहित एसोसिएट्स को सर्वे और प्लानिंग का जिम्मा दिया गया था।

जानकारों का कहना है कि यदि 2011 के दिल्ली मेट्रो के सर्वे को मान लिया जाता तो सुखलिया ग्राम, बीआरटीएस, मालवा मिल, पाटनीपुरा, रेलवे स्टेशन, राजवाड़ा से अन्नपूर्णा तक मेट्रो रूट शहर वासियों को मिलना था। 32 किलोमीटर लंबे तीनों रूटों की रिपोर्ट अफसरों ने भोपाल में तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर को सौंपी थी, लेकिन विभाग ने उन रूटों पर काम ही नहीं किया।

सबसे पहले ये रूट तय हुए थे
वर्ष 2011 में हुए मेट्रो के प्रारंभिक सर्वे में अन्नपूर्णा से सुखलिया 8.9 किलोमीटर, सुपर कॉरिडोर से रिंग रोड, 11.79 किलोमीटर और निरंजनपुर से भंवरकुआ 11.47 किलोमीटर का रूट तय हुआ था। इन रूटों में 32 स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे। प्रदेश के अफसरों को तब सबसे ज्यादा आपत्ति निरंजनपुर से भंवरकुआं वाले रूट पर थी, क्योंकि तब इस हिस्से में बीआरटीएस भी संचालित हो रहा था। दिल्ली मेट्रो कार्पोरेशन के अफसरों ने तब इस बात पर जोर दिया था कि इस रूट पर ही मेट्रो ट्रेन को भविष्य में सबसे ज्यादा यात्री मिलेंगे।

बदले हुए रूट पर वैसे ही ट्रैफिक का दबाव कम
बाद में बने रूट में मेट्रो रूट की एक रिंग बनाई गई। जो एयरपोर्ट से शुरू होकर रिंग रोड, बंगाली काॅलोनी चौराहा, एमजी रोड, सदर बाजार, बड़ा गणपति होते हुए फिर एयरपोर्ट तक जानी है। सुपर कॉरिडोर से बंगाली काॅलोनी चौराहे तक सड़क चौड़ी है और रिंग रोड के छह चौराहों पर फ्लायओवर भी बन रहे हैं। इस कारण वहां वाहन चालकों की राह और आसान हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि यदि मेट्रो रूट घनी बसाहट के गुजरता तो मेट्रो ट्रेन के संचालन में ज्यादा प्रतिसाद मिलता।

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