indore:-हैक-हो-चुके-ई-पोर्टल-का-डेटा-रिकवर-नहीं-हो-पाया,-ऑनलाइन-टैक्स-जमा-करने-वाले-परेशान,-निगम-को-नुकसान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sat, 29 Jun 2024 10: 13 PM IST डेटा रिकवर करने के लिए नगर निगम ने निजी एजेंसियों की मदद भी ली, लेकिन दो साल का डेटा ही रिकवर हो पाया है। अफसरों ने बताया कि नए पोर्टल में रिकवर डेटा को अपलोड किया जा रहा है। इंदौर नगर निगम - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us ई पालिका पोर्टल हैैक होने के कारण इंदौर नगर निगम पुराना डेटा रिकवर नहीं कर पा रहा है। जो बड़े बकायादार हैं, उनकी तो इससे चांदी हो गई है, लेकिन जो नियमित और अग्रिम करदाता हैं, वे अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सबसे ज्यादा वे करदाता परेशान हैं, जो ऑनलाइन टैक्स जमा कराते हैं। अब वे टैक्स जमा करने से बच रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर करदाताओं को पिछले साल का टैक्स भी बकाया बताया जा रहा है। इससे नगर निगम को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हर साल पांच सौ करोड़ से ज्यादा राशि विभिन्न टैक्सों के रूप में जमा होती है, लेकिन इस साल कम टैक्स नगर निगम को मिला। इंदौर नगर निगम अब खुद का ई पोर्टल जल्दी ही शुरू कर रहा है, लेकिन डेटा रिकवर नहीं होने की वजह से नगर निगम की ठीक से बकायदारों को डिमांड भी नहीं भेज पा रहा है। डेटा रिकवर करने के लिए नगर निगम ने निजी एजेंसियों की मदद भी ली, लेकिन दो साल का डेटा ही रिकवर हो पाया है। अफसरों ने बताया कि नए पोर्टल में रिकवर डेटा को अपलोड किया जा रहा है। हेल्पडेस्क भी हो गई बंद नगर निगम के राजस्व विभाग में हेल्प डेस्क भी संचालित होती थी। जहां करदाता अपने घर का पता और नाम बताकर संपत्तिकर बिल निकलवार बिल भर लेते थे, लेकिन अब बिल भरने वालों को परेशान होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी संपत्तियों को खरीदने वाले लोगों को हो रही है। रजिस्ट्री के समय विक्रेता से क्रेता संपत्ति कर और जलकर का बकाया भी क्लियर कराता था, लेकिन अब पता ही नहीं चल पा रहा है कि कितना बकाया है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sat, 29 Jun 2024 10: 13 PM IST

डेटा रिकवर करने के लिए नगर निगम ने निजी एजेंसियों की मदद भी ली, लेकिन दो साल का डेटा ही रिकवर हो पाया है। अफसरों ने बताया कि नए पोर्टल में रिकवर डेटा को अपलोड किया जा रहा है। इंदौर नगर निगम – फोटो : अमर उजाला

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ई पालिका पोर्टल हैैक होने के कारण इंदौर नगर निगम पुराना डेटा रिकवर नहीं कर पा रहा है। जो बड़े बकायादार हैं, उनकी तो इससे चांदी हो गई है, लेकिन जो नियमित और अग्रिम करदाता हैं, वे अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सबसे ज्यादा वे करदाता परेशान हैं, जो ऑनलाइन टैक्स जमा कराते हैं।

अब वे टैक्स जमा करने से बच रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर करदाताओं को पिछले साल का टैक्स भी बकाया बताया जा रहा है। इससे नगर निगम को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हर साल पांच सौ करोड़ से ज्यादा राशि विभिन्न टैक्सों के रूप में जमा होती है, लेकिन इस साल कम टैक्स नगर निगम को मिला।

इंदौर नगर निगम अब खुद का ई पोर्टल जल्दी ही शुरू कर रहा है, लेकिन डेटा रिकवर नहीं होने की वजह से नगर निगम की ठीक से बकायदारों को डिमांड भी नहीं भेज पा रहा है। डेटा रिकवर करने के लिए नगर निगम ने निजी एजेंसियों की मदद भी ली, लेकिन दो साल का डेटा ही रिकवर हो पाया है। अफसरों ने बताया कि नए पोर्टल में रिकवर डेटा को अपलोड किया जा रहा है।

हेल्पडेस्क भी हो गई बंद
नगर निगम के राजस्व विभाग में हेल्प डेस्क भी संचालित होती थी। जहां करदाता अपने घर का पता और नाम बताकर संपत्तिकर बिल निकलवार बिल भर लेते थे, लेकिन अब बिल भरने वालों को परेशान होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी संपत्तियों को खरीदने वाले लोगों को हो रही है। रजिस्ट्री के समय विक्रेता से क्रेता संपत्ति कर और जलकर का बकाया भी क्लियर कराता था, लेकिन अब पता ही नहीं चल पा रहा है कि कितना बकाया है।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
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