न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Tue, 29 Aug 2023 10: 52 AM IST इंदौर में बहू और बेटे की मौत पर सास को एक करोड़ 31 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश हुआ है। मामला स्कीम-94 निवासी 29 वर्षीय आयुष और 28 वर्षीय पत्नी श्वेता दीक्षित की मौत से जुड़ा है। आयुष सेल्स एक्जीक्यूटिव थे, जबकि श्वेता पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर थी। आयुष और श्वेता दीक्षित की शादी तीन साल पहले हुई थी। उनकी कोई संतान नहीं थी।  दोनों 16 नवम्बर 2016 की रात डेढ़ बजे होटल से खाना खाकर लौट रहे थे। उस वक्त उनकी तेज रफ्तार कार बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे के पास खड़े कंटेनर से टकरा गई थी। इसमें दोनों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद श्वेता की सास मालती देवी, ससुर गौरीशंकर दीक्षित (53) और देवर दिव्यांश ने कोर्ट में क्लेम केस लगाया। 25 अगस्त को जिला कोर्ट ने ब्याज सहित 1.31 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। चूंकि, केस की सुनवाई के दौरान ही ससुर की कोरोना से मौत हो गई थी इसलिए पूरी राशि सास के खाते में जमा करने के आदेश दिए गए हैं।   किससे कितनी मुआवजा राशि मिली बहू श्वेता के मामले में 59.48 लाख रुपये मुआवजा और छह साल का ब्याज 22.64 लाख रुपए समेत कुल 82.12 लाख रुपए देने का आदेश हुआ है। इसमें 19.48 लाख रुपये एफडी के रूप में जमा रहेंगे। बेटे आयुष के मामले में 36.11 लाख रुपये मुआवजा और छह साल का ब्याज 13.74 लाख रुपये समेत कुल 49.86 लाख रुपए देने के निर्देश हुए हैं। 20 लाख रुपये एफडी के रूप में जमा रहेंगे। ऐसे मिली सास को बहू की मुआवजा राशि कोर्ट ने कहा कि भले ही सास अपनी बहू श्वेता पर आश्रित नहीं थी लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हादसे के कारण बहू के सुख से वंचित हुई है। सास का उससे प्यार, स्नेह, मार्गदर्शन, भरण-पोषण सभी कुछ छूट गया। इसके चलते बहू की मौत का मुआवजा भी उनकी सास को दिया जाए। कोर्ट ने माना कि ससुर की मौत हो चुकी है इसलिए कोर्ट ने राशि मालती देवी के खाते में डालने का आदेश दिया। 

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Tue, 29 Aug 2023 10: 52 AM IST

इंदौर में बहू और बेटे की मौत पर सास को एक करोड़ 31 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश हुआ है। मामला स्कीम-94 निवासी 29 वर्षीय आयुष और 28 वर्षीय पत्नी श्वेता दीक्षित की मौत से जुड़ा है। आयुष सेल्स एक्जीक्यूटिव थे, जबकि श्वेता पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर थी। आयुष और श्वेता दीक्षित की शादी तीन साल पहले हुई थी। उनकी कोई संतान नहीं थी। 

दोनों 16 नवम्बर 2016 की रात डेढ़ बजे होटल से खाना खाकर लौट रहे थे। उस वक्त उनकी तेज रफ्तार कार बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे के पास खड़े कंटेनर से टकरा गई थी। इसमें दोनों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद श्वेता की सास मालती देवी, ससुर गौरीशंकर दीक्षित (53) और देवर दिव्यांश ने कोर्ट में क्लेम केस लगाया। 25 अगस्त को जिला कोर्ट ने ब्याज सहित 1.31 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। चूंकि, केस की सुनवाई के दौरान ही ससुर की कोरोना से मौत हो गई थी इसलिए पूरी राशि सास के खाते में जमा करने के आदेश दिए गए हैं।
 

किससे कितनी मुआवजा राशि मिली
बहू श्वेता के मामले में 59.48 लाख रुपये मुआवजा और छह साल का ब्याज 22.64 लाख रुपए समेत कुल 82.12 लाख रुपए देने का आदेश हुआ है। इसमें 19.48 लाख रुपये एफडी के रूप में जमा रहेंगे। बेटे आयुष के मामले में 36.11 लाख रुपये मुआवजा और छह साल का ब्याज 13.74 लाख रुपये समेत कुल 49.86 लाख रुपए देने के निर्देश हुए हैं। 20 लाख रुपये एफडी के रूप में जमा रहेंगे।

ऐसे मिली सास को बहू की मुआवजा राशि
कोर्ट ने कहा कि भले ही सास अपनी बहू श्वेता पर आश्रित नहीं थी लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हादसे के कारण बहू के सुख से वंचित हुई है। सास का उससे प्यार, स्नेह, मार्गदर्शन, भरण-पोषण सभी कुछ छूट गया। इसके चलते बहू की मौत का मुआवजा भी उनकी सास को दिया जाए। कोर्ट ने माना कि ससुर की मौत हो चुकी है इसलिए कोर्ट ने राशि मालती देवी के खाते में डालने का आदेश दिया। 

Posted in MP