indore:-संघ-के-अनुषांगिक-संगठनों-के-पदाधिकारियों-की-बैठक-13-से-इंदौर-में,-देशभर-से-200-पदाधिकारी-आएंगे
आरएसएस की बैठक इंदौर में। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us  आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों की तीन दिनी बैठक इंदौर में 13 सितंबर से होने जा रही है। इसमें 200 पदाधिकारी शामिल होंगे और संगठनों की आगामी गतिविधियों की रूपरेखा तय करेंगे। अगले साल आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस लिहाज से यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बीते दो साल से संघ के अनुषांगिक संगठनों ने कई गतिविधियां देशभर में संचालित कीं। अयोध्या में राम प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश भर में माहौल बना। आरएसएस से जुड़े संगठनों ने इसके लिए कई आयोजन किए। अगले साल भी संघ इन संगठनों की माध्यम से सामाजिक गतिविधियों में ज्यादा हिस्सेदारी करेगा। इसकी रणनीति समन्वय बैठक में बनेगी। लोकसभा चुनाव के बाद समन्वय विभाग की अखिल भारतीय स्तर की यह पहली बैठक है। बैठक में केंद्रीय स्तर के कुछ पदाधिकारी शामिल होंगे, जबकि देशभर से 200 से ज्यादा पदाधिकारी आएंगे। भाजपा के कुछ पदाधिकारी भी बैठक का हिस्सा हो सकते हैं। पांच साल पहले भी यह बैठक बायपास के एक गार्डन में हुई थी। इस बार यह बैठक बायपास स्थित अग्रसेन भवन में होगी।   सामाजिक समरसता बढ़ाने पर फोकस आरएसएस अपने स्थापना के 100 वर्ष के उपलक्ष्य में कोई बड़ा आयोजन नहीं कर रहा है। संघ मालवा प्रांत में सबसे मजबूत है। वर्षगांठ के मौके पर इंदौर में राऊ स्थित स्कूल में एक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हो सकते हैं। संघ इस साल भी सामाजिक समरसता और समाजों में पैठ बनाने पर फोकस करेगा, ताकि समाज के लोग संघ की विचारधारा से जुड़ सकें।

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आरएसएस की बैठक इंदौर में। – फोटो : अमर उजाला

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 आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों की तीन दिनी बैठक इंदौर में 13 सितंबर से होने जा रही है। इसमें 200 पदाधिकारी शामिल होंगे और संगठनों की आगामी गतिविधियों की रूपरेखा तय करेंगे। अगले साल आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

इस लिहाज से यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बीते दो साल से संघ के अनुषांगिक संगठनों ने कई गतिविधियां देशभर में संचालित कीं। अयोध्या में राम प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश भर में माहौल बना। आरएसएस से जुड़े संगठनों ने इसके लिए कई आयोजन किए। अगले साल भी संघ इन संगठनों की माध्यम से सामाजिक गतिविधियों में ज्यादा हिस्सेदारी करेगा। इसकी रणनीति समन्वय बैठक में बनेगी।

लोकसभा चुनाव के बाद समन्वय विभाग की अखिल भारतीय स्तर की यह पहली बैठक है। बैठक में केंद्रीय स्तर के कुछ पदाधिकारी शामिल होंगे, जबकि देशभर से 200 से ज्यादा पदाधिकारी आएंगे। भाजपा के कुछ पदाधिकारी भी बैठक का हिस्सा हो सकते हैं। पांच साल पहले भी यह बैठक बायपास के एक गार्डन में हुई थी। इस बार यह बैठक बायपास स्थित अग्रसेन भवन में होगी।

 
सामाजिक समरसता बढ़ाने पर फोकस
आरएसएस अपने स्थापना के 100 वर्ष के उपलक्ष्य में कोई बड़ा आयोजन नहीं कर रहा है। संघ मालवा प्रांत में सबसे मजबूत है। वर्षगांठ के मौके पर इंदौर में राऊ स्थित स्कूल में एक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हो सकते हैं। संघ इस साल भी सामाजिक समरसता और समाजों में पैठ बनाने पर फोकस करेगा, ताकि समाज के लोग संघ की विचारधारा से जुड़ सकें।

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