indore:-शोले-फिल्म-के-वीरू-और-जय-के-किरदारों-का-इंदौर-से-था-कनेक्शन,-सलीम-को-अपने-दोस्तों-से-मिली-थी-प्रेरणा
फिल्म शोले के लेखक सलीम खान। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us भारतीय फिल्म जगत की चर्चित फिल्म शोले की पटकथा लिखने वाले सलीम खान और जावेद अख्तर एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके जीवन पर अमेजन प्राइम पर डाक्यूमेंट्री सीरिज हाल ही में रिलीज हुई है। इसमें सलीम खान ने बताया कि वे हीरो बनने मुंबई गए थे, लेकिन बाद में लेखक बन गए। सलीम खान इंदौर के हैं। उनके बेटे फिल्म अभिनेता सलमान खान का जन्म भी इंदौर में हुआ है। सलीम के दो बड़े भाई और उनका परिवार इंदौर में ही रहता है। सलीम जावेद की सबसे सुपरहिट फिल्म शोले रही। इस फिल्म के किरदार वीरू और जय का कनेक्शन भी इंदौर से है। सलमान के चचेरे भाई मतीन खान ने बताया कि सलीम चाचा के दोस्त जय सिंह रावका और वीरेंद्र बायस थे। वे खजराना कोठी इलाके में रहते थे। वह इलाका अब बैकुंठ धाम काॅलोनी कहलाता है। जय सिंह और वीरेंद्र पक्के दोस्त थे और अक्सर साथ रहते थे। सलीम चाचा ने जब शोले फिल्म की कहानी लिखी तो उन्हें अपने ये दोनों दोस्त याद रहे। फिर उन्होंने उसी आधार पर वीरू और जय के किरदार गढ़े। मतीन बताते हैं कि फिल्म में केस्टो मुखर्जी ने जो हरिराम का किरदार निभाया था। वह भी इंदौर की ही देन है। दरअसल पलासिया थाने पर एक कटिंग की दुकान थी, जो हरिराम संचालित करते थे। सलीम उनसे ही कटिंग बनाने जाते थे। पिता के मुंह से सुनते थे गब्बर सिंह का नाम गब्बर सिंह के रोल के बारे में सलीम खान के खुद अपनी डाक्यूमेंट्री सीरिज में जिक्र किया कि वे उनके पिता के मुंह से डाकू गब्बर सिंह का नाम सुनते थे। उनके पिता डीआईजी थे। तब वे चंबल के डाकू गब्बर के बारे में अक्सर बातें करते थे। शोले में डाकू के किरदार का नाम फिर सलीम ने भी गब्बर रखा। के. अमरनाथ लाए थे सलीम को फिल्मों में इंदौर में वर्ष 1959 में ताराचंद बड़जात्या की बेटी की शादी थी। शादी में मुंबई के कई निर्माता निर्देशक आए थे। उनमें के. अमरनाथ भी शामिल थे। होटल में सलीम खान भी आते-जाते रहते थे। वहां अमरनाथ ने सलीम को देखा और अपनी फिल्म में काम करने का आफर दिया। इसके बाद सलीम मुंबई चले गए। अमरनाथ ने अपनी फिल्म बरात में अभिनेता अजीत के भाई का रोल सलीम को दिया था।

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फिल्म शोले के लेखक सलीम खान। – फोटो : अमर उजाला

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भारतीय फिल्म जगत की चर्चित फिल्म शोले की पटकथा लिखने वाले सलीम खान और जावेद अख्तर एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके जीवन पर अमेजन प्राइम पर डाक्यूमेंट्री सीरिज हाल ही में रिलीज हुई है। इसमें सलीम खान ने बताया कि वे हीरो बनने मुंबई गए थे, लेकिन बाद में लेखक बन गए। सलीम खान इंदौर के हैं। उनके बेटे फिल्म अभिनेता सलमान खान का जन्म भी इंदौर में हुआ है। सलीम के दो बड़े भाई और उनका परिवार इंदौर में ही रहता है।

सलीम जावेद की सबसे सुपरहिट फिल्म शोले रही। इस फिल्म के किरदार वीरू और जय का कनेक्शन भी इंदौर से है। सलमान के चचेरे भाई मतीन खान ने बताया कि सलीम चाचा के दोस्त जय सिंह रावका और वीरेंद्र बायस थे। वे खजराना कोठी इलाके में रहते थे। वह इलाका अब बैकुंठ धाम काॅलोनी कहलाता है। जय सिंह और वीरेंद्र पक्के दोस्त थे और अक्सर साथ रहते थे।

सलीम चाचा ने जब शोले फिल्म की कहानी लिखी तो उन्हें अपने ये दोनों दोस्त याद रहे। फिर उन्होंने उसी आधार पर वीरू और जय के किरदार गढ़े। मतीन बताते हैं कि फिल्म में केस्टो मुखर्जी ने जो हरिराम का किरदार निभाया था। वह भी इंदौर की ही देन है। दरअसल पलासिया थाने पर एक कटिंग की दुकान थी, जो हरिराम संचालित करते थे। सलीम उनसे ही कटिंग बनाने जाते थे।

पिता के मुंह से सुनते थे गब्बर सिंह का नाम
गब्बर सिंह के रोल के बारे में सलीम खान के खुद अपनी डाक्यूमेंट्री सीरिज में जिक्र किया कि वे उनके पिता के मुंह से डाकू गब्बर सिंह का नाम सुनते थे। उनके पिता डीआईजी थे। तब वे चंबल के डाकू गब्बर के बारे में अक्सर बातें करते थे। शोले में डाकू के किरदार का नाम फिर सलीम ने भी गब्बर रखा।

के. अमरनाथ लाए थे सलीम को फिल्मों में
इंदौर में वर्ष 1959 में ताराचंद बड़जात्या की बेटी की शादी थी। शादी में मुंबई के कई निर्माता निर्देशक आए थे। उनमें के. अमरनाथ भी शामिल थे। होटल में सलीम खान भी आते-जाते रहते थे। वहां अमरनाथ ने सलीम को देखा और अपनी फिल्म में काम करने का आफर दिया। इसके बाद सलीम मुंबई चले गए। अमरनाथ ने अपनी फिल्म बरात में अभिनेता अजीत के भाई का रोल सलीम को दिया था।

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