indore:-शहर-में-ध्वनि-प्रदूषण-के-खिलाफ-हाई-कोर्ट-ने-सरकार-को-जारी-किया-नोटिस,-तीन-सप्ताह-में-मांगा-जवाब
अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Fri, 06 Oct 2023 07: 31 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें अमिताभ उपाध्याय एवं चिन्मय मिश्र ने अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ याचिका दायर की है। कोर्ट ने दिया तीन सप्ताह का समय।    INDORE NEWS - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार Follow Us मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकार को ध्वनि प्रदूषण के मामले में नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि शहरभर में तेज शोर होता है, लोग परेशान होते हैं। इसके बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। कोलाहल अधिनियम तो है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। सरकार को तीन सप्ताह में इस पर जवाब देना है। याचिकाकर्ता अमिताभ उपाध्याय एवं चिन्मय मिश्र ने इस मामले में एक जनहित याचिका दायर की है। जनहित याचिका इंदौर शहर में हो रहे अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ दायर की गई है। इसमें मध्य प्रदेश शासन, कलेक्टर इंदौर, नगर निगम आयुक्त इंदौर, पुलिस कमिश्नर इंदौर एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिसपोंडेंट बनाया गया है। याचिकाकर्ता का तर्क यह है कि इंदौर शहर में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के नाम पर अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है जो कि व्यक्ति के शांति से जीवन जीने के अधिकार, अच्छी नींद के अधिकार, निजता तथा गरिमा के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। साथ ही साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित कई आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है। साथ ही ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम तथा शासन के ही कई आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है। नियम विरुद्ध बन रहे लाउड स्पीकर जप्त किए जाएं याचिका के द्वारा न्यायालय से यह सहायता मांगी गई है कि शासन एवं उसके विभिन्न अंगों को यह निर्देशित किया जाए कि ऐसे सभी लाउड स्पीकर जो कि नियम डेसिमल से अधिक की आवाज देते हों उन्हें तुरंत जप्त किया जाए और उन्हें बेचने तथा बनाने वालों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए। यह भी मांग है कि अगर किसी कार्यक्रम में रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच लाउड स्पीकर या डी. जे. का प्रयोग हो रहा है तो उसे भी कानून का उल्लंघन मानकर जप्त किया जाए। इसे जिसके भी द्वारा वह लगाया गया हो उस पर कार्यवाही करें और जो भी आर्टिस्ट, डी. जे. या अन्य परफॉर्मर रात 10 से सुबह 6 के बीच कार्यक्रम कर ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं, उन पर भी कार्यवाही की जाए। याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुश्रुत धर्माधिकारी एवं न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की युगल पीठ द्वारा नोटिस जारी कर शासन से जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता अभिनव धनोड़कर द्वारा की गई। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Fri, 06 Oct 2023 07: 31 PM IST

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अमिताभ उपाध्याय एवं चिन्मय मिश्र ने अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ याचिका दायर की है। कोर्ट ने दिया तीन सप्ताह का समय। 
  INDORE NEWS – फोटो : अमर उजाला, इंदौर

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मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकार को ध्वनि प्रदूषण के मामले में नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि शहरभर में तेज शोर होता है, लोग परेशान होते हैं। इसके बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। कोलाहल अधिनियम तो है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। सरकार को तीन सप्ताह में इस पर जवाब देना है।

याचिकाकर्ता अमिताभ उपाध्याय एवं चिन्मय मिश्र ने इस मामले में एक जनहित याचिका दायर की है। जनहित याचिका इंदौर शहर में हो रहे अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ दायर की गई है। इसमें मध्य प्रदेश शासन, कलेक्टर इंदौर, नगर निगम आयुक्त इंदौर, पुलिस कमिश्नर इंदौर एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिसपोंडेंट बनाया गया है। याचिकाकर्ता का तर्क यह है कि इंदौर शहर में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के नाम पर अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है जो कि व्यक्ति के शांति से जीवन जीने के अधिकार, अच्छी नींद के अधिकार, निजता तथा गरिमा के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। साथ ही साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित कई आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है। साथ ही ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम तथा शासन के ही कई आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है।

नियम विरुद्ध बन रहे लाउड स्पीकर जप्त किए जाएं
याचिका के द्वारा न्यायालय से यह सहायता मांगी गई है कि शासन एवं उसके विभिन्न अंगों को यह निर्देशित किया जाए कि ऐसे सभी लाउड स्पीकर जो कि नियम डेसिमल से अधिक की आवाज देते हों उन्हें तुरंत जप्त किया जाए और उन्हें बेचने तथा बनाने वालों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए। यह भी मांग है कि अगर किसी कार्यक्रम में रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच लाउड स्पीकर या डी. जे. का प्रयोग हो रहा है तो उसे भी कानून का उल्लंघन मानकर जप्त किया जाए। इसे जिसके भी द्वारा वह लगाया गया हो उस पर कार्यवाही करें और जो भी आर्टिस्ट, डी. जे. या अन्य परफॉर्मर रात 10 से सुबह 6 के बीच कार्यक्रम कर ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं, उन पर भी कार्यवाही की जाए।

याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुश्रुत धर्माधिकारी एवं न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की युगल पीठ द्वारा नोटिस जारी कर शासन से जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता अभिनव धनोड़कर द्वारा की गई।

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