indore:-लालबाग-पैलेस-में-साउथ-इंडियन-फिल्म-की-शूटिंग-खत्म,-गंदगी-और-कचरा-छोड़-गई-यूनिट
पैलेस परिसर मेें फैला कचरा। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us इंदौर के लालबाग पैलेस मेें छह दिन से चल रही एक साउथ इंडियन फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद यूनिट तो चली गई, लेकिन उनका कचरा तीन दिन बाद भी लालबाग परिसर में गंदगी और बदबू फैला रहा हैै। लालबाग पैलेस देखने आए पर्यटक भी कचरा देखकर इंदौर को लेकर गलत छवि लेकर जा रहे है। इंदौर सातवीं बार स्वच्छता में नंबर वन है, लेेकिन इस तरह के दृश्य अब नजर आने लगे हैै। वैसे कचरे का निपटान फिल्म की शुटिंग करने वाली यूनिट की जिम्मेदारी है, लेकिन वह लौट गई। लालबाग पैलेस को एक साऊथ इंडियन फिल्म के लिए छह दिन के लिए किराए पर लिया गया था। इस कारण पर्यटक भी लालबाग पैलेस घूम नहीं पा रहे थे। शूटिंग के दौरान स्टाॅफ के लिए परिसर में ही खाना बनाया जाता था। 30 से ज्यादा दिनभर शूटिंग में शामिल रहते थे। सीन के लिए पैलेस के भीतर भी सेट लगाकर बदलाव किए गए थे। इस कारण लकड़ी, थर्माकोल व कागज का काफी कचरा फैला हुआ था। छह दिनों मेें यह कचरा काफी फैल चुका था, लेकिन उसे नियमित रुप से नहीं उठाया जा रहा था। फर्श पर सिगरेट के टुकड़े, धूल पैलेस की फर्श पर सिगरेट के टुकड़े भी फैले नजर आए। इसके अलावा धूल भी जमी हुई है। पैलेस के कक्ष भी काफी बिखरे हुए है। पर्यटकों के हिसाब से फिर से पैलेस को तैयार करने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है, क्योकि काफी सामान हटा भी दिया गया। 60 हजार रुपये प्रतिदिन है किराया फिल्मों की शूटिंग के लिए पुरातत्व विभाग 60 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराया लेता है। पैलेस में कलंक, सिंह साब दी ग्रेट, मणिकर्णिका फिल्म के अलावा एक तमील फिल्म की शूटिंग भी हो चुकी है।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

पैलेस परिसर मेें फैला कचरा। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

इंदौर के लालबाग पैलेस मेें छह दिन से चल रही एक साउथ इंडियन फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद यूनिट तो चली गई, लेकिन उनका कचरा तीन दिन बाद भी लालबाग परिसर में गंदगी और बदबू फैला रहा हैै।

लालबाग पैलेस देखने आए पर्यटक भी कचरा देखकर इंदौर को लेकर गलत छवि लेकर जा रहे है। इंदौर सातवीं बार स्वच्छता में नंबर वन है, लेेकिन इस तरह के दृश्य अब नजर आने लगे हैै। वैसे कचरे का निपटान फिल्म की शुटिंग करने वाली यूनिट की जिम्मेदारी है, लेकिन वह लौट गई।

लालबाग पैलेस को एक साऊथ इंडियन फिल्म के लिए छह दिन के लिए किराए पर लिया गया था। इस कारण पर्यटक भी लालबाग पैलेस घूम नहीं पा रहे थे। शूटिंग के दौरान स्टाॅफ के लिए परिसर में ही खाना बनाया जाता था।

30 से ज्यादा दिनभर शूटिंग में शामिल रहते थे। सीन के लिए पैलेस के भीतर भी सेट लगाकर बदलाव किए गए थे। इस कारण लकड़ी, थर्माकोल व कागज का काफी कचरा फैला हुआ था। छह दिनों मेें यह कचरा काफी फैल चुका था, लेकिन उसे नियमित रुप से नहीं उठाया जा रहा था।

फर्श पर सिगरेट के टुकड़े, धूल

पैलेस की फर्श पर सिगरेट के टुकड़े भी फैले नजर आए। इसके अलावा धूल भी जमी हुई है। पैलेस के कक्ष भी काफी बिखरे हुए है। पर्यटकों के हिसाब से फिर से पैलेस को तैयार करने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है, क्योकि काफी सामान हटा भी दिया गया।

60 हजार रुपये प्रतिदिन है किराया

फिल्मों की शूटिंग के लिए पुरातत्व विभाग 60 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराया लेता है। पैलेस में कलंक, सिंह साब दी ग्रेट, मणिकर्णिका फिल्म के अलावा एक तमील फिल्म की शूटिंग भी हो चुकी है।

Posted in MP