इंदौर के प्रोजेक्टों पर सीएम ने ली बैठक। – फोटो : अमर उजाला
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इंदौर के विकास को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनप्रतिनिधियों व अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चार शहरों को महानगर बनाने की आउट लाइन बनाई है। उसमें इंदौर-उज्जैन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट सबसे अच्छी है। अन्य शहरों को भी हम महानगर बनाएंगे। इंदौर में रेल, हवाई और सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगे। मैने अफसरों को नगरीय निकायों और ग्रामीणों निकायों के बीच तालमेल बनाकर काम करने के लिए कहा है।
नगर निगम की सीमा में शामिल नए गांवों में जो परेशानियां है। उसे भी हल करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर के विकास को लेकर जो भी सुझाव आए है। उस पर अमल करने के लिए अफसरों को कहा है। उन्होंने कहा कि इंदौर के प्रभारी मंत्री के तौर पर यह मेरी पहली बैठक है। बाद में एक-एक प्रोजेक्टों की समीक्षा बैठक में की जाएगी और उनकी बाधाएं दूर की जाएगी। मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। इंदौर के विकास में कोई कमी नहीं आने नहीं दी जाएगी।
सिंहस्थ से पहले इंदौर-उज्जैन तक मेट्रो ट्रेन का संचालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ से पहले इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो शटल ट्रेन चलेगी। इसकी स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होगी। यह ट्रेन दोनों शहरों को जोड़ेगी।
सिंहस्थ से पहले हो नदी शुद्धिकरण और सड़कों के काम
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ मेलेे में इंदौर से होकर ही ज्यादातर लोग उज्जैन जाते है। इस कारण उन कामों को प्राथमिकता दी जाएगी। कान्ह नदी शुद्धिकरण का काम भी प्रभावी तरीके से होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मास्टर प्लान मार्गों के निर्माण, नए बस स्टेशन का संचालन शुरू करने के लिए भी कहा है। अफसरों ने बताया कि सिंहस्थ से पहले रिजलाय गांव से रेवती गांव तक अहिल्या पथ का निर्माण होगा। इस सड़क को बनाने में चार सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। बैठक में नर्मदा के चौथे चरण, पश्चिमी बायपास, ब्रिजों के निर्माण सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। करीब एक घंटे चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव खंडवा के लिए रवाना हो गए।
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