इंदौर के आसपास भी होगा विकास। – फोटो : अमर उजाला
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इंदौर के मास्टर प्लान मेें सिर्फ इंदौर ही नहीं अासपास के क्षेत्रों पर भी फोकस किया जा रहा है। उपनगरों की तर्ज पर महू,देवास अौर पीथमपुर का विकास होगा। इसके लिए मेट्रोपाॅलिटन रीजन बनाने की तैयारी की जा रही है। इस कवायद से इंदौर के विकास का दायरा 40 से 50 किमोमीटर तक हो जाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग मेट्रोपाॅलिटी अर्थारिटी बनाकर क्षेत्रीय विकास पर नजर रखेगा। इसके बनने से केंद्र से शहरों को ज्यादा मदद मिलेगी।
दिल्ली में नोएडा अौर गुड़गांव को जोड़कर विकास किया गया हैै। इसके बाद दिल्ली का फैलाव हो गया अौर अाबादी का दबाव भी दिल्ली शहर पर नहीं अाया। इंदौर का मास्टर प्लान तैयार हो रहा है। इंदौर को महानगर की तरह विकसित करने की मांग इंदौर उत्थान अभियान व अन्य संस्थाएं लगातार कर रही हैै। अब सरकार ने भी इस मांग पर विचार करना शुरू कर दिया है।
मेट्रो ट्रेन का विस्तार होगा
इंदौर में मेट्रो काॅरिडोर बन रहा है। भविष्य मेें इसे उज्जैन और महू व पीथमपुर से जोड़ा जाएगा। मेट्रोपाॅलिटन अर्थारिटी होने से केंद्र से इसके लिए मदद मिलने में आसानी हो जाएगी। इससे इंदौर पर आबादी का दबाव कम होगा।
पीथमपुर, देवास में काम करने वाले लोग भी इंदौर से डेली अपडाउन करते हैै। शिप्रा नदी शुद्धिकरण के लिए भी समग्र योजना जरुरी है। अभी इंदौर और उज्जैन मेें अलग-अलग परियोजनाएं तैयार कर कवायद होती रही है, लेकिन परिणाम संतोषजनक नहीं निकले।
इंदौर उत्थान अभियान के संयोजक अजीत सिंह नारंग का कहना है कि समग्र विकास के लिए अर्थारिटी का गठन जरुरी हैै। देश के ज्यादातर शहरों में इसका गठन हो चुका है। मध्य प्रदेश मेें अभी तक किसी भी बड़े शहर मेें इसका गठन नहीं हो पाया है। उपनगरों का भी इससे व्यवस्थित विकास हो सकेगा।
यह होता मेट्रोपाॅलिटन रीजन का फायदा
-इंदौर की सरहद के आसपास अवैध बसाहट रुकेगी। उपनगरों से जुड़े मार्गों को चौड़ा किया जाएगा।
-क्षेत्रीय विकास के लिए योजनाएं तैयार कर केंद्र से पैसा लाने में अासानी होगी।
– रियल इस्टेट सेक्टर का विस्तार होगा। अभी देवास और उज्जैन की तरफ बसाहट बढ़ रही है।
– इंदौर पर आबादी का दबाव कम होगा। उपनगरों में अधोसरंचना विकास होने पर वहां लोग रहना पसंद करेंगे।
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