न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Tue, 03 Sep 2024 03: 14 PM IST
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंदौर में पत्रकारों से चर्चा की, नए प्रोजेक्ट के फायदे बताए। मुख्यमंत्री ने कहा आदिवासी अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जुड़ेंगे। तेजी से उद्योग आएंगे।
इंदौर में रेलवे परियोजना की जानकारी देते मुख्यमंत्री मोहन यादव। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर
विस्तार Follow Us
इंदौर और मनमाड़ के बीच नई रेल लाइन शुरू की जा रही है। इससे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हजारों करोड़ का निवेश आएगा। यह बात रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवी ने इंदौर में पत्रकारों से वर्चुअल बातचीत की दौरान कही। इस दौरान ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद रहे। सीएम मोहन यादव ने कहा कि ये रेल नहीं, आदिवासियों के लिए विकास लाइन है। रेलवे ट्रैक नहीं होने से आजादी के कारण यहां से बड़ी संख्या में आदिवासियों का पलायन हुआ है। यह रुक जाएगा। उन्होंने कहा कि ये त्र्यंबकेश्वर से महाकालेश्वर को जोड़ने वाला रास्ता है। इससे माइनिंग से मिलेट्स, नासिक के प्याज, मालवा के आलू को बड़ा मार्केट मिलेगा। लॉजिस्टिक हब भी विकसित होगा।
चार रेल गोदाम बनेंगे
चार जगह रेलवे गोदाम बनेंगे। दो रेल गोदाम इंदौर के पास कैलोद और धार जिले के ग्यासपुरखेड़ी में जबकि दो महाराष्ट्र के न्यू धुले और मालेगांव में बनेंगे। इस ट्रैक का फ्रेट कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
केंद्र और राज्य के बीच में बजट किस तरह से बंटेगा
प्रोजेक्ट की लागत 18036 करोड़ रुपए है। मध्यप्रदेश में 13628 करोड़ रुपए जबकि महाराष्ट्र में 4408 करोड़ रुपए का खर्च होंगे। प्रदेश के हिस्से के खर्च में 10% यानी 1,362.80 करोड़ रुपए मध्यप्रदेश सरकार वहन करेगी। बाकी केंद्र सरकार देगी। महाराष्ट्र सरकार का योगदान नहीं रहेगा।
एमपी में 18 और महाराष्ट्र में 16 रेलवे स्टेशन होंगे
इंदौर से मनमाड़ तक कुल 34 रेलवे स्टेशन इस लाइन पर आएंगे। इनमें से 30 नए बनेंगे जबकि चार पहले से हैं। मध्यप्रदेश में 17 नए स्टेशन मिलाकर कुल 18 रेलवे स्टेशन होंगे। इंदौर की तरफ से देखें तो महू (पहले से है), कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्त्या बड़, ग्यासपुरखेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा स्टेशन महाराष्ट्र बॉर्डर पर बनेगा। महाराष्ट्र में 16 स्टेशन होंगे, जिसमें से तीन पहले से बने हुए हैं। ये स्टेशन सांगवी, लोकी, शिरपुर, दभाक्षी, नदाना (पहले से है), न्यू धुले (पहले से है), कस्बे ललिंग्नान, पूरमपेड़ा, झांझ, छीकाहोल, मालेगांव, यसगांव बीके, मेहुन, चोंधी, खटगांव और मनमाड़ (पहले से है) होंगे।
30 लाख की आबादी को होगा फायदा
अश्विनी वैष्णव ने कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रि-मंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। इंदौर और मनमाड़ के बीच प्रस्तावित यह नई रेल लाइन सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी। यह नए भारत की कल्पना के अनुरूप है, जो क्षेत्र के व्यापक विकास के साथ ही लोगों को “आत्म-निर्भर” बनाएगी। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगा। परियोजना महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी। नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1 हजार गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को सीधा लाभ मिलेगा।
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
परियोजना देश के पश्चिमी दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा। परियोजना मध्यप्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके वितरण में सुविधा होगी।
कृषि, उद्योग में भी फायदा होगा
कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल के परिवहन के लिए यह एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (18 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बनडाइक्साइड उत्सर्जन (138 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा जो साढ़े 5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
आंकड़ों में जानें परियोजना की जानकारी
160 किलोमीटर रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
17 नए स्टेशन बनेंगे मध्यप्रदेश में
1420 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा
309 किमी लंबा ये प्रोजेक्ट है
18 हजार 36 करोड़ रुपए का बजट
2029 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा प्रोजेक्ट
35 रेलवे ओवरब्रिज को डबल लाइन के हिसाब से बनाया जाएगा
1700 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है रेलवे को
1420 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा
244 हेक्टेयर सरकारी जमीन होगी
37 हेक्टेयर जमीन जंगल की ली जाएगी
309.432 किलोमीटर है परियोजना की कुल लंबाई
170.056 किलोमीटर मप्र में और महाराष्ट्र में 139.376 किलोमीटर दूरी
34 रेलवे स्टेशन इस लाइन पर आएंगे
30 नए बनेंगे जबकि चार पहले से हैं
17 नए स्टेशन मप्र में बनेंगे बाकि महाराष्ट्र में बनेंगे
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Comments