indore:-बूढ़ी-लाइनों-के-भरोसे-शहर-में-चौथा-चरण-लाने-की-तैयारी,-चार-सौ-किलोमीटर-लंबाई-में-30-साल-पुरानी-लाइनें
शहर में नर्मदा का चौथा चरण भी आएगा। - फोटो : amar ujala digital विस्तार 29 गांवों के शहर मेें शामिल होने के बाद शहर में नर्मदा का चौथा चरण लाने की जरुरत लंबे समय से महसूस हो रही है। इंदौर शहर की 80 फीसद आबादी तक ही फिलहाल नर्मदा का पानी पहुंच पा रहा है। शहर में भले ही चौथे चरण का पानी आ जाए, लेकिन बूढ़ी लाइनों के भरोसे ही उसे घर तक पहुंचाया गया तो दूषित पानी और  लीकेज की समस्या बनी रहेगी। शहर में चार सौ किलोमीटर लंबाई में पच्चीस साल पुरानी पाइप लाइन है, जो ज्यादातर शहर के पुराने इलाकों में है। उनमें पानी का ज्यादा प्रेशर आता है तो वह टूट जाती है। तीसरा चरण के समय भी यही परेशानी शहर ने झेली और अभी भी जलसंकट बरकरार रहता है। नगर निगम ने चौथे चरण को वर्ष 2040 तक शत प्रतिशत आबादी के हिसाब से डिजाइन किया है। अमृत 2.0 योजना में चौथे चरण पर 1550 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए जलूद में नए इंटकवेल, ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। तीन साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वहां से इंदौर तक 75 किलोमीटर लंबाई में नर्मदा की नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी, लेकिन जब यह पानी शहर तक पहुंचेगा तो उसका वितरण घरों तक ज्यादातर पुरानी लाइनों में ही होगा। तीसरे चरण के बाद पांच सौ किलोमीटर लाइन बिछाई वर्ष 2008 में नर्मदा के तीसरे चरण के समय शहर के उन इलाको में पांच सौ किलोमीटर लाइन बिछाई गई थी। नई आठ टंकियों से जुड़े इलाकों में उन्हें बिछाया गया था। शहर के तुकोगंज, अन्नपूर्णा, दशहरा मैदान, बाणगंगा, श्रमिक क्षेत्र में 25 से 30 साल पुरानी लाइनें है। जिसमें अक्सर गंदा पानी भी आ जाता है। इस बारे में जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा बबलू का कहना है कि चौथे चरण के साथ शहर में 500 किलोमीटर लंबाई में नई लाइन भी बिछाने की योजना है। पुराने इलाकों की लाइन बदली जाएगी। 785 एमएलडी पानी हो जाएगा चौथे चरण से शहर में में 360 एमएलडी पानी मिलेगा। फिलहाल शहर में नर्मदा प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण से 425 एमएलडी पानी आता है। चौथे चरण से शहरी सीमा में शामिल हुए 29 गांवों की कालोनियों व रहवासी क्षेत्रों तक नर्मदा का पानी पहुंचाया जाएगा। चारों चरणों से शहर में कुल 785 एमएलडी पानी मिलेगा।

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शहर में नर्मदा का चौथा चरण भी आएगा। – फोटो : amar ujala digital

विस्तार 29 गांवों के शहर मेें शामिल होने के बाद शहर में नर्मदा का चौथा चरण लाने की जरुरत लंबे समय से महसूस हो रही है। इंदौर शहर की 80 फीसद आबादी तक ही फिलहाल नर्मदा का पानी पहुंच पा रहा है। शहर में भले ही चौथे चरण का पानी आ जाए, लेकिन बूढ़ी लाइनों के भरोसे ही उसे घर तक पहुंचाया गया तो दूषित पानी और  लीकेज की समस्या बनी रहेगी।

शहर में चार सौ किलोमीटर लंबाई में पच्चीस साल पुरानी पाइप लाइन है, जो ज्यादातर शहर के पुराने इलाकों में है। उनमें पानी का ज्यादा प्रेशर आता है तो वह टूट जाती है। तीसरा चरण के समय भी यही परेशानी शहर ने झेली और अभी भी जलसंकट बरकरार रहता है।

नगर निगम ने चौथे चरण को वर्ष 2040 तक शत प्रतिशत आबादी के हिसाब से डिजाइन किया है। अमृत 2.0 योजना में चौथे चरण पर 1550 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए जलूद में नए इंटकवेल, ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। तीन साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वहां से इंदौर तक 75 किलोमीटर लंबाई में नर्मदा की नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी, लेकिन जब यह पानी शहर तक पहुंचेगा तो उसका वितरण घरों तक ज्यादातर पुरानी लाइनों में ही होगा।

तीसरे चरण के बाद पांच सौ किलोमीटर लाइन बिछाई

वर्ष 2008 में नर्मदा के तीसरे चरण के समय शहर के उन इलाको में पांच सौ किलोमीटर लाइन बिछाई गई थी। नई आठ टंकियों से जुड़े इलाकों में उन्हें बिछाया गया था। शहर के तुकोगंज, अन्नपूर्णा, दशहरा मैदान, बाणगंगा, श्रमिक क्षेत्र में 25 से 30 साल पुरानी लाइनें है। जिसमें अक्सर गंदा पानी भी आ जाता है। इस बारे में जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा बबलू का कहना है कि चौथे चरण के साथ शहर में 500 किलोमीटर लंबाई में नई लाइन भी बिछाने की योजना है। पुराने इलाकों की लाइन बदली जाएगी।

785 एमएलडी पानी हो जाएगा

चौथे चरण से शहर में में 360 एमएलडी पानी मिलेगा। फिलहाल शहर में नर्मदा प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण से 425 एमएलडी पानी आता है। चौथे चरण से शहरी सीमा में शामिल हुए 29 गांवों की कालोनियों व रहवासी क्षेत्रों तक नर्मदा का पानी पहुंचाया जाएगा। चारों चरणों से शहर में कुल 785 एमएलडी पानी मिलेगा।

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