indore:-पैसे-लेकर-महाकाल-के-दर्शन-की-व्यवस्था-पर-विधायक-संजय-शुक्ला-ने-उठाया-विधानसभा-में-सवाल
File photo - फोटो : SOCIAL MEDIA विस्तार Follow Us महाकाल मेें पैैसे लेकर वीआईपी दर्शन की व्यवस्था का लगातार विरोध हो रहा है। इंदौर केे कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी वीआईपी दर्शन व्यवस्था के नाम पर हो रही वसूली पर विधानसभा में सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि भस्म आरती, गर्भगृह में जल चढ़ानेे और प्रोटोकाल के नाम पर किसके आदेश पर पैसा लिया जा रहा है। उनकेे लिखित सवाल का जवाब नहीं आया, हालांकि विधानसभा सत्र भी स्थगित हो गया। विधायक संजय शुक्ला ने विधानसभा में लगाए गए लिखित प्रश्न में पूछा कि जो भक्त बगैर पैसे के दर्शन करना चाहते है। उन्हें मंदिर प्रशासन परेशान करता है। दो से तीन घंटे में दर्शन होते है। हर आठ-दस दिन में दर्शन व्यवस्था बदल दी जाती है। आम दर्शकों को जिस हाॅल में खड़ा रखा जाता है। वहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न पंखे ठीक से चलते हैै। महिला-पुरुष सब एक ही लाइन में खड़े रहते है। आम दर्शकों के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है,जबकि वीआईपी दर्शकों को प्रोटोकाल अधिकारी आवभगत कर मंदिर के भीतर तक छोड़कर अाते हैै।मंदिर में दर्शन की समान व्यवस्था होना चाहिए। महाकाल लोक बनने के बाद दर्शन व्यवस्था सुधरने के बजाए और बिगड़ गई है। बैटरी कार भी वृद्धों के बजाए वीआईपी के लिए विधायक संजय शुक्ला ने अमर उजाला से चर्चा के दौरान कहा कि महाकाल लोक के निर्माण की मंजूरी कांग्रेस सरकार ने दी थी। हमारी सरकार नहीं गिरती तो गुणवत्तापूर्ण काम महाकाल लोक में होता, लेकिन भाजपा सरकार ने घटिया निर्माण किया। हवा में छह मूर्तियां उड़ गई। महाकाल लोक में बैटरी वाली कार की व्यवस्था वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, लेकिन उसका ज्यादातर इस्तेमाल वीआईपी करते हैै।

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महाकाल मेें पैैसे लेकर वीआईपी दर्शन की व्यवस्था का लगातार विरोध हो रहा है। इंदौर केे कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी वीआईपी दर्शन व्यवस्था के नाम पर हो रही वसूली पर विधानसभा में सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि भस्म आरती, गर्भगृह में जल चढ़ानेे और प्रोटोकाल के नाम पर किसके आदेश पर पैसा लिया जा रहा है। उनकेे लिखित सवाल का जवाब नहीं आया, हालांकि विधानसभा सत्र भी स्थगित हो गया।

विधायक संजय शुक्ला ने विधानसभा में लगाए गए लिखित प्रश्न में पूछा कि जो भक्त बगैर पैसे के दर्शन करना चाहते है। उन्हें मंदिर प्रशासन परेशान करता है। दो से तीन घंटे में दर्शन होते है। हर आठ-दस दिन में दर्शन व्यवस्था बदल दी जाती है।

आम दर्शकों को जिस हाॅल में खड़ा रखा जाता है। वहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न पंखे ठीक से चलते हैै। महिला-पुरुष सब एक ही लाइन में खड़े रहते है। आम दर्शकों के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है,जबकि वीआईपी दर्शकों को प्रोटोकाल अधिकारी आवभगत कर मंदिर के भीतर तक छोड़कर अाते हैै।मंदिर में दर्शन की समान व्यवस्था होना चाहिए। महाकाल लोक बनने के बाद दर्शन व्यवस्था सुधरने के बजाए और बिगड़ गई है।

बैटरी कार भी वृद्धों के बजाए वीआईपी के लिए

विधायक संजय शुक्ला ने अमर उजाला से चर्चा के दौरान कहा कि महाकाल लोक के निर्माण की मंजूरी कांग्रेस सरकार ने दी थी। हमारी सरकार नहीं गिरती तो गुणवत्तापूर्ण काम महाकाल लोक में होता, लेकिन भाजपा सरकार ने घटिया निर्माण किया। हवा में छह मूर्तियां उड़ गई। महाकाल लोक में बैटरी वाली कार की व्यवस्था वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, लेकिन उसका ज्यादातर इस्तेमाल वीआईपी करते हैै।

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