indore:-धार-विधायक-वर्मा-भी-विरोध-में,-कहा-सुनसान-क्षेत्र-मेें-नई-फैक्ट्री-बनाकर-जलाएं-विषैला-कचरा
धार विधायक नीना वर्मा। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us भोपाल गैस त्रासदी का कारण बनी भोपाल की यूनियन कार्बाइट कंपनी का कचरा पीथमपुर में जलाए जाने का विरोध धार विधायक नीना वर्मा ने किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय वर्ष 2008 में कचरा यहां डंप किया गया था। तब भी मैैने इसका विरोध किया था। अभी भी यहां कचरे के निपटना का विरोध करुंगी,क्योकि 337 टन विषैला कचरा जलाने से पीथमपुर को काफी नुकसान उठना पड़ेगा। केंद्र सरकार 126 करोड़ रुपये कचरे के निपटान के लिए रामकी कंपनी को देगी, जबकि 80 करोड़ रुपये में सुनसान क्षेत्र में फैक्ट्री डालकर कचरे के निपटान का विकल्प है। वर्मा ने कहा कि मैने सुना है कि कम राशि में दूूसरा देश कचरे के निपटान के लिए तैयार हैै। इस विकल्प के बारे में भी सरकार को विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में 40 टन कचरा यहां दफनाया गया था तो प्रदेश की भाजपा सरकार के माध्यम से हमने यूपीए की केंद्र सरकार के सामने आपत्ति ली थी। तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयराम रमेेश यहां जांच के लिए आए थे। उन्होंने तब कहा था कि फैैक्ट्री का शेष कचरा यहां निपटान नहीं किया जाएगा। अब 16 साल बाद फिर क्यों यहां फिर से कचरा लाने की बात हो रही है। आपको बता दे कि लोकसभा में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भोपाल का कचरा पीथमपुर में निपटान करने का बयान दिया था। इस फैसले का लगातार पीथमपुर में विरोध हो रहा है। स्थानीय लोग प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे है।

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धार विधायक नीना वर्मा। – फोटो : अमर उजाला

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भोपाल गैस त्रासदी का कारण बनी भोपाल की यूनियन कार्बाइट कंपनी का कचरा पीथमपुर में जलाए जाने का विरोध धार विधायक नीना वर्मा ने किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय वर्ष 2008 में कचरा यहां डंप किया गया था। तब भी मैैने इसका विरोध किया था।

अभी भी यहां कचरे के निपटना का विरोध करुंगी,क्योकि 337 टन विषैला कचरा जलाने से पीथमपुर को काफी नुकसान उठना पड़ेगा। केंद्र सरकार 126 करोड़ रुपये कचरे के निपटान के लिए रामकी कंपनी को देगी, जबकि 80 करोड़ रुपये में सुनसान क्षेत्र में फैक्ट्री डालकर कचरे के निपटान का विकल्प है। वर्मा ने कहा कि मैने सुना है कि कम राशि में दूूसरा देश कचरे के निपटान के लिए तैयार हैै। इस विकल्प के बारे में भी सरकार को विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में 40 टन कचरा यहां दफनाया गया था तो प्रदेश की भाजपा सरकार के माध्यम से हमने यूपीए की केंद्र सरकार के सामने आपत्ति ली थी। तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयराम रमेेश यहां जांच के लिए आए थे। उन्होंने तब कहा था कि फैैक्ट्री का शेष कचरा यहां निपटान नहीं किया जाएगा। अब 16 साल बाद फिर क्यों यहां फिर से कचरा लाने की बात हो रही है।

आपको बता दे कि लोकसभा में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भोपाल का कचरा पीथमपुर में निपटान करने का बयान दिया था। इस फैसले का लगातार पीथमपुर में विरोध हो रहा है। स्थानीय लोग प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे है।

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